संबंध सूचक वे अविकारी शब्द है, जो संज्ञा या सर्वनाम के अनंतर प्रयुक्त होता है, और वाक्य में आये हुए अन्य शब्दों के साथ उसका संबंध प्रकट करतें हैं। उदा. 1. सीता घर के बाहर है। 2. बिना मेहनत के सफलता नहीं मिलती।
संबंध सूचक के भेद
1. प्रयोग के अनुसार भेद
प्रयोग के अनुसार संबंध बोधक के दो भेद हैं।
- सम्बद्ध संबंध बोधक अव्यय।
- अनुबद्ध संबंध बोधक अव्यय।
1. सम्बद्ध संबंध बोधक अव्यय - इसका प्रयोग वाक्य में संज्ञा की विभक्तियों के पश्चात होता है। जैसे परिश्रम के बिना, पूजा के पहले, घर के बाहर, छत के ऊपर।
2. अनुबद्ध संबंध बोधक - इसका प्रयोग वाक्य में संज्ञा के विकृत रुप के अनंतर प्रयुक्त होता है- जैसे मित्रों सहित, रुपयों सहित, दसवी तक।
2. अर्थ के अनुसार भेद
अर्थ के अनुसार संबंध - सूचक अव्ययों के उदाहरण हैं।
1. कालवाचक - आगे, पीछे, पूर्व, पश्चात्, लगभग, बाद, उपरांत आदि।
2. स्थानवाचक - आगे, पीछे, नीचे, सामने, पास, निक्रट भीतर, यहाँ, वहाँ, बीच, बाहर।
3. दिशा वाचक - प्रति, तरफ, ओर, पार, आर-पार, आस-पास।
4. साध वाचक - जरिए, द्वारा, मार्फत, हाथे, सहारे, बल करकें।
5. हेतु-वाचक - वास्ते, हेतु, सीमित, कारण, खातिर, मारे।
6. विषय-वाचक - बाबत, विषय, भरोसे, बनिस्बत।
7. व्यतिरेक वाचक - सिवाय, अलावा, बिना, अतिरिक्त, रहित, बगैर।
8. विरोधवाचक - समान, तरह, तुल्य, अनुसार, अनुरुप, भाँति, नाई सरीखा।
9. विरोध वाचक - प्रतिकूल, विरुद्ध, खिलाफ, विपरीत, उल्टे।
10. विनिमय वाचक - बदले, पलटे, एवज, जगह।
11. सहचर वाचक - संग, समेत, साथ, वश, स्वाधीन, सहित अधीन।
12. संग्रह वाचक - लो, तक, भर, पर्यंत, मात्र
13. तुलनावाचक - अपेक्षा, बनिस्वत, आगे, सामने।
3. व्युत्पत्ति के अनुसार
व्युत्पत्ति के अनुसार सम्बध - बोधक के दो भेद हैं -
1. मूल सम्बध - बोधक - हिन्दी के मूल संबंध - सूचक अव्यय वे है, जो दूसरे शब्दों के योग से बनते हैं। जैसे-बिना, पर्यन्त, नाई, पूर्व, समेत।
2. यौगिक संबंध बोधक - यौगिक संबंध सूचक वे, है, जो दूसरे शब्दों के योग से बनते हैं - जैसे-उपेक्षा, मारफल, भीतर दम्र्यान।
यौगिक संबंध बोधक का निर्माण - इसका निर्माण अधोलिखित शब्दों से होता हैं -
(क) संज्ञा से - विषय वास्ते, नाम, लेखे, उपेक्षा।
(ख) विशेषण से - समान, तुल्य, उलटा, ऐसा, जैसा, योग्य, सरीखा।
(ग) क्रिया-विशेषण से - ऊपर, भीतर, यहाँ, बाहर, पास, पीछे।
(घ) क्रिया से - करके, लिए, मारे, जाने।