नारा शब्द (Slogan) का क्या अर्थ है? नारा की विशेषताएँ

नारा शब्द (Slogan) का क्या अर्थ है

हिंदी में नारा का शाब्दिक अर्थ है- उद्घोष, आह्वान, नीति वचन, सिद्धांत वाक्य का प्रसार वाक्य। अंग्रेजी में-  Slogan। संस्कृत में आघोष या समाघोष। नारा पुल्लिंग और संज्ञा है। हिंदी शब्दकोश के अनुसार वह शब्द या शब्द-समूह जो लोगों को प्रेरित या उत्तेजित करने के लिए शोर-शोर से दोहराया जाता है, उसे नारा कहते हैं, जैसे- आराम हराम है। भ्रष्टाचार बंद करो, थैला सार्थक, थैली निरर्थक आदि।

‘नारा’ का अर्थ और भाव जो ‘शोर का शब्द’ या ‘तेज’ आवाज अथवा बुलंद की जाने वाली सामूहिक या एकल भाषण नहीं कह पाते, वह एक शब्द गुच्छ कह डालता है। हम भूल नहीं सकते अपने स्वतंत्रता आंदोलन को जिसमें नारों का बहुत महत्व रहा- सुभाष चंद्रबोस ने कहा था- ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा।’ महात्मा गांधी ने कहा- ‘करो या मरो’। लोकमान्य गंगाधर तिलक ने नारा दिया था- ‘स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। समय-समय पर सामाजिक परिस्थितियाँ के अनुसार नारे गढ़ लिए जाते हैं।

प्रत्येक व्यक्ति आराम का जीवन जीना चाहता है। उत्रोत्तर बढ़ने की चाह किसे नहीं होती? समाज में हर तरह के प्राणी होते हैं, हर तरह का अवरोध आगे आ जाता है। राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक व आर्थिक अड़चनें व्यक्ति की संवेदनाओं और आकांक्षाओं के मार्ग में व्यवधान उत्पन्न करती हैं, तब वह उनके विरोध या समर्थन में अपनी वाणी को बुलंद करता है। अपने भावों को दूसरों तक प्रभावशाली ढंग से पहुँचाने के लिए संक्षिप्त और सुंगठित शब्दों को लघु-वाक्यों में पिरोता है। यह शब्द-गुच्छ, संक्षिप्त वाक्य ऐसे होते हैं जिनसे सुननेवाला तुरंत आकर्षित होता है और विरोधी सतर्वफ होता है। इन्हें ही ‘नारा’ या ‘स्लोगन’ कहा जाता है।

‘नारा’ धार रहित हथियार कहा जाता है। इसका जनमानस पर सीधा प्रभाव पड़ता है। ये तुरंत ही प्रचलन में आ जाते हैं। नारे शब्द मात्रा नहीं होते, इनका संबंध देश-काल परिस्थितियों से होता है। आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है, इसी से नारों का जन्म होता है। नारों में शब्दशक्ति काम करती है। शब्द मानो अस्त्रा-शस्त्रा हो जाते हैं जो व्यक्ति की सोच पर प्रहार करते हैं। शब्दों का सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो उनकी शक्ति परमाणु बम से बढ़कर होती है। नारों में दिए शब्द यज्ञ में आहुति के समान होते हैं, जो जनमानस में नवीन चेतना का सृजन करने में सहायक हाते हैं। अतः कहा जा सकता है कि- ‘नारा’ एक ऐसी प्रविधि है जिसमें किसी सूक्ष्म सिद्धंत अथवा तथ्य को अत्यंत सहज, बोधगम्य बनाकर आमजन से उसको तुरंत जोड़ लिया जाता है। नारा एक तरह से आह्वान वाक्यांश होता है। विभिन्न विषयों से संबंधित समाज में किसी तथ्य की विशेषता स्थापित करता संक्षिप्त, सार्थक एवं

प्रेरणादायक शब्द गुच्छ ही ‘नारा’ या ‘स्लोगन’ कहा जाता है, जैसे- मास्क लगाओ, कोरोना भगाओ।

स्लोगन/नारा की विशेषताएँ

  1. संक्षिप्त होना चाहिए। शब्द सीमा अधिकतम 10-15।
  2. गंभीर अर्थ छिपा हो।
  3. एक-दो पंक्तियों का हो सकता है।
  4. लययुक्त नारे जल्द ही शबान पर चढ़ जाते हैं, जैसे- जल है तो कल है।
  5. अत्यंत सरल शब्द, लोकप्रिय, प्रचलित शब्द हो।

स्लोगन/नारा के कुछ उदाहरण

  • बिजल चोरी भ्रष्टाचार, इसका करो सदा परिहार।
  • प्रत्येक जन को यह समझाना, बिना पटाखे उत्सव मनाना।
  • स्वच्छता का जहाँ बसेरा, खुशियाँ का वहाँ सवेरा।
  • तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा
  • नारी हो या नर, सब बने साक्षर।
  • ज्योत से ज्योत जगाते चलो, ज्ञान की गंगा बहाते चलो।
  • शिक्षा को अपना हथियार बनाओ,
  • करो या मरो

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