विश्वकोश का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, विशेषताएं, सीमाएँ

विश्व की संपूर्ण ज्ञान राशि को संश्लेषित कर सुसंगत एवं क्रमबद्ध रूप में उपलब्ध कराने वाली रचना को विश्वकोश कहते हैं। विश्वकोश किसी भी विषय की पृष्ठभूमि की जानकारी तथा स्वयं शिक्षा के लिए बहुत ही उपयोगी ग्रन्थ होते हैं।

विश्वकोश का अर्थ

विश्वकोश अंग्रेजी भाषा के ‘‘इनसाइक्लो पीडिया (Encyclopedia) शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है जो ग्रीक शब्दों क्रमशः 'encyklios' तथा 'paedia' से मिलकर बना है। Encyklios का आशय है ‘परिधि’ अथवा ‘वृत्त’ तथा paedia शब्द का अर्थ होता है ‘ज्ञान’। इस प्रकार इनसाइक्लोपीडिया का अर्थ है ज्ञान-वृत्त अथवा ज्ञान-चक्र अर्थात ज्ञान की
एक पूर्ण प्रणाली या ज्ञान जगत। यह एक ऐसा ज्ञान का भण्डार है जिसमें सभी प्रकार के ज्ञान को प्राप्त किया जा सकता है। 

दूसरे शब्दों में विश्वकोश वह रचना है जिसमें ज्ञान शाखाओं से सम्बन्धित समस्त गहन जानकारियों को क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित किया जाता है। विश्वकोश में अनेक विद्वानों द्वारा रचित एवं संपादित लेख सम्मिलित रहते हैं जो संक्षिप्त, सारगर्भित, पूर्ण, प्रमाणिक एवं विश्वसनीय होते हैं। 

विश्वकोश की परिभाषा

विश्वकोशों की कुछ प्रमुख परिभाषाएं  हैंः -

1. आक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार ‘‘ज्ञान की सभी शाखाओं से सम्बन्धित विस्तृत सूचना सामग्री-युक्त, वर्णानुक्रम में व्यवस्थित साहित्यिक कृति को विश्वकोश कहते हैं।’’

2. काट्ज के अनुसार ‘‘शब्दकोश ज्ञान की समस्त शाखाओं या एक विषय क्षेत्र में त्वरित संदर्भ सेवा के लिए वर्णानुक्रम में सूचना को एकत्रित एवं व्यवस्थित करने का एक प्रयास है।’’

विश्वकोश के प्रकार

विश्वकोश को दो प्रकारों में विभक्त किया जा सकता है। सामान्य विश्वकोश एवं विशिष्ट विश्वकोश। 

1. सामान्य विश्वकोश 

ऐसे विश्वकोशों का सम्बन्ध किसी विषय विशेष से न होकर विश्व के सभी विषयों की सभी शाखाओं के ज्ञान विवरण से होता है। इस प्रकार के ग्रन्थों का संकलन सभी प्रकार के पुस्तकालयों में किया जाता है। इसमें मानव ज्ञान-क्षेत्र के सभी पक्षों एवं शाखाओं से सम्बन्धित ज्ञान आलेख के रूप में सम्बन्धित विषयों तथा नामों के वर्णक्रम में आकलित किए जाते हैं। सामान्य विश्वकोश के कुछ उदाहरण हैः -

1.The New Encyclopedia and Britanica : यह कुल 32 खण्डों में प्रकाशित सामान्य प्रकृति का विश्वकोश है। 
इस प्रकाशन 1768 से किया जा रहा है। वर्तमान में सन 1985 में प्रकाशित 14वां संस्करण प्रयोग में लाया जा रहा है जिसका प्रकाश इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटानिका कम्पनी द्वारा किया जाता है।

2. रैण्डम हाउस एनसाइक्लोपीडिया - यह एक विशेष प्रकार का विश्वकोश है जो दो भागों में है अल्फापीडिया एवं कलरपीडिया। अल्फापीडिया में संक्षिप्त विवरण हैं तथा कलरपीडिया में रंगीन चित्रों के साथ प्रत्येक विषय के आलेख हैं।

