भारत के प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दल
भारत के प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दलों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार से यहां
दिया जा रहा है-
- भारतीय जनता पार्टी
- बहुजन समाज पार्टी
- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
- तृणमूल कांग्रेस पार्टी
- नेशनल पीपुल्स पार्टी
2. भारतीय जनता पार्टी - भारतीय जनता पार्टी का मूल आधार श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में निर्मित भारतीय जनसंघ है। जनसंघ से बनी जनता पार्टी के 1980 में विघटन के बाद भारतीय जनता पार्टी का उदय हुआ। कमल का फूल इस पार्टी का चिह्न है। चुनाव आयोग के द्वारा भाजपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हैं।
3. एनसीपी - पार्टी का गठन पी.ए संगमा, तारिक अनवर और शरद पंवार के द्वारा किया गया।25 मई 1999 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया गया था। एनसीपी का सबसे ज्यादा प्रभाव महाराष्ट्र में माना जाता हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न घड़ी है।
4. बहुजन समाज पार्टी- बहुजन समाज पार्टी का गठन कांशीराम ने किया था। बहुजन समाज पार्टी का सबसे ज्यादा प्रभाव उत्तर-प्रदेश में माना जाता हैं। पार्टी भीमराव अंबेडकर को अपना आदर्श मानती हैं। हाथी बहुजन समाज पार्टी का चुनाव प्रतीक है।
5. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) - इस दल की स्थापना 26 दिसम्बर 1925 को कानपुर नगर में हुई थी। भारतीय
कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना एम. एन राय के नेतृत्व में की गई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) भारत का एक साम्यवादी दल है। यह भारत
की सबसे पुरानी कम्युनिस्ट पार्टी है। चुनाव आयोग द्वारा इसे राष्ट्रीय दल के रूप में
मान्यता प्राप्त।
6. सीपीआईएम- सीपीआई का गठन 1925 सीपीआईएम को भी चुनाव आयोग से राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा प्राप्त हैं। सीपीआईएम का दावा है कि वो समाज के शोषित वर्ग की राजनीति करते हैं। सीपीआईएम का गठन 1964 में सी.पी. आई से विभाजन के बाद हुआ था। सीपीआईएम को केरल, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा प्रभावी माना जाता हैं।
7. नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) - एनपीपी की स्थापना पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा ने कांग्रेस से अलग होकर 5 जनवरी, 2013 को की थी। 4 मार्च, 2016 को संगमा के निधन के बाद पुत्र कोनराड ने एनपीपी की कमान संभाली और उसे इस मुकाम तक पहुंचा दिया कि चुनाव आयोग ने जून, 2019 में एनपीपी को राष्ट्रीय दल की मान्यता दे दी।केंद्रीय चुनाव आयोग ने जून, 2019 में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा दे दिया था। पार्टी का चुनाव चिह्न किताब है।
भारत के प्रमुख क्षेत्रीय दल
क्षेत्रीय दल वे दल हैं जिनका प्रभाव राज्य की सीमा तक ही है। राज्य दल का दर्जा प्राप्त करने के लिए संबंधित दल को लोक सभा अथवा विधानसभा चुनाव में डाले गए कुल वैध मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त करने के साथ ही राज्य विधानसभा में कम से कम दो सीटे जीतना आवश्यक है अथवा विधानसभा की कुल सदस्य संख्या की कम से कम तीन प्रतिशत सीटें अथवा तीन सीटें (इनमें से जो अधिक है) जीतना आवश्यक होगा। इनमें तेलुगूदेशम, शिवसेना, डी.एम.के. अन्ना डी.एम.के., असम गण परिषद, सिक्किम संग्राम परिषद समाजवादी पार्टी, तमिल मनीला कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस आदि। आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, सिक्किम, आदि राज्यों में ये दल प्रभावशाली हैं।1. असम गण परिषद - असम गण परिषद का गठन 1985 में छह वर्षों तक चले असम शांति आंदोलन के बाद हुआ था। आंदोलनकारियों और सरकार के बीच अगस्त 1985 में ऐतिहासिक असम समझौते के बाद कई आंदोलनकारी संगठनों के विलय से असम गण परिषद की स्थापना का निर्णय लिया गया था। गाले घाट क्षेत्र में असम के लोगों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में सर्वसम्मति से ‘असम गण परिषद’ नामक राजनीतिक दल के गठन के निर्णय के साथ हो। All Asom Students Union के अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार महंत को पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया।
1985 में हुए निर्वाचन में असम गण परिषद को जबर्दस्त सफलता मिली। परिषद ने राज्य की 126 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की। परिषद के अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार महंत 1985 से 1990 तक वहां मुख्यमंत्री रहे। बाद में 1996 से 2001 तक पुनः असम गण परिषद के शासन काल में भी उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शासन की बागडोर संभाली।
2. अखिल भारतीय द्रविड़ मुनेत्र कडगम - यह पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कडगम से अलग हुए गुट द्वारा 1972 में स्थापित हुई। इस गुट के नेता तमिल फिल्मों के मशहूर नायक एम.जी. रामचंद्रन थे। इस पार्टी का जनाधार तमिलनाडु और पुड्डुचेरी मे है। द्रविड़ मुनेत्र कडगम और अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडगम- ये दोनों तमिलनाडु के प्रमुख राजनीतिक दल हैं। द्रविड़ मुनेत्र कडगम दल के तत्कालीन अध्यक्ष अन्नादुराई की प्रेरणा पाकर एम.जी.आर. ने राजनीति में प्रवेश किया था। एम.जी.आर की लोकप्रियता के बल पर द्रविड़ मुनेत्र कडगम पार्टी 1967 में तमिलनाडु के निर्वाचनों में विजयी हुई। 1969 में अन्नादुराई के निधन के पश्चात एम. करुणानिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। तभी राजनीति और प्रशासनिक तौर-तरीकों को लेकर एम.जी.आरऔर करुणानिधि में मतभेद बढ़ने लगे। इसी के परिणामस्वरूप एम.जी.आर ने अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडगम के नाम से अलग पार्टी 17 अक्तूबर 1972 में बनाई। अन्नाद्रमुक पार्टी का चुनावी निशान ‘दो पत्तियां’ है।
