आग का आविष्कार कब और कैसे हुआ?

आग का आविष्कार आदिमानव काल में ही हो गया था क्योंकि जंगलों में रहने वाले आदिमानव जंगली जानवरों से बचने के लिए आग का उपयोग करते थे और कहा जाता है कि आदिमानव ने आग की खोज पत्थर को रगड़ के की थी जब वो पत्थर को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा रहे तो गलती से पत्थर एक दूसरे के ऊपर गिरे और आदिमानव ने पत्थरों के टकराने से उत्पन्न चिनगारियों को देखा होगा।

आग का आविष्कार कब और कैसे हुआ?


उस समय आदि मानव इससे डरता था लेकिन उनको इसका उपयोग करना सीखा और शुरू में आदिमानव यदि कहीं गुफाएं होती तो मनुष्य उन्हीं में रहने लगते थे। अन्यथा वे बड़े पेड़ों की पत्तों वाली शाखाओं के बीच अपने लिए शरण स्थान बना लेते थे। उन्हें दो चीजों का भय रहता था मौसम और जंगली जानवर। आदिमानव नहीं जानता था कि बादल क्यों गरजते हैं या बिजली क्यों चमकती है और जब किसी चीज का कारण समझ में नहीं आता, तो आदमी उससे भयभीत रहता है। बाघ, शेर, चीता, हाथी और गैंडे जैसे खूँखार जानवर जंगलों में घूमते फिरते रहते थे।

इन जानवरों की तुलना में मनुष्य कमजोर थे, इसलिए उन्हें या तो गुफाओं और पेड़ों में छिपकर अपनी रक्षा करनी पड़ती थी या फिर अपने अनगढ़ हथियारों से उन्हें मार डालना पड़ता था। परन्तु इन जानवरों से रक्षा का सर्वोत्तम उपाय था आग। रात के समय जहां सभी प्राणी गुफा में जमा हो जाते तो गुफा के मुंह पर आग लगाई जाती थी। आग के डर से जानवर गुफा के भीतर नहीं आते थे। शीतकाल में तूफानी रातों में आग ही उन्हें आराम तथा सुरक्षा प्रदान करती थी।

लेकिन जहां तक आदिमानव ने इसको नियंत्रण करना नहीं सिखा तब तक इसका उपयोग नहीं हुआ आग का प्रयोग लगभग 125000 साल पहले पता चला। और उत्पन्न करने की एक और विधि थी घर्षणविधि से आग उत्पन्न करने की सबसे सरल और प्रचलित विधि लकड़ी के पटरे पर लकड़ी की छड़ रगड़ने की है और प्राचीन भारत में भी इस विधि का प्रचलन था। इस यंत्र को अरणी भी कहते थे इस विधि से आग उत्पन्न करना भारत के अतिरिक्त श्रीलंका, सुमात्रा, आस्ट्रेलिया और दक्षिणी अफ्रीका में भी प्रचलित था।

सन् 1830 के बाद दियासलाई का आविष्कार हो जाने के कारण आग प्रज्वलित रखने की विधि आई थी और आज मानव जीवन में आग के बहुत उपयोग है यदि आग नहीं होती तो मानव जीवन इतना सरल नहीं होता और जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ी, लोग आग के सहारे अधिकाधिक ठंडे देशों में रहने लगे।

Post a Comment

Previous Post Next Post