फोटो को ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए फोटो संपादन किया जाता है। फोटो संपादन के लिए कम्प्यूटर साफ्टवेयर प्रोगा्रम की सहायता ली जाती है। फोटो
एडीटिंग साफ्टवेयर की मदद से उपलब्ध फोटो को ज्यादा प्रभावशाली बना कर प्रकाशित किया जाता है जिससे इसकी गुणवत्ता बढ़ जाती है।
फोटो संपादन के महत्व को देखते हुए साफ्टवेयर डेवैलपरों द्वारा सैकड़ों
फोटो एडीडिंग साफ्टवेयर विकसित किए गए हैं इन सब में अलग-अलग खूबियां
होती हैं। परन्तु पत्रिका तथा पुस्तकों के लिए फोटो एडीटिंग इन सभी साफ्टवेयरों से
की जा सकती है क्योंकि फोटो के संपादन के कुछ कार्य बहुत आधारिक होते हैं। ये साफ्टवेयर में उपलब्ध ‘टूल्स’ के माध्यम से किए जाते हैं तथा फोटो संपादन के
ये आधारिक टूल्स सभी फोटो एडीटिंग साफ्टवेयर में उपलब्ध होते हैं।
सभी फोटो
एडीटिंग साफ्टवेयर के “हैल्प“ वाले खण्ड में साफ्टवेयरों को इस्तेमाल करने का तरीका बताया गया होता है। कम्प्यूटर की थोड़ी सी जानकारी रखने वाले व्यक्ति आसानी से इन फोटो एडीटिंग टूल्स का इस्तेमाल फोटो की एडीटिंग के लिए कर सकता है।
फोटो संपादन के लिए साफ्टवेयरों की सूची
फोटो एडीटिंग के कुछ ज्यादा प्रचलित कुछ साफ्टवेयरों की सूची इस प्रकार है। Photo edit software list in hindi
- एडोब फोटोशाप
- कोरल फोटो पेंट
- फोटो फ्लैक्सर
- मैजिक फोटो एडीटर
- पिकनिक
- फोटोस्केप
- फोटो इम्प्रैस
- पंेटनैट
- फोटोएक्सप्लोर
- पिकासा
- विन्डो फोटो एडीटर
- फोटो प्लस
- फोटोस्केप,
- पिकासा
- पेंटनैंट, फोटो प्लस वगैरह।
फोटो संपादन के तत्व
फोटो
एडीटिंग की आधारिक जानकारी से ही फोटो को बेहतर तथा पत्रिका की जरूरत के अनुकूल बनाया जा सकता है। आम तौर पर फोटो का संपादन कर फोटो में निम्ननिखित सुधार किए जाते हैं।
1. ब्राइटनेस और कॉन्ट्रास्ट करेक्शन (Brightness and Contrast Correction)
सामान्यतः फोटो खींचते वक्त रोशनी की कमी या अधिकता, गलत तकनीक या सही तरीके से फोटो न ले पाने की वजह से फोटो
या तो ज्यादा काली या ज्यादा उजली हो जाती है। फोटो में ज्यादा कालापन है तो
उस फोटो को अन्डर एक्सपोज फोटो कहा जाता है अर्थात इसमें लाइट कम है। जबकि ज्यादा उजली फोटो को ओवर एक्सपोज फोटो कहा जाता है। ये कमियां
फोटो को अनाकर्षक बना देती हैं।
फोटो एडीटिंग साफ्टवेयर में उपलब्ध ब्राइटनैस कन्ट्रोल टूल की मदद से
इस कमी में सुधार किया जाता है। इसी मदद से अण्डर एक्सपोज्ड तथा ओवर एक्सपोज्ड फोटो को बेहतर किया जा सकता है।
2. काॅन्ट्रास्ट (Contrast)
फोटो में अंधंरे हिस्से तथा रोशनी वाले हिस्से में रोशनी के अनुपात को
काॅन्ट्रास्ट कहते हैं। जब फोटो में फोटो लेते वक्त रोशनी की स्थितियों की वजह से
या विषय वस्तु की बनावट की वजह से काॅन्ट्रास्ट कम या बहुत ज्यादा हो जाता है
तो वह अनाकर्षक हो जाती है, फोटो की इस कमी को फोटो एडीटिंग साफ्टवेयरों
के कन्ट्रास्ट कन्ट्रोल टूल की मदद से दूर कर फोटो को सुधारा जा सकता है।
3. फोटो क्रॉपिंग (Photo Cropping)