3. द कैम्ब्रिज एन साइक्लोपीडिया-  यह एक खण्डीय विश्वकोश है जिसमें 30000 आलेख हैं इसका संशोधन एवं
परिवर्तन प्रत्येक 2 से 3 साल में होता है।

4. द न्यू कोलम्बिया इनसाइक्लोपीडिया - यह कम बजट एवं छोटे स्तर के पुस्तकालयों के लिए एक उपयोगी
इनसाइक्लोपीडिया है जिसका प्रथम प्रकाशन 1935 ई0 में कोलम्बिया इनसाइक्लोपीडिया
के नाम से हुआ था। यह बच्चों तथा वचस्कों के लिए समान रूप से उपयोगी है।

5. न्यू बुक आफ नालेज - यह छोटे बच्चों (8 - 13 वर्ष) को ध्यान में रखकर निर्मित किया गया विश्वकोश है जिसमें दिये गये रंगीन चित्र बहुत ही अधिक है तथा चित्रों के माध्यम से इसमें जानकारियाँ दी गयी हैं। यह पहली बार 1912 में जब प्रकाशित हुआ था तो इसमें न्यू शब्द नहीं था।

6. काम्पटन्स इनसाइक्लोपीडिया एण्ड फैक्ट इन्डेक्स - 26 खण्डों में ब्रिटानिका, शिकागो द्वारा प्रकाशित यह विश्वकोश और बच्चों व किशोरों के दृष्टिकोण से अत्यन्त ही उपयोगी है।

7. चिल्ड्रेन्स ब्रिटानिका - बच्चों एवं किशोरों को ध्यान में रखकर ब्रिटानिका शिकागो द्वारा यह विश्वकोश 1960 से प्रकाशित हो रहा है जो कुल 19 खण्डों में है। इसमें रंगीन चित्र एवं बहुत ही आकर्षक मुद्रण है।

8. आक्सफोर्ड जूनियर इनसाइक्लोपीडिया - 10 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया गया यह विश्वकोश आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लन्दन द्वारा 1961 में प्रकाशित किया गया था।
इसमें कुल 12 खण्ड हैं।

2. विशिष्ट विश्वकोश 

ऐसे विश्वकोश किसी विषय अथवा कार्यक्षेत्र विशेष से सम्बन्धित प्रकरणों सम्बन्धी जानकारी को समस्त सूचनाओं समेत आलेख के रूप में विषयों एवं नामों के वर्णानुक्रम में व्यवस्थित करते हैं। विषय विशेष से सम्बन्धित ही जानकारी प्रदान करते हैं। सामान्य एवं छोटे पुस्तकालयों में एक या दो खण्डों में प्रकाशित विषय विश्वकोश क्रय किए जाते है। ऐसा प्रचलन में देखने को मिलते है। विशिष्ट विषय विश्वकोशों के कुछ उदाहरण हैंः -

1. इनसाइक्लोपीडिया आफ लाइब्रेरी एण्ड इनफारमेशन साइंस - यह एक बहुखण्डीय विश्वकोश है जिसमें कुल 46 खण्ड हैं जो 1968 से 1983 के मध्य प्रकाशित हुए। इनका प्रकाशन मारसेल डेकर ने किया। इसके अन्तिम दो खण्डों में पूरे विश्वकोश की विश्लेषणात्मक अनुक्रमणिका दी गयी है।

2. द इनसाइक्लोपीडिया आफ रिलीजन एण्ड एथिक्स - इस विश्वकोश का संपादन जेम्स हेस्टिंग द्वारा सन 1967 में किया गया। इसमें अनुक्रमणिका को छोड़कर इसमें कुल 12 खण्ड हैं। इसमें विश्व के समस्त धर्मों की उत्पत्ति, विकास, धार्मिक आस्था, रीति-रिवाज, दर्शन आदि पर अत्यन्त ही प्रमाणिक एवं विश्वसनीय जानकारी दी गयी है। इस विश्वकोश में धर्म के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त लोगों का परिचय भी दिया गया है।

3. इनसाइक्लोपीडिया आफ साइकोलाॅजी - इसका प्रकाशन वाइली इण्टर साइंस, न्यूयार्क द्वारा 1984 में किया गया जिसमें लगभग 2000 आलेख, 650 से भी जीवन-वृत्त तथा ग्रन्थ-सूचियाँ हैं। साथ ही अनुक्रमणिका तथा व्यक्तियों की अनुक्रमणिका’ भी अलग से दी गयी है।

