केंद्रीय बैंक का अर्थ, परिभाषा एवं प्रमुख कार्य, केंद्रीय बैंक के कुछ कार्यों पर प्रतिबंध

केंद्रीय बैंक का अर्थ, परिभाषा

किसी भी देश का सर्वोच्च बैंक उसका केंद्रीय बैंक होता है। सरकार की आर्थिक गतिविधियाँ केंद्रीय बैंक के माध्यम से ही संचालित की जाती हैं। अलग-अलग देशों में इसके अलग-अलग नाम हैं जैसे इंग्लैंड में में बैंक आफ इंग्लैंण्ड, अमेरिका में फेडरल रिजर्व सिस्टम, फ्रांस में बैंक आफ फ्रांस, स्वीडन में स्विस बैंक इत्यादि नामों से जाना जाता है। भारत के केंद्रीय बैंक का नाम रिजर्व बैक ऑफ इडिया है। 

केंद्रीय बैंक की परिभाषा

देश के मौद्रिक तथा बैकिंग क्षेत्र में मुख्य स्थान होने के कारण उसे देश के केन्द्रीय बैंक की संज्ञा दी गयी है। इस केन्द्रीय बैंक को देश के अधिनियम द्वारा कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं जिसके द्वारा यह अन्य व्यापारिक बैंकों को नियंत्रित करती है।

डी. कॉक के अनुसार, “केंद्रीय बैंक वह बैंक है जो देश की मौद्रिक तथा बैंकिंग प्रणाली के शिखर पर होता है।”

हाॅट्रे के विचार में केन्द्रीय बैंक बैंकों का बैंक है क्यांेकि यह अन्य बैंकों के लिये अन्तिम युग का ऋणदाता का कार्य करता है।

क्राउथर के अनुसार ‘‘केन्द्रीय बैंक का अन्य बैकों के साथ ठीक वही सम्बन्ध होता है जैसा स्वयं अन्य बैंकों का जनता के साथ होता है।”

शाॅ के अनुसार “केन्द्रीय बैंक देश में साख मुद्रा का नियन्त्रण रखने वाला बैंक है।“

इस प्रकार केंद्रीय बैंक एक ऐसी संस्था है जो कि देश की मौद्रिक व बैंकिंग व्यवस्था का संचालन करती है।

केंद्रीय बैंक के कार्य

केंद्रीय बैंक द्वारा निम्नलिखित कार्यो का सम्पादन किया जाता है।

1- नोट जारी करना - नोट जारी करने का एकाधिकार प्रत्येक देश में केंद्रीय बैंक के पास होता है। केंद्रीय बैंक जिन नोटों को जारी करता है वे नोट पूरे देश में असीमित विधि ग्राह्य होते है। इस प्रकार करेन्सी को जारी करने का कार्य केवल केंद्रीय बैंक ही कर सकता है।

2- सरकार का बैंक - केंद्रीय बैंक सरकार के बैंक के रूप में कार्य करता है। यह सरकार के लिए उसी तरह कार्य करता है जिस तरह व्यापारिक बैंक लोगों के लिए करते है। केंद्रीय बैंक सरकारी प्रतिभूतियों के क्रय विक्रय का भी कार्य करता है। यह सरकार को बिना ब्याज के ऋण भी प्रदान करता है।

3- बैंकों के बैंक - केंद्रीय बैक का व्यापारिक बैंकों के साथ वही संबंध होता है जो व्यापारिक बैकों का अपने ग्राहकों के साथ होता है। व्यापारिक बैकों को अपने कुल नकद जमा का कुछ भाग केन्दी्रय बैंक के पास रखना होता है जिसका नकद तरलता अनुपात कहते है। इस प्रकार केंद्रीय बैंक व्यापारिक बैंको के बैक के रूप में कार्य करता है।

4- अन्तिम ऋणदाता - केंद्रीय बैंक व्यापारिक बैकों के लिए अन्तिम ऋणदाता के रूप में कार्य करता है जब कभी व्यापारिक बैक को कही से भी ऋण ना मिले तो वह केंद्रीय बैंक से ऋण ले सकता है और केंद्रीय बैंक उसकी उचित प्रतिभूतियों को अपने पास रखकर व्यापारिक बैकों को ऋण देता है।

5- देश के विदेशी मुद्रा कोषों का संरक्षक - केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति के द्वारा विदेशी विनिमय दर को भी स्थिर बनाये रखने का भी कार्य करता है। जो भी किसी देश के अन्तर्राष्ट्रीय विदेशी विनिमय कोष होते है उनके संरक्षक के रूप में भी कार्य करता है और अपनी करेन्सी के बाहरी मूल्य को स्थिर बनाये रखने का भी कार्य केंद्रीय बैंक ही करता है।

6- समाषोधन गृह का कार्य - समाषोधन गृह कार्य का अर्थ होता है कि केंद्रीय बैंक दूसरे बैकों के साथ भी हिसाब किताब रखता है। प्रत्येक व्यापारिक बैंक को केंद्रीय बैंक में खाता होता है और इन व्यापारिक बैकों के चैक एक दूसरे व्यापारिक बैकों के पास आते है। इन चेकों का भुगतान केंद्रीय बैक द्वारा किया जाता है समाषोधन गृह कार्य से साख का निर्माण भी होता है।

7- साख मुद्रा का नियंत्रण - केंद्रीय बैक द्वारा ही साख मुद्रा को नियत्रित किया जाता है अगर साख मुद्रा का विस्तार आवश्यकता से अधिक हो जाए तो अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति उत्पन्न हो जायेगी। अगर मुद्रा का प्रसार कम हो तो मुद्रा का संकुचन हो जायेगा। इस प्रकार साख मुद्रा को नियंत्रण केवल केंद्रीय बैंक ही कर सकता है।

8- आकड़े इकट्ठा करना - केंद्रीय बैक मुद्रास्फीति से संबंधित, बैंकिग, मुद्रा तथा विदेशी विनिमय कोष से संबंधित आकड़े एकत्रित करता है तथा उसे प्रकाशित भी करता है। इन आकड़ों के द्वारा ही हमें किसी अर्थव्यवस्था की वास्तविक आर्थिक स्थिति का पता चलता है।

केंद्रीय बैंक के कुछ कार्यों पर प्रतिबंध

केन्द्रीय बैंक के सफल संचालन के लिए और अर्थव्यवस्था के हित में आवश्यक है कि उसके कुछ कार्यों पर प्रतिबन्ध लगा रहे। जैसे जनता से प्रत्यक्ष रूप में नकदी न स्वीकार करना, न ही जनता को प्रत्यक्ष रूप से ऋण प्रदान करना बल्कि व्यापारिक बैकों के माध्यम से यह कार्य करने चाहिए। भारत के संदर्भ में रिजर्व बैंक पर यह प्रतिबन्ध लगा दिये हैं कि केन्द्रीय बैंक निम्नलिखित कार्य नहीं कर सकता:-

  1. कोई उद्योग या व्यवसाय नहीं खोल  सकता ।
  2. किसी बैंक या कम्पनी के शेयर नहीं खरीद सकता।
  3. अचल सम्पत्ति की जमानत पर ऋण नहीं दे सकता।
  4. बिना जमानत के ऋण नहीं दे सकता।
  5. मियादी बिल न लिख सकता है और न ही स्वीकार कर सकता है।
  6. जमाओं पर ब्याज नहीं दे सकता। ऐसा करने से केन्द्रीय बैंक कार्यों में निष्पक्षता सरलता एवं सुरक्षा तथा तरलता बनाये रखता है।

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