कई बार ऐसी फोटो उपलब्ध होती हैं जिसमें विषय वस्तु तो छोटी होती है परन्तु अनावश्यक हिस्सा ज्यादा बड़ा होता है। इन स्थितियों में विषय वस्तु
पर मुख्य आकर्षण बिन्दु बनाने के लिए फोटो को विषय वस्तु तक सीमित करना होता है। इस क्रिया को फोटो क्रोपिंग कहते हैं। क्रोपिंग टूल की मदद से फोटो के
अनावश्यक हिस्सों को हटाया जा सकता है।
4. कलर बैलेंस (Color Balance)
फोटोशाप तथा अन्य फोटो एडीटिंग साफ्टवेयर में इस टूल का इस्तेमाल फोटो के रंगों को जरूरत के अनुरूप तेज या हल्का करने के लिए किया जाता है। जिससे फोटो का रंग संयोजन जरूरत के अनुरूप परिवर्तित हो जाय। ग्रे स्केल माॅड टूल: कई बार पत्रिका में एक रंग में ही प्रायः काले रंग की ही प्रिन्टिंग की जाती है, इसे ब्लैक एण्ड व्हाइट प्रिन्टिंग या मोनो कलर प्रिन्टिंग कहते
हैं। लेकिन आजकल अधिकांश फोटो रंगीन होते हैं, यदि मोनो प्रिंटिग में रंगीन फोटो का इस्तेमाल किया जाये तो आशंका रहती है कि रंगीन हिस्सों को एक ही रंग के विभिन्न स्तरों पर छपने से ब्राइटनैस तथा कान्ट्रास्ट बदल सकता है तथा फोटो अनाकर्षक हो जाती है।
अतः मोनो कलर प्रिन्टिंग के लिए रंगीन फोटो को ग्रे स्केल माॅड यानि काले
सहित स्लेटी रंग के विभिन्न स्तर में परिवर्तित करने की जरूरत होती है। जिससे रंगीन फोटो ब्लैक एण्ड व्हाइट फोटो की तरह दिखते हैं। फोटो को ग्रे स्केल टूल से ब्लैक एण्ड व्हाइट फोटो में बदलकर फिर उसे ब्राइटनैस तथा कान्ट्रास्ट टूल से
एडिट कर बेहतर परिणाम उपलब्ध होते हैं।
5. शार्पनिंग एवं ब्लर टूल (Sharpening & Blur Tool)
कई बार फोटो खींचते वक्त कैमरा या विषय वस्तु हिल जाती है अथवा जल्दबाजी में विषय वस्तु ठीक से फोकस नहीं होती। इससे फोटो
की शार्पनैस बिगड़ जाती है या वह हिली हुई या धुंधली दिखती है। फोटो की इस
कमी को कुछ हद तक फोटो एडीटिंग साफ्टवेयर के शार्पनिंग टूल से ठीक किया जाता है। इसके प्रयोग से आउट आफ फोकस फोटो कुछ बेहतर हो जाती हैं।
कभी-कभी विशेष प्रभाव के लिए फोटो को धुंधला या साफ्ट करने की जरूरत होती है। इसके लिए कई फोटो एडीटिंग साफ्टवेयर में ब्लर टूल भी होता है। इससे फोटो की शार्पनैस ठीक की जा सकती है।
6. स्कैच टूल (sketch tool)
ठीक कई बार विशेष प्रभाव के लिए फोटो को फोटो की तरह नहीं, बल्कि रेखाचित्र की तरह दिखाने की जरूरत होती है। इसके लिए फोटो एडीटिंग साफ्टवेयर के स्कैच टूल का इस्तेमाल किया जाता है। इससे फोटो में रेखाचित्र का प्रभाव आ जाता है।
7. आर्टिस्टिक टूल (Artistic Tool)
फोटोशाप तथा अन्य एडीटिंग साफ्टवेयरों में उपलब्ध ये आर्टिस्टिक टूल साधारण फोटो को वाटर कलर पेन्टिंग, आयल या पेस्टल कलर पेन्टिग की तरह बना देते हैं। इससे विशेष प्रभाव उत्पन्न होता है। क्रिएटिव फोटो एडिटिंग में
इस तरह के प्रभावों के लिए कई तरह के प्रभाव उत्पन्न करने वाले टूल होते हैं। जिनका उपयोग करके साधारण फोटो को ज्यादा प्रभावकारी बनाया जा सकता है।
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