डीमैट खाता क्या है? डीमैट खाता के लाभ

डीमैट खाता डीमेटिरियलाइजड खाते का संक्षिप्त नाम है। डीमैट खाते से अभिप्राय एक खाते से है, जो एक भारतीय नागरिक इलेक्ट्रॉनिक रूप में सूचीबद्ध प्रतिभूतियों में व्यापार करने के लिए डिपोज़िटरी भागीदार (बैंकों, शेयर दलालों आदि) के पास खोला जाता है, जिसके द्वारा वह विभिन्न कम्पनियों की प्रतिभूतियों (अंशों, ऋण पत्रों आदि) को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रख सकता है।

इस प्रक्रिया के अन्तर्गत अंश प्रमाण पत्र को भौतिक रूप से इलेक्ट्रानिक रूप में बदला जाता है और उतने ही संख्या में अंश डिमेट खाते में जमा कर दिये जाते हैं। डीमैट खाते तक पहुँच के लिए एक इंटरनेट पासवर्ड तथा एक व्यवहार पासवर्ड आवश्यक होता है। प्रतिभूतियों का हस्तांतरण या खरीद उसके बाद ही की सकती है। demat account पर प्रतिभूतियों की खरीद या बिक्री स्वचालित ढंग से हो जाती है, एक बार व्यवहारों की संतुष्टि हो जाए व पूरे हो जाएँ।

डिमेट खाते के लाभ 

  1. कागजी कार्यवाही में कमी होती है।
  2. अंशों के हस्तांतरण के समय चोरी, देरी, क्षति होना आदि समस्याएँ समाप्त हो जाती है।
  3. अंशों के हस्तांतरण के व्यवहार करने पर स्टाम्प ड्यूटी नहीं लगती।
  4. अंशों की विषयम संख्या धारण की समाप्ति।
  5. प्रतिभूतियों के सेटलमेंट जल्दी होती है।
  6. इस पद्धति से विदेशी निवेशक आकर्षित होते हैं तथा विदेशी निवेश में वृद्धि होती है।
  7. एक अकेला डीमैट खाता समता व ऋणपत्रों दोनों में निवेश रख सकता है।
  8. व्यापारी कहीं से भी काम कर सकते हैं।
  9. बोनस/विघटन/विलय आदि से बने शेयरों के लिए डीमैट खाते में स्वचलित क्रेडिट।
  10. प्रतिभूतियों का तुरन्त हस्तांतरण।
  11. निक्षेपागार भागीदार के पास रिकार्ड किया, पते का परिवर्तन उन सभी कम्पनियों में रजिस्टर हो जाता है जिनमें निवेशक प्रतिभूतियाँ रखता है, प्रत्येक कम्पनी के साथ अलग से पत्र-व्यवहार करने की आवश्यकता नहीं होती। 

डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया

यह खाता वैसे ही खोला जाता है जैसे बैंक खाता। निर्दिष्ट खाता खोलने के फार्म निक्षेपागार भागीदार के पास उपलब्ध होते हैं जिसे भरना आवश्यक होता है। मुवाक्किल तथा निक्षेपागार द्वारा मानक समझौतों पर हस्ताक्षर होते हैं जिसमें दोनों पक्षों के अधिकार तथा अनिवार्यताएँ होती हैं। फार्म के साथ, मुवक्किल को खाताधारक के फोटोग्राफ, आवास के सबूत की सत्यापित प्रतिलिपि तथा पहचान का सबूत पेश करना आवश्यक होता है।

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