इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी (INS) क्या है? इसकी स्थापना कब हुई?

इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी (Indian Newspaper Society) भारत में पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशकों की सबसे बड़ी संस्था है। इसका मुख्य कार्यालय दिल्ली में है। इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी (Indian Newspaper Society) की स्थापना 27 फरवरी 1939 में दिल्ली में हुई थी। स्थापना के बाद से इसका मुख्यालय स्टेट्समैन बिल्डिंग में था, लेकिन 9 सितम्बर 1953 को हिन्दू के सी आर श्रीनिवासन की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय किया गया कि संस्था का अपना निजी कार्यालय भवन होना चाहिए। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी भवन के लिए भूमि आवंटित कर दी और इसी पर तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा 6 अक्टूबर 1956 को वर्तमान रफी मार्ग पर स्थित इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी बिल्डिंग का उद्घाटन हुआ। आज इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी बिल्डिंग पत्र पत्रिकाओं व जन संचार की दुनिया में एक जाना पहचाना नाम है। संस्था का नया भवन मार्च 1985 में तैयार हुआ था।

प्रारम्भ में इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी का नाम ‘द इंडियन एण्ड ईस्टर्न न्यूज पेपर सोसाइटी’ था। इसने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अखबारी कागज की समस्या के समाधान के लिए सरकार के साथ एक समझौता भी किया था और इसी के प्रयासों से 1947 में पहली भारतीय समाचार एजेंसी, प्रेस ट्रस्ट आफ इण्डिया (पीटीआई) की स्थापना भी हुई। इसी के प्रयासों से 1948 में आडिट ब्यूरो आफ सर्कुलेशन (एबीसी) की भी स्थापना हुई। वर्तमान में 14 भारतीय भाषाओं के 990 से अधिक दैनिक, अर्ध साप्ताहिक, साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक पत्र-पत्रिकाएं इसके सदस्य हैं, इनमें 143 छोटे, 276 मझोले और 191 बड़े अखबार शामिल हैं।

इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी के प्रमुख उद्देश्य

इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी के प्रमुख उद्देश्य हैं-
  1. भारत सरकार के मीडिया सम्बन्धी कानूनों का अध्ययन और उन पर राय देना। 
  2. सदस्यों के व्यावसायिक हितों की रक्षा करना, उनके हित के हर मामले की जानकारी जुटाना। 
  3. सदस्यों के बीच नियमित रूप से सहयोग की भावना बनाए रखना, और आपसी हितों के टकराव के मामलों में बातचीत से समस्या का समाधान करना।
इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी के सांगठिनिक ढांचे में एक कार्यकारिणी होती है, जिसमें अखबार मालिकों के प्रतिनिधियों में से एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष, एक सह अध्यक्ष, एक महासचिव और 45 सदस्य शामिल होते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ क्षेत्रीय समितियाँ और उप समितियाँ भी होती हैं। समिति की कार्यकारिणी की नियमित बैठकें होती रहती हैं और यह विज्ञापन एजेंसियों की मान्यता भी तय करती है।

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