विचार विमर्श विधि क्या है? विचार विमर्श विधि के गुण और दोष

विद्यार्थी को निष्क्रिय बनने के स्थान पर सक्रिय बनाने के लिए क्रियात्मक शिक्षक विधियों में विचार विमर्श विधि है। विचार विमर्श विधि सामाजिक अध्ययन के अध्यापन में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इसमें शिक्षक और छात्र आपस में विचार विमर्श एवं तर्क वितर्क के द्वारा सामाजिक अध्ययन की विषयवस्तु एवं समस्याओं के बारे में चर्चा करते हैं तथा जो भी शंकाएं होती हैं, उनका हल करके समाधान तक पहुंचते हैं। विचार विमर्श एक शैक्षिक सामूहिक क्रिया है। जिसमें शिक्षक तथा छात्र सहयोगी रूप से किसी समस्या या प्रकरण पर बातचीत करते हैं।

विचार विमर्श विधि के गुण

  1. यह पद्धति विद्यार्थियों में स्वस्थ प्रतियोगिता का विकास करती है।
  2. इस विधि के द्वारा रटने की प्रवृत्ति का अंत होता है, क्योंकि विचार विमर्श के द्वारा जो ज्ञान छात्रों को प्राप्त होता है, वह उनकी समझ एवं मानसिक क्रियाओं द्वारा होता है।
  3. विचार विमर्श पद्धति में विषय का चुनाव पहले से करना पड़ता है।
  4. विचार विमर्श विधि के द्वारा छात्रों में तर्क करने की क्षमता विकसित होती है।
  5. विचार विमर्श के द्वारा स्वतंत्रतापूर्वक पढ़ने की प्रवृत्ति का विकास होता है।
  6. छात्रों की चिन्तन करने की क्षमता का विकास होता है।
  7. यह विधि सीखने की प्रक्रिया में भाग लेने के अवसर प्रदान कर छात्रों की सक्रियता में वृद्धि करती है।
  8. इससे आलोचनात्मक चिन्तनविकसित होता है।
  9. इस विधि में छात्रों के द्वारा अपनों विचारों की अभिव्यक्ति सुव्यवस्थित रूप से की जाती है।

विचार विमर्श विधि के दोष

  1. विचार विमर्श पद्धति के द्वारा छात्रों को पूरे पाठ्यक्रम का शिक्षण प्रदान नहीं किया जा सकता है।
  2. विचार विमर्श विधि में छात्रों के द्वारा तर्क कम दिये जाते हैं, कुतर्को का ज्यादा प्रयोग किया जाता है परिणामस्वरूप समय नष्ट होता है।
  3. विचार विमर्श विधि में कुछ छात्र सहभागिता करते हैं, सभी छात्र भाग नहीं लेते हैं।
  4. विचार विमर्श विधि में जो छात्र संकोची प्रवृत्ति के होते हैं, वह भाग नहीं लेते हैं।
  5. विचार विमर्श विधि उच्च कक्षाओं के लिए उपयुक्त है। 

सन्दर्भ -

  1. Sharma, Rameshwarlal, and Verma Rampal Singh (2001), Teaching of social studies, Vinod Pustak Mandir, Agra-2
  2. Saxena, N.R. and Mishra B.K., Mohanty. The teaching of social studies, Surya Publication, Meerut

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