भारत के प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दल

भारत के प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दल

निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के मान्यता संबंधी नियमों में परिवर्तन के लिए 1968 के चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आबंटन) आदेश में संशोधन करते हुए 1 दिसम्बर, 2000 को अधिसूचना जारी की है। नए नियमों के तहत राष्ट्रीय स्तर के दल का दर्जा प्राप्त करने के लिए संबंधित राजनीतिक दल की लोकसभा चुनाव अथवा विधानसभा चुनावों में किन्ही चार अथवा अधिक राज्यों में कुल डाले गए वैध मतों के 6 प्रतिशत मत प्राप्त करने के साथ ही किसी राज्य