खांसी रोग के लक्षण कारण सावधानियां व खांसी की आयुर्वेदिक दवा

खांसी रोग

खांसी एक सामान्य बीमारी है लेकिन यह तकलीफ बहुत देती है, इसे दूर करने के लिये बाजार में मिलने वाली दवायें आपको अनिन्द्रा बना सकती है, इसलिये आप कारगर कुछ घरेलू उपचार भी अपना सकते हैं।

खांसी किसी भी समय हो सकती है, वैसे तो सर्दी, खांसी, सिर दर्द, जुकाम जैसे कुछ बीमारी होती है, लेकिन जिनके इलाज के लिये हम चिकित्सक के पास जाने से बचते हैं खांसी की समस्या होने पर आप सुकून से कोई कार्य नहीं कर सकते हैं, खांसी किसी वजह से भी हो सकती है, बदलता मौसम, ठण्ड गर्म या कुछ उल्टा-पुल्टा, खाने से पीने से या फिर धूल या किसी उल्टा चीज जैसे एलर्जी के कारण सूखी खांसी होने पर ज्यादा तकलीफ हो सकती है।

खांसी रोग की उत्पत्ति

चिकित्सकों ने खोजों के आधार पर यह सिद्ध किया है कि खांसी अपने आप में कोई रोग नहीं है, दरअसल यह अन्य रोगों का लक्षण है। यह सर्दी निमोनिया, काली खांसी, तपेदिक, दमा, ब्रोन्काइटिस, प्लूरिसी तथा यकृत की व्याधि के कारण हो जाती है, यह तीन तरह की होती है - सूखी खांसी में बलगम नहीं निकलता लेकिन अधिकतर खांसी में कफ निकलता है, काली खांसी में तेज दौरा पड़ता है।

खांसी रोग के लक्षण

खांसी उठने पर मुँह में खों-खों की आवाज निकलती हे, छाती धड़कने लगती है, सूखी खांसी में रोगी खाँसते-खाँसते बेदम सा हो जाता है लेकिन बलगमी खांसी में कफ बाहर निकलता है, रोगी की छाती में जकड़न सी मालूम पड़ती है, दौरे के रूप में उठने वाली काली खांसी के छाती में अधिक तकलीफ होती है, खांसी के कारण नींद उबासी आदि सब रूक जाते हैं।

खांसी के कारण

खांसी के निम्नलिखित कारण सामने आते हैं जो इस प्रकार प्रस्तुत किये गये हैं:-

खांसी अपने आप में कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह शरीर में स्थित रोग का एक लक्षण है, जो श्वांस नली के द्वार से हवा के झटके के साथ निकलने की एक आवाज होती है खांसी उत्पन्न करके हमारे शरीर में स्थित कफ को बाहर निकलने के लिये जोरदार कोशिश करती है, खांसी अनेक प्रकार की होती है।
  1. ‘‘जिस खांसी के साथ कफ निकलता है उसे तर खांसी कहते हैं‘‘
  2. ‘‘जिस खांसी के साथ कफ नहीं निकलता है उसे सूखी खांसी कहते हैं।
अगर खांसी लगातार, आते रही और खांसते समय सीने में दर्द मालूम हो तथा एक सप्ताह में अधिक टिक तो समझना चाहिये कि दमा रोग का आरम्भ हो रहा है। एक खांसी वह भी होती है जो मनुष्य की निर्बलता के कारण बिना वजन खांसने की आदत पड़ जाने की वजह से हुआ करती है।

खांसी के घरेलू उपाय

  1. दो ग्राम अजवाइन को साफ करके गत को पान के बीड़े में रखकर खायें। 
  2. एक चुटकी पिसी हुई काली मिर्च में एक चम्मच शहर मिलाकर रोगी को दिन में चार बार चटाएं। 
  3. एक चम्मच पान के रस में शहद मिलाकर चाटें। 
  4. दो लौंग तवे पर भूनकर फिर उसे पीसकर शहर में मिलाकर दें। 
  5. शहद किसमिस व मुनके को मिलाकर खाने से खांसी ठीक हो जाती है। 
  6. तुलसी काली मिर्च व अदरक की चाय पीने से खांसी समाप्त हो जाती है। 
  7. एक चम्मच मेथी को एक कप पानी में उबालें फिर उसे छानकर कर सेवन करें। 
  8. थोड़ी सी हल्दी और एक चुटकी नमक में पानी में डालकर पीने से खांसी में आराम मिलता है। 
  9. बबूल की छाल का काढ़ा पीने से खांसी में बहुत आराम मिलता है। 
  10. मुलहटी एक चम्मच, सोंठ आधा चम्मच तथा अदरक का रस एक चम्मच तीनों को शहद में मिलाकर सेवन करें। 
  11. काला नमक का टुकड़ा धीरे-धीरे चूसने से खांसी रूक जाती है। 
  12. त्रिफला चूर्ण में बराबर मात्रा में शहद मिलाकर पिये खांसी में फायदा मिलता है। 
  13. खांसी होने पर सेंधा नमक की डली को आग पर अच्छे से गर्म कर लीजिये जब नमक की डली कर्म हो जाये तो तुरन्त आधा कम पानी में डालकर निकाल लीजिये और सोने से पहले इस पानी को पीकर खांसी ठीक हो जाती है।

खांसी की आयुर्वेदिक दवा

  1. आक के बीज और लौंग और दोनों को एक-एक रत्ती पीसकर शहद के साथ सुबह-शाम चाटें, 
  2. छोटी कटेरी का धुर्ता करके उसके रस में पीपल का चूर्ण मिलाकर आधा कप प्रतिदिन पियें।
  3. आक के पत्ते, मैंसिल, सोंठ काली मिर्च और पीपल इन सबको बराबर की मात्रा में लेकर गुड़ में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना दें, एक-एक गोली सुबह शाम पानी के साथ खायें। 
  4. हरड़ की छाल सोंठ, काली मिर्च, पीपल, चाय, चित्तक, सफेद नीम तथा गिलोय सब 10-10 माशे लेकर पीस लें, फिर इसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाकर बरे के बराबर गोलियां बना लें निम्य सुबह-शाम गुनगुने पानी में 1-1 गोली का सेवन करें। 
  5. 10 माशे लौंग 10 माशें पीपल 10 माशे जायफल 20 माशे काली मिर्च 3 ग्राम सोठ तथा थोड़ी सी मिश्री इन सबको कूटकर चूर्ण बना लें तथा आधा-आधा चम्मच चूर्ण शहद के साथ लें। खांसी कुछ ज्यादा ही तकलीफ देय होती है, खांसी में कफ निकलता है, जो बहुत परेशान करती है। जैसे हमारे गले में, फेफड़े, पेट में आदि। खांसी अगर ज्यादा दिन तक हो जाय तो उसे नजर अन्दाज नहीं करना चाहिये। अतः तुरन्त डाॅक्टर को दिखाना चाहिये।
निर्देश:-
  1. खांसी होने पर ठण्डी चीजें का सेवन करने से बचें। जैसे - ठण्डी फल, सब्जियां, दही आदि से परहेज करें। 
  2. खांसी होने पर गर्म पानी को ही उपयोग में लायें। 
  3. खांसी होने पर काली चाय में तुलसी के पत्तों को मिलाकर उसका सेवन करें। 
  4. खांसी होने पर काली मिर्च अदरक आदि का उपयोग करने से खांसी में फायदा मिलता है। 
  5. ज्यादा दिनों तक अगर खांसी ठीक न हो तो तुरन्त डाॅक्टर की सलाह लें।

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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