4. इनसाइक्लोपीडिया आफ वल्र्ड आर्ट - इस विश्वकोश में कुल 15 खण्ड हैं जिनका प्रकाशन मैकग्रा हिल ने 1959 से 1968 के मध्य किया। इसके पूरक अंक के रूप में 16वां खण्ड 1983 में प्रकाशित किया गया। इसमें कई प्रकार की अनुक्रमणिकाएँ दी गयी हैं, जैसे - विषय अनुक्रमणिका, शीर्षकों की अनुक्रमणिका तथा कलाकारों की अनुक्रमणिका इत्यादि।

5. इण्टरनेशनल इनसाइक्लोपीडिया आफ पालिटिक्स एण्ड लाॅ - 17 खण्डों में प्रकाशित इसका 1987 का संस्करण विश्व के 100 से अधिक देशों में राजनीतिक दलों, पद्धतियों, संसदीय पद्धति, संवैधानिक विकास आदि का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत करता है। इसका संपादन ‘‘इन्स्टीट्यूट आॅफ इलेक्टोरल स्टडीज’’ के माध्यम से
किया गया है।

6. इण्टरनेशनल इनसाइक्लोपीडिया आफ सोशल साइंसेज - इसका पूर्व संस्करण 1962 में इन्साइक्लोपीडिया आफ सोशल साइंसेज के नाम से प्रकाशित हुआ था। बाद में 1979 में इण्टरनेशनल शब्द जोड़कर इसका नवीन संस्करण ‘इण्टरनेशनल इनसाइक्लोपीडिया आफ सोशल साइंसेज’ के नाम से प्रकाशित हुआ। यह समाज विज्ञान के क्षेत्र का एक अत्यन्त ही लोकप्रिय संदर्भ-ग्रंथ है, जिसमें विषय के समस्त पक्षों एवं विषयों को पूर्ण प्रतिनिधित्व दिया गया है। इसमें प्रत्येक आलेख के अन्त में विस्तृत एवं अद्यतन वांग्मयसूची दी गयी है जिससे अतिरिक्त सूचना की प्राप्ति होती है।

विश्वकोश की विशेषताएं

इनकी विशेषताएँ निम्नवत होती हैंः -
  1. यह सम्पूर्ण ज्ञान राशि को अपने में समाहित रखते हैं।
  2. यह सामान्य पाठकों, विद्वानों एवं विशेषज्ञों सभी के लिए समान रूप से उपयोगी होते हैं।
  3. यह सभी विषयों अथवा किसी विशेष विषय से सम्बन्धित हो सकता है।
  4. विश्वकोशों की जानकारी प्रमाणिक एवं विश्वसनीय होती है।
  5. विश्वकोशों के माध्यम से एक ही स्थान पर सभी प्रकरणों से सम्बन्धित जानकारी मिल जाती है।
  6. इसमें दी गयी जानकारी सम्पूर्ण किन्तु संक्षिप्त होती है।
  7. इसमें दी गयी जानकारियां वर्णानुक्रम में दी गयी होती हैं जिससे इन्हें सरलता से देखा जा सकता है।

विश्वकोश की सीमाएँ

विश्वकोशों की विशेषताओं के साथ उसकी अपनी सीमाएँ भी हैं, जो हैंः -
  1. कई विश्वकोशों का झुकाव किसी न किसी विचारधारा अथवा देश (प्रायः जहाँ से प्रकाशित होते हैं) की तरफ होता है।
  2. विश्वकोशों के आकार इत्यादि को देखते हुए सम्पादकों को कई लेखों को नये संस्करणों से हटाना अथवा लघु रूप में देना पड़ता है, ताकि नये के लिए स्थान बनाया जा सके।
  3. लेखों के साथ दी गयी संदर्भ ग्रन्थों की सूची पूरी तरह से अद्यतन नहीं होती है।
  4. हमेशा संशोधित एवं परिवर्धित संस्करण का प्रकाशन संभव नहीं हो पाता है।

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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