जिन पत्रों के मााध्यम से सूचनाओं और आदेशों को प्रसारित किया जाता है, उन्हें परिपत्र कहा जाता है। परिपत्र को अंग्रेजी में Circular कहते हैं। प्रत्येक कार्यालय में प्रायः कई
सूचनाएं, आदेश, प्रसारित होते रहते हैं। वे सूचनाएं एवं आदेश जो सभी अधीनस्थ
अधिकारियों, कर्मचारियों के संबंध में होते है वे परिपत्र के माध्यम से भेजे जाते है।
जिन पत्रों के द्वारा सूचनाएं और आदेश प्रसारित किए जाते है उन्हें परिपत्र कहा
जाता है बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों को कार्यान्वित करने के लिए परिपत्र
जारी किया जाता है।
जिस मुद्दे को लेकर पहला परिपत्र जारी किया जाता है उस मुद्दे पर होने वाला फैसला भी परिपत्र के रूप में जारी किया जाता है जिसमें निर्णय को कार्यन्वित किए जाने के निर्देश होते हैं।
शासन प्रणाली में एक कार्यालय के अधीन कई कार्यालय होते हैं। उनमें कई कर्मचारी होते हैं। यह श्रृंखला ऊपर से नीच की और चलती है।
परिपत्र के उद्देश्य
परिपत्र कई उद्देश्यों के लिए जारी किए जाते हैं जो निम्न प्रकार है-- नियमों या अनुदेशों को आवश्यकतानुसार सामान्य रूप से सूचित करना परिपत्र का उद्देश्य है।
- मंत्रालय या विभागीय कार्यालय जब कोई सुचना अथवा अमुदेष अपने अधीन कार्यालयों को भेजना चाहता है परिपत्र का प्रयोग किया जाता है।
- एक व्यवसाय की स्थापना या हस्तांतरण।
- एक नई शाखा खोलना।
- परिसर में परिवर्तन।
- किसी व्यवसाय को लेना या बंद करना।
- व्यापार का विद्यटन या एकीकरण।
- कर्मचारी की नियुक्ति, छुट्टी या सेवानिकृरित।
- एक भागीदार की प्रवेश या मृत्यु।
- बोनस जारी करना।
- शेयर धारकों को सही शेयरों की पेशकश।
परिपत्र की विशेषताएं
- परिपत्र हमेशा उच्च कार्यालय द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यालयों को भेजा जाता है।
- परिपत्र में उच्च कार्यालय द्वारा लिए कोई विशेष निर्णय, विशेष प्रस्ताव, विशेष रियायत या किसी अन्य विषय से संबद्ध सूचनाएं जो सर्वप्रभारी होती हैं भेजी जाती हैं।
- एक परिपत्र में एक ही विषय होता है।
- इसमें संबोधन नहीं होता है।
- इसकी भाषा आदेशात्मक होती है।
- यह औपचारिक शैली में ही लिखा जाता है।
- इसकी विषय वस्तु सारगर्भित होती है।
- संक्षेप में ही पूर्ण विवरण दिया जाता है।
- परिपत्र में कार्यालय की सामान्य सूचना होती है।
- परिपत्र सावधानी से तैयार किया जाना चाहिए।
- जानकारी पूर्ण होना चाहिए।
- वे अस्पष्ट नहीं होना चाहिए।
- परिपत्र स्वर में विनम्र होना चाहिए और फाॅर्म में प्रसन्न होना चाहिए।
- एक परिपत्र पत्र का मसौदा तैयार करते समय इसका उद्देश्य ध्यान रखा जाना चाहिए।
- परिपत्र पत्र संक्षिप्त होना चाहिए।
- भाषा में चुस्ती और कसाव अपेक्षित है, जिससे संदेश सरल, स्वाभाविक सुंदर और प्रभावी लगे।
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परिपत्र
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