1987 में एम.जी.आर. के निधन के बाद उनकी पत्नी जानकी रामचंद्रन को दल के नेता के रूप में चुनकर मुख्यमंत्री बनाया गया। वे तमिलनाडु की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। जनवरी 1988 में वहां राष्ट्रपति शासन लगाए जाने तक उनका 24 दिन का कार्यकाल रहा। इसके बाद पार्टी में दो टुकड़े हो गए। एक का नेतृत्व जानकी रामचंद्रन के पास था तो दूसरा जे. जयललिता के पास। जयललिता कई फिल्मों में एम.जी.आर. की नायिका के रूप में अभिनय कर चुकी थीं।
तमिलनाडु में 1991 में अन्नाद्रमुक ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की। जे. जयललिता राज्य की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनी। 1996 में विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार हुई। बार्गुर से जयललिता भी अपनी सीट हार गईं और 234 विधानसभा सीटों में से केवल चार सीटों पर अन्नाद्रमुक के उम्मीदवार हासिल कर पाए।
2001 में कांग्रेस के सहयोग से इसे पुनः विधानसभा में बहुमत मिला। गठजोड़ के द्वारा जीती गई 197 सीटों में से अन्ना द्रमुक ने 132 स्थानों पर विजय प्राप्त की। जयललिता पुनः मुख्यमंत्री बन पाई।
2016 के विधानसभा चुनावों में अन्ना द्रमुक को 61 विधानसभा सीटों पर और एम. करुणानिधि की द्रमुक को 96 सीटों पर विजय मिली और इसे सत्ता से बाहर रहना पड़ा।
2011 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को शानदार जीत मिली। अन्नाद्रमुक 150 सीटों पर 150 विजयी रही। इस तरह पार्टी की नेता जे. जयललिता तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं।
3. शिरोमणि अकाली दल - अकाली दल का चुनाव चिह्न तराज़ू है। दल के अनुसार समाज में सबको बराबर न्याय दिलाने के उनके लक्ष्य का यह प्रतीक है।
नाम | गठन | राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश |
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आम आदमी पार्टी | 2012 | दिल्ली, पंजाब |
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम | 1972 | पुदुचेरी, तमिलनाडु |
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक | 1939 | पश्चिम बंगाल |
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन | 1927 | तेलंगाना |
ऑल इंडिया एन. आर. कांग्रेस | 2011 | पुदुचेरी |
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट | 2004 | असम |
ऑल झारखण्ड स्टूडेंट यूनियन | 1986 | झारखण्ड |
असम गण परिषद | 1985 | असम |
बीजू जनता दल | 1997 | ओडिशा |
बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट | 1985 | असम |
देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम | 2005 | तमिलनाडु |
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम | 1949 | पुदुचेरी, तमिलनाडु |
हरियाणा जनहित कांग्रेस | 2007 | हरियाणा |
हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी | 1968 | मेघालय |
इन्डियन नेशनल लोक दल | 1999 | हरियाणा |
इन्डियन नेशनल मुस्लिम लीग | 1948 | केरल |
जम्मू-कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस | 1932 | जम्मू-कश्मीर |
जम्मू-कश्मीर नेशनल पेंथर्स पार्टी | 1982 | जम्मू-कश्मीर |
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी | 1998 | जम्मू-कश्मीर |
जनता दल | 1999 | कर्नाटक, केरल |
जनता दल (यूनाइटेड) (JD(U)) | 1999 | बिहार |
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM) | 1972 | झारखण्ड |
झारखण्ड विकास मोर्चा | 2006 | झारखण्ड |
केरल कांग्रेस (एम) | 1979 | केरल |
लोक जनशक्ति पार्टी | 2000 | बिहार |
महाराष्ट नवनिर्माण सेना | 2006 | महाराष्ट्र |
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी | 1963 | गोवा |
मणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टी | 1997 | मणिपुर |
मिजो नेशनल फ्रंट | 1959 | मिजोरम |
मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस | 1972 | मिजोरम |
नागा पीपुल्स फ्रंट | 2002 | मणिपुर, नागालैंड |
नेशनल पीपुल्स पार्टी | 2013 | मेघालय |
पट्टाली मक्कल काची | 1989 | पुदुचेरी, तमिलनाडु |
अरुणाचल पीपुल्स पार्टी | 1987 | अरुणाचल प्रदेश |
राष्ट्रीय जनता दल | 1997 | बिहार, झारखण्ड |
राष्ट्रीय लोक दल | 1996 | उत्तर प्रदेश |
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी | 2013 | बिहार |
रिवोल्यूशनरी सोशिलिस्ट पार्टी | 1940 | केरल, पश्चिम बंगाल |
समाजवादी पार्टी | 1992 | उत्तर प्रदेश |
शिरोमणि अकाली दल | 1920 | पंजाब |
शिव सेना | 1966 | महाराष्ट्र |
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट | 1993 | सिक्किम |
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा | 2013 | सिक्किम |
तेलंगाना राष्ट्र समिति | 2001 | तेलंगाना |
तेलगू देशम पार्टी | 1982 | आंध्र प्रदेश, तेलंगाना |
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी | 1972 | मेघालय |
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी | 2011 | आंध्र प्रदेश, तेलंगाना |
समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) | 1990 | उत्तर प्रदेश |
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