बरसात के मौसम में जब कभी आसमान में काले-काले बादल छाए होते हैं तो मन खुशी से खिल उठता है तभी मगर हल्की-फुल्की बारिश की फुहारे पड़ने लगे तो सभी झूम उठते है। बारिश के बंद होने के बाद जब सूर्य की किरणें बादलों से टकराती है तो आकाश में रंग-बिरंगी आकृति दिखाई देती है यही आकृति इन्द्रधनुष कहलाती है। इन्द्रधनुष ये बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल जो हमें इन्द्रधनुष में दिखाई देते हैं।
इन्द्रधनुष के प्रकार
इन्द्रधनुष दो प्रकार के होते हैं-- प्राथमिक इन्द्रधनुष या दोहरा इन्द्रधनुष
- द्वितीयक इन्द्रधनुष
2. द्वितीयक इन्द्रधनुष - जब वर्षा की बूंदों पर आपतित होने वाली सूर्य की किरणों का दो बार आपवर्तन व दो बार परावर्तन होता है, तो द्वितीयक इन्द्रधनुष का निर्माण होता है। इसमें बाहर की ओर बैंगनी रंग एवं अंदर की ओर लाल रंग होता है। बाहर वाली किरण आंख पर 54°52 का कोण तथा अंदर वाली किरण 50°8 का बनाती है। द्वितीयक इन्द्रधनुष प्राथमिक इन्द्रधनुष की अपेक्षा कुछ धुंधला दिखलाई पड़ता है।
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