इंटरनेट का इतिहास | इंटरनेट कब और कैसे बना?

इंटरनेट की शुरुआत कब हुई

इंटरनेट का प्रयोग डाटा व सूचना को एक स्थान से दूसरे स्थान पर कम्प्यूटर के माध्यम से भेजने के लिए किया जाता है। एक कम्प्यूटर से एक या एक से अधिक जुड़े हुये कम्प्यूटर के तंत्र को नेटवर्क कहते हैं। यदि एक से अधिक कम्प्यूटर किसी एक मुख्य कम्प्यूटर से जुड़े हों और Printing, communication, entry, processing and exchange of data उसी मुख्य कम्प्यूटर से हो, तो उसे Server कहेंगे तथा उससे जुड़े अन्य कम्प्यूटरों को terminal या client कहते हैं। इसी प्रकार कई कम्प्यूटर नेटवर्क जब आपस में एक-दूसरे से जुड़कर सूचना प्रदान करते हैं तो उसे इंटरनेट कहा जाता है। 

इंटरनेट के माध्यम से किसी भी विषय पर सूचना प्राप्त की जा सकती है। मनोरंजन, खेलकूद, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, आर्थिक, सामाजिक, भौगोलिक, कला, साहित्य विषयों पर सूचना सामग्री माइक्रोसेकेन्ड में इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।

दूसरे शब्दों में इंटरनेट सबसे महत्वपूर्ण उपकरण और प्रमुख संसाधन है जिसका उपयोग दुनिया भर में लगभग हर व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है। यह लाखों कंप्यूटर, वेबपेज, वेबसाइट और सर्वर को जोड़ता है। इंटरनेट का उपयोग करके हम अपने प्रियजनों को ईमेल, फोटो, वीडियो, संदेश भेज सकते हैं। 

इंटरनेट की शुरुआत कब हुई 

इंटरनेट का विकास 1970 में अमेरिका के रक्षा विभाग के द्वारा किया गया था। शुरुआत में इसका उपयोग एडवान्सड रिसर्च प्रोजेक्ट ऐजेन्सी के द्वारा आपस में सूचना संचार के लिए किया गया था। इस एजेन्सी को आरपा (ARPA) के नाम से भी जाना जाता है। 

ARPANET के द्वारा जिस नेटवर्क की स्थापना की गयी थी उसे ARPANET कहते है। ARPANET लगभग 10 साल के बाद 1980 में अमेरिकी रक्षा विभाग के अतिरिक्त अन्य जन सामान्य को उपलब्ध कराया गया और वह इंटरनेट के नाम से प्रचलित हुआ।

इंटरनेट उपयोग करने के लिए के उपकरण

इंटरनेट का उपयोग करने के लिए इन उपकरण की आवश्यकता होती है-

1. माॅडम (Modem) - माॅडम का प्रयोग कम्प्यूटर से data packet को digital और analog में आपस में बदलना है। कम्प्यूटर केवल डिजिटल (0,1) पद्धति में ही data का आदान-प्रदान करता है जब कि संचार माध्यम एनाॅलाग पद्धति में डाटा का संचरण करते हैं। माॅडम का प्रयोग इन्हीं दोनों पद्धतियों के मध्य डाटा के सम्प्रेषण हेतु होता है। माॅडम उपकरण कम्प्यूटर में अन्दर व बाहर की तरफ दोनों प्रकार से स्थापित कर प्रयोग किये जाते हैं। 

2. कम्प्यूटर, डेस्कटॉप, लैपटॉप, नोटबुक, स्मार्ट मोबाइल फोन - इंटरनेट का प्रयोग करने के लिए कम्प्यूटर जैसे-डेस्कटाप, लैपटाप, नोटबुक, स्मार्ट मोबाइल फोन की आवश्यकता होती है। डेस्कटाप, लैपटाप, नोटबुक, स्मार्ट मोबाइल फोन  के बिना इंटरनेट का प्रयोग कर पाना लगभग असम्भव है। 

कम्प्यूटर उपकरण इंटरनेट प्रणाली का सबसे प्रमुख उपकरण है।

3. इंटरनेट कनेक्शन (Internet connection) - इंटरनेट सेवा प्रदाता जैसे BSNL, jio, Airtel के द्वारा इंटरनेट कनेक्शन सेवा प्रदान की जाती है। इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) इंटरनेट सेवाएं उपयोक्ताओं को विभिन्न बैन्डविथ (इंटरनेट स्पीड) माॅडल पर उपलब्ध कराते हैं। ये इंटरनेट कनेक्शन कई प्रकार के Dial-up, Cable Line, Wi-Fi  Wireless, Digital Subscriber Line and Satellite होते है।

4. ब्राउजर (Browser) - इंटरनेट का प्रयोग करने के लिए ब्राउजर की जरूरत होती है। जैसे Chrome, Mozilla, Internet Explorer आदि। ये ब्राउजर ही इंटरनेट में सूचना को खोजने व प्राप्त करने में मदद करते है।

5. इंटरनेट आर्किटेक्चर (Internet architecture) - इंटरनेट Client-Server आर्किटेक्चर पर कार्य करता है। इंटरनेट आर्किटेक्चर को ‘इंटरनेट नेटवर्किंग‘ के नाम से भी जाना जाता है। कई नेटवर्कों को आपस में जोड़ने व उनके बीच सूचना आदान प्रदान करने के लिए TCP/IP प्रोटोकाॅल का प्रयोग किया जाता है। इस पूरे संयोजन में विभिन्न नेटवर्कों के सर्वरस में स्थापित सूचना को इंटरनेट क्लाइन्ट तक सूचना पहुँचाता है। क्लाइन्ट अर्थात सूचना की माँग या प्रेषित करने वाला। यदि एक उपयोगकर्ता किसी भी विषय पर सूचना को प्राप्त करने के लिए कोई शब्द या वाक्य अपने कम्प्यूटर के ब्राउजर पर अंकित कर खोजने का प्रयास इंटरनेट की सहायता से करता है। 

ब्राउजर उसे इंटरनेट पर उपलब्ध अनेक नेटवर्काें और उनके सर्वरस पर स्थापित सूचना को खोजकर उपयोगकर्ता को उसके कम्प्यूटर स्क्रीन पर उपलब्ध करा देता है। इस प्रक्रिया में उपयोगकर्ता क्लाइन्ट है एवं नेटवर्कों पर उपलब्ध डाटावेस के मशीन सर्वर का कार्य करते है।

7. इंटरनेट सेवाएं (Internet Services) कुछ विशिष्ट सेवाएं हैं-
  1. वल्र्ड वाइड वेब (WWW)
  2. फाइल ट्रांसफर प्राटोकाल  (F.T.P.)
  3. टेलनेट (TELNET)
  4. आर्ची (ARCHIE)
  5. गोफर (GOPHER)
  6. वेरोनिका (VERONICA)
  7. वैस (WAIS)
  8. इलैक्ट्रानिक मेल (E-mail)

इंटरनेट के लाभ

1. ऑनलाइन बैंकिंग और लेन-देन: इंटरनेट हमें नेट बैंकिंग सिस्टम द्वारा ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने की अनुमति देता है। एक खाते से दूसरे खाते में पैसा जमा या डेबिट किया जा सकता है।

2. शिक्षा, ऑनलाइन नौकरी, फ्रीलांसिंग: इंटरनेट के माध्यम से, हम लिंक्डिन जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से और अधिक नौकरी पाने और अधिक नौकरी प्रदाताओं तक पहुंचने में सक्षम हैं। दूसरी ओर फ्रीलांसिंग ने युवाओं को एक अतिरिक्त आय अर्जित करने में मदद की है और सबसे अच्छी बात यह है कि यह सब इंटरनेट के माध्यम से किया जा सकता है।

3. मनोरंजन: ऑनलाइन मनोरंजन के कई विकल्प हैं, हम संगीत सुन सकते हैं, खेल खेल सकते हैं, फिल्में देख सकते हैं, वेब श्रृंखला, पॉडकास्ट सुन सकते हैं, यूट्यूब अपने आप में ज्ञान के साथ-साथ मनोरंजन का भी केंद्र है।

4. नई नौकरी की भूमिकाएँ: इंटरनेट ने हमें सोशल मीडिया और डिजिटल उत्पादों तक पहुंच प्रदान की है, इसलिए हमारे पास डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया मार्केटिंग जैसे कई नए रोजगार के अवसर हैं, ऑनलाइन व्यवसाय बड़ी मात्रा में पैसा कमा रहे हैं क्योंकि इंटरनेट हमारी मदद करने का माध्यम है। ऐसा करने के लिए।

5. सर्वश्रेष्ठ संचार माध्यम: इंटरनेट से संचार बाधा को हटा दिया गया है। आप ईमेल, व्हाट्सएप और फेसबुक के माध्यम से संदेश भेज सकते हैं। ऑनलाइन महत्वपूर्ण मीटिंग करने में आपकी मदद करने के लिए वॉयस चैटिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी उपलब्ध हैं।

6. जीपीएस ट्रैकिंग और गूगल मैप्स: फिर भी इंटरनेट का एक और फायदा यह है कि आप अपने मोबाइल में जीपीएस की मदद से किसी भी दिशा, कम ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में कोई भी सड़क ढूंढ सकते हैं।

इंटरनेट की हानियां

1. समय की बर्बादी: सोशल मीडिया ऐप्स पर इंटरनेट सर्फिंग पर बहुत अधिक समय बर्बाद करना और कुछ भी नहीं करने से आपकी उत्पादकता कम हो जाती है, बजाय इसके कि सोशल मीडिया ऐप्स को स्क्रॉल करने में समय बर्बाद हो, उस समय का उपयोग कुछ कुशल और अधिक उत्पादक करने में करना चाहिए।

2. स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव : इंटरनेट पर बहुत अधिक समय बिताने से आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है, भौतिक शरीर को कुछ बाहरी खेलों के व्यायाम और कई अन्य चीजों की आवश्यकता होती है। ज्यादा देर तक स्क्रीन पर देखने से आंखों पर गंभीर असर पड़ता है।

3. साइबर अपराध: साइबरबुलिंग, स्पैम, वायरस, हैकिंग और डेटा चोरी करना कुछ ऐसे अपराध हैं जो इन दिनों चरम पर हैं। आपका सिस्टम जिसमें सभी गोपनीय डेटा शामिल हैं, साइबर अपराधियों द्वारा आसानी से हैक किया जा सकता है।

4. बच्चों पर प्रभाव : छोटे बच्चे इंटरनेट के अत्यधिक आदी हो जाते हैं, फिल्में देखते हैं, हर समय खेल उनके समग्र व्यक्तित्व के साथ-साथ सामाजिक विकास के लिए भी अच्छा नहीं होता है।

5. धमकाना और फैलाना नकारात्मकता: इंटरनेट ने उन सभी लोगों को सोशल मीडिया ऐप के रूप में एक मुफ्त टूल दिया है जो हमेशा बहुत ही विद्रोही और शर्मनाक संदेशों के साथ नकारात्मकता फैलाने की कोशिश करते हैं और एक दूसरे को धमकाने की कोशिश करते हैं जो कि गलत है।

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