वित्तीय या राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस प्रकार के आपराधिक शोषण के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु अधिनियम में उपबन्ध किये गये हैं।
सती निवारण अधिनियम 1987
अधिनियम की धारा 4(1) के अनुसार यदि कोई स्त्री सती होती है, तब जो कोई ऐसे सती होने का प्रत्यक्षत: या अप्रत्यक्ष रूप से दुष्प्रेरण (Abetment) करता है, वह मृत्युदण्ड से या आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा तथा जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।धारा 4(2) के अनुसार यदि कोई स्त्री सती होने का प्रयास करती है तब जो कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे प्रयास का दुष्पे्ररण करेगा, वह आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा तथा जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
अधिनियम की धारा 2(1)(स) के अनुसार सती का अर्थ
- विधवा को उसके मृत पति के शव या किसी रिश्तेदार के शव या किसी वस्तु, पदार्थ या सामग्री, जो उसके पति या रिश्तेदार से संबंधित हो, के साथ जीवित जलाना, या गाड़ना है, या
- इस तथ्य को बिना विचार किये कि, ऐसा गाड़ना या जलाना, उस विधवा या स्त्री द्वारा उसकी ओर से स्वैच्छिक है या अन्यथा है, किसी स्त्री को उसके किसी संबंधी के शव के साथ गाड़ना या जलाना है।
- सती के संबंध में कोई जुलूस निकालना या उत्सव मनाना, या
- सती प्रथा को न्यायोचित ठहराना, समर्थन करना या प्रचार करना, या
- जिसने सती की हो, उस व्यक्ति की स्तुति करने हेतु किसी कार्यक्रम का आयोजन करना, या
- जिसने सती किया हो, उसकी स्मृति सुरक्षित रखने या उसके सम्मान को स्थायी बनाने के लिए किसी न्यास का निर्माण करना या राशि एकत्रित करना, या किसी मन्दिर का निर्माण करना है।