अंग्रेजी में वाक्य के प्रकार

हर भाषा में कुछ भी कहने या लिखने के लिए शब्दों के समूहों का प्रयोग होता है। शब्दों का वह समूह जिसमें किसी बात का भाव पूर्णतः स्पष्ट हो, उसे वाक्य कहते हैं। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि वाक्य वे हैं जिनसे सुनने वाले को पूर्ण संदेश का पता चल पाये। 

मान लीजिए आपने मुझसे पूछा क्या आफिस जाओगे? मैंने उत्तर दिया 'नहीं' आप समझ गये कि मैं आफिस नहीं जाऊँगा। आपका प्रश्न क्या आफिस जाओगे? भी एक वाक्य है और मेरा उत्तर नहीं भी एक वाक्य है। ये बात अलग है कि मेरा वाक्य सिर्फ एक शब्द से बना है, कई शब्दों से नहीं। महत्वपूर्ण यह नहीं कि वाक्य में शब्द कितने हैं, महत्वपूर्ण यह है कि कहे गये वाक्य द्वारा दिया गया संदेश पर्याप्त है या नही। अगर आप ध्यान से सोचे तो मेरे कहने का तात्पर्य स्पष्ट था कि मैं आफिस नहीं जाऊँगा , इसलिए मेरा वाक्य पूर्ण व पर्याप्त है।

Sentence (वाक्य) के प्रकार

Sentence को उनके भाव व अर्थ के आधार पर निम्नलिखित 4 वर्गाें मे वर्गीकृत किया जाता है -

1. Assertive or Declarative Sentences (स्वीकारात्मक या कथात्मक वाक्य): Assertive or Declarative Sentences (स्वीकारात्मक या कथात्मक वाक्य) में कुछ बताया जाता है या किसी बात का वर्णन होता है। कोई भी बात चाहे वो एक तथ्य हो या एक सोच।
  1. अमन मेरा बेटा है।
  2. अमन घर पर नहीं है।
  3. अरनवी स्कूल नहीं जाती है।
2. Interrogative Sentences (प्रश्नवाचक वाक्य): ऐसे वाक्य जिनमें कोई प्रश्न पूछा जाता है। उदाहरण - 1. क्या अमन घर पर नहीं है?, 2. क्या तुम खेलते हो?

3. Imperative Sentences (आज्ञासूचक वाक्य): 
ऐसे Sentences जो आज्ञा, आदेश या प्रार्थना व्यक्त करें। उदाहरण - 1. वहाँ बैठो। 2. मुझको जाने दो।

4. Exclamatory Sentences (विस्मयादिबोधक वाक्य): ऐसे वाक्य जिनमें अचानक उत्पन्न हुई भावनाओं जैसे दुख, खुशी, हैरानी, डर आदि की अभिव्यक्ति हो। उदाहरण - 1. गजब! या बहुत बढि़या! । 2. भगवान का शुक्र है!। 
दूसरे वर्गीकरण के अनुसार वाक्य निम्नलिखित चार प्रकार के होते हैं -
  1. Affirmative (सकारात्मक): ऐसे वाक्य जिनमें न नहीं का प्रयोग हो, न ही कोई प्रश्न  पूछा गया हो। जैसे- राम एक अच्छा लड़का है।
  2. Negative (नकारात्मक): ऐसे वाक्य जिनमें नहीं का प्रयोग तो हो पर कोई प्रश्न न पूछा गया हो। जैसे - राम एक अच्छा लड़का नहीं है।
  3. Interrogative (प्रश्नवाचक): ऐसे वाक्य जिनमें नहीं का प्रयोग न हो पर प्रश्न पूछा गया हो। जैसे - क्या राम एक अच्छा लड़का है?
  4. Negative Interrogative (नकारात्मक प्रश्नवाचक): ऐसे वाक्य जिनमें नहीं का प्रयोग भी हो और प्रश्न भी पूछा गया हो। जैसे - क्या राम एक अच्छा लड़का नहीं है?

Sentence (वाक्य) के भाग 

1. Subject - कर्ता

Subject वो होता है जिसके बारे में वाक्य में  या तो बात हो रही हो या फिर वो जो किसी क्रिया यानि काम को कर रहा हो। दूसरे शब्दों में, Subject किसी भी वाक्य का प्रमुख केन्द्र होता है।

2. Verb (क्रिया) - कर्म, काम या कार्य

क्रिया वो है जिसके माध्यम से Subject के कार्य या अवस्था (स्थिति) की जानकारी मिलती है।

मैं कहूँ श्याम सो रहा है। इस वाक्य में  है Subject है - श्याम और Verb है - सोना। इस वाक्य में Subject के द्वारा किये जा रहे कार्य की जानकारी मिलती है। यहाँ पर Subject सोने का कार्य कर रहा है। इसी तरह, मान लीजिए मैं कहूँ श्याम 8 महीने का है। Subject है - श्याम। यहाँ पर श्याम कोई कार्य नहीं कर रहा बल्कि उसके बारे में तो सिर्फ बताया गया है कि वह 8 महीने का है। इस वाक्य में Subject के कार्य की नहीं बल्कि अवस्था/स्थिति की जानकारी मिलती है। अवस्था का सीधा तात्पर्य यह है कि Subject किस समय में - वर्तमान में, बीते हुए कल में या फिर आने वाले कल में किस अवस्था/स्थिति में है।
  1. श्याम सो रहा है। (श्याम सोने का कार्य कर रहा है। इस वाक्य में Subject के द्वारा किये जा रहे कार्य की जानकारी मिलती है।)
  2. श्याम 8 महीने का है। (इस वाक्य में Subject के कार्य की नहीं बल्कि वर्तमान अवस्था की जानकारी मिलती है।)
  3. श्याम महीने का था। (इस वाक्य में Subject के कार्य की नहीं बल्कि बीते हुई समय की एक अवस्था की जानकारी मिलती है।)
  4. श्याम महीने का होगा। (इस वाक्य में Subject के कार्य की नहीं बल्कि आने वाले समय की एक अवस्था की जानकारी मिलती है।)
क्रियाएँ दो प्रकार की होती है-

1. मुख्य क्रिया (Main Verb): यह क्रिया Subject के कार्य की जानकारी देती है। मुख्य क्रिया का सीधा सा मतलब है कोई भी काम जैसे नाचना, गाना, सोचना, पढ़ना, लिखना, देखना, हिलना, याद करना, पीटना आदि। जरूरी नहीं कि काम वही हो जो हाथ पैरो से किया जा रहा हो यानि physical हो। अगर आप कुछ सोच रहे हैं तो
भी दिमाग काम कर रहा है यानि Mental work तो हो ही रहा है इसलिए सोचना भी एक कार्य ही है।

2. सहायक क्रिया (Helping Verb/Auxiliary Verb): यह क्रिया  Subject की अवस्था के बारे में बताती है Subject के अनुसार व समयकाल (वर्तमान, भूत व भविष्य) के अनुसार इनका प्रयोग किया जाता है। Examples: is, am, are, was, were, has, have, had, do, does, did, will etc.

3. Object - कारक

कारक वह होता है जिस पर कर्ता के कार्य या अवस्था का प्रभाव पड़ता है। नीचे दी गयी तालिका में कुछ उदाहरण दिये गये हैं-

SentenceSubjectObjectMain Verb
राम मेरा दोस्त है।राममेरा दोस्त-
वो पागल नहीं है।वोपागल-
हम सब मम्मी के साथ थे। हम सबमम्मी -
राहुल यहाँ नहीं है।राहुलयहाँ-
पापा खेलते हैं।पापा-खेलना
पापा पार्क में खेलते हैं।पापापार्कखेलना
राम आयेगा।राम-आना
मैं तुम्हें याद करता हूँ। मैं तुमयाद करना
राहुल के पास पैसे नहीं हैं। राहुल पैसे-
बच्चे क्या देखते हैं?बच्चेदेखना
राम पार्क में था। राम राम-
तुम मेरे दिल मे रहते हो।  तुम मेरा दिलरहना
वो स्कूल नहीं जाता था। वो स्कूल जाना

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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