प्रो. रेन ने इस विधि का विकास किया। शिक्षण की विधियों में शैक्षिक पर्यटन विधि एक महत्वपूर्ण विधि है। इस विधि द्वारा शिक्षण का उद्देश्य उन परिस्थितियों को उत्पन्न करना है, जिनमें छात्र स्वयं सीखने का अनुभव कर सकें। शैक्षिक पर्यटन विधि में छात्रों को विषयवस्तु का वास्तविक ज्ञान उस स्थल पर जाकर कराया जाता है। उदाहरण यदि छात्रों को ताजमहल का ज्ञान आगरा ले जाकर कराया जाये तो उन्हें वास्तविक ज्ञान होगा। इस विधि को अधिक प्रभावशाली माना जाता है, इसे शैक्षिक पर्यटन कहते हैं। इस विधि का उपयोग इतिहास एवं भूगोल विषयों एवं अन्य विषयों का अध्ययन कराने हेतु किया जाता है।
शैक्षिक पर्यटन का अर्थ एवं परिभाषा
‘‘प्रो. रेन ने विद्यालय पर्यटन प्रविधि का विकास किया, जिसके द्वारा भूगोल प्राकृतिक अध्ययन इतिहास तथा अन्य विषयों का शिक्षण वास्तविक रूप में किया जा सकता है। इस विधि द्वारा एक खुले तथा स्वतंत्र वातावरण में छात्र को लाया जाता है, जिससे सामाजिक प्रशिक्षण का अवसर प्राप्त होता है।’’
शैक्षिक पर्यटन विधि के सैद्धान्तिक आधार निम्नलिखित हैं -
- यह विधि मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो पर आधारित है।
- इसमें इन्द्रियों द्वारा ज्ञान से छात्रों को सीखने में सुगमता रहती है।
- यह सामाजिक सिद्धांतो पर आधारित है। यह छात्रों में सहयोगात्मक भावना का विकासकरती है।
- 4. यह विधि छात्रों में निरीक्षण शक्ति, कल्पना शक्ति तथा अन्वेषण क्षमताओं का विकास करने में सहायक है।
शैक्षिक पर्यटन का नियोजन
इसके लिए निम्न सोपानों का अनुसरण होता है -
- शैक्षिक पर्यटन का उद्देश्य निर्धारण।
- उस व्यवस्था का चयन जिसके द्वारा शैक्षिक उद्देश्य की प्राप्ति हो सके।
- पर्यटन की निश्चित रूप से व्यवस्था करना इसके लिए अधोलिखित बातों का निर्धारण - 1. तिथि, 2. समय, 3. छात्र संख्या, 4. निर्देशक कौन होगा, 5. पर्यटन के उद्देश्य का निर्धारण, 6 आर्थिक व्यवस्था।
- भ्रमण हेतु यातायात एवं ठहरने की व्यवस्था करना।
निर्देशन पत्र शैक्षिक भ्रमण पर जाने से पहले निर्देशन पत्र की जांच करानी चाहिए। निर्देशन पत्र में उन संस्थाओं एवं स्थलों की सूची होती है, जिन्हें छात्र देख चुके हैं। निर्देशन पत्र एक चार्ट के रूप में तैयार किया जाता है। जिसे छात्र चित्र के रूप में अपने पास रख सकते हैं अथवा फोटों खींचकर भी रखा जा सकता है।
शैक्षिक पर्यटन का महत्व
- शिक्षण को रोचक व बोधगम्य बनाया जाता है।
- छात्रों को प्रत्यक्ष अनुभव एवं वास्तविक अनुभव द्वारा ज्ञान कराया जाता है।
- शैक्षिक पर्यटन द्वारा ज्ञानात्मक एवं भावात्मक योग्यताओं का विकास होता है।
- भौगोलिक परिदृश्य जैसे औद्योगिक मिलें एवं ग्रामीण उद्योगों को देखने से दैनिक उपयोगी जानकारी प्राप्त होती है।
शैक्षिक पर्यटन के सीमाएं या दोष
- यह एक महंगी विधि है।
- आर्थिक दृष्टि से कमजोर छात्र इसका लाभ नहीं ले सकते।
- इस विधि में छात्र भ्रमण को एक मनोरंजन के रूप में लेते हैं, अतः वांछित शैक्षिक उद्देश्य की प्राप्ति नहीं हो पाती।