रेडियो फीचर वह फीचर है जो रेडियो के श्रोताओं को खबरों से
आगे की जानकारी प्रदान करने के लिए प्रस्तुत किया जाता है। इस फीचर को
श्रोता न तो देख सकते और न ही पढ़ सकते हैं । लेकिन रेडियो फीचर की सबसे
बड़ी खूबी यह है कि शब्दों को न पढ़ सकने वाला तबका भी इसका आनन्द ले
सकता है। पत्र पत्रिकाओं के फीचर की भांति रेडियो रूपक में कल्पनाशीलता, तत्थ्य, घटना अथवा विषय का विवरण, विवेचन, लोगों के विचार, प्रतिक्रियाएं और रोचकता तो होती है, इसमें संगीत और ध्वनियों का अतिरिक्त प्रभाव भी होता है।
रेडियो फीचर को ‘‘ रेडियो की टैक्नोलाॅजी के साथ तथ्यों और विश्लेषण की ध्वन्यांकित सर्जनात्मक प्रस्तुति ’’ भी कहा जाता है। इसको प्रभावशाली बनाने में
संगीत के प्रभावों और प्रस्तोता की असरदार आवाज का भी योगदान होता है।
रेडियो फीचर की विशेषता
रेडियो फीचर तैयार करते समय कई चीजों को ध्यान में रखा जाता हैं ।
आकाशवाणी ने रेडियो रूपक लेखन के लिए एक आचार संहिता भी बनाई है । जिसके प्रमुख नियम इस प्रकार हैं-
- रेडियो फीचर का विषय श्रोताओं की रुचि के अनुसार तैयार किया जाना चाहिए।
- रेडियो फीचर तैयार करते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि उसकी शुरूआत भी प्रभावशाली हो।
- रोचकता और सरलता रेडियो फीचर का मूल तत्व है। उसमें नाटकीयता भी होनी चाहिए।
- रेडियो फीचर में सरल, स्पष्ट व आसानी से समझ में आने वाले शब्दों और भाषा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- रेडियो फीचर में संगीत के जरिए उपयुक्त प्रभाव पैदा किए जाने चाहिए।
- रेडियो फीचर की प्रस्तुति में निरन्तर प्रवाह और मनोरंजन का सामंजस्य होना चाहिए।
आकाशवाणी ने रेडियो रूपक लेखन के लिए एक आचार संहिता भी बनाई है । जिसके प्रमुख नियम इस प्रकार हैं-
- रेडियो फीचर में भारतीय संविधान की मर्यादा का सम्मान होना चाहिए।
- फीचर में धर्म या संप्रदाय पर टिप्पणी नहीं होनी चाहिए।
- रेडियो फीचर का लेखन किसी व्यावसायिक समूह के नाम का प्रयोग, विज्ञापन फीचर में किसी भी मित्र देश की आलोचना नहीं की जानी चाहिए।
- रेडियो फीचर किसी भी व्यक्ति या संस्था को अनावश्यक लाभ पहुंचाने वाला न हो, इसका ध्यान रखा जाना भी बेहद जरूरी है।
- फीचर में राज्यों के खिलाफ आक्रामक आलोचना भी नहीं की जानी चाहिए।
- फीचर में अश्लीलता नहीं होनी चाहिए तथा न ही किसी की मान हानि होनी चाहिए।
- रेडियो फीचर में भारत के राष्ट्रपति, केन्द्र सरकार तथा न्यायालयों की मर्यादा के विरूद्ध कुछ भी नहीं लिखा जाना चाहिए।
- किसी भी रेडियो फीचर से न्यायालय की अवमानना भी नहीं होनी चाहिए।
- किसी भी ‘अपील’ को आधार मानकर रेडियो फीचर का निर्माण करना सख्त मना है। लेकिन राष्ट्रीय संकट के समय देशहित में फीचर के माध्यम से अपील का प्रसारण उचित है।
- फीचर में हिंसा को प्रोत्साहन नहीं दिया जाना चाहिए और न ही कानून और व्यवस्था के विरूद्व कुछ लिखना चाहिए।
- रेडियो फीचर में किसी भी राजनीतिक दल का नाम लेकर आलोचनात्मक वाक्य नहीं लिखे जाने चाहिए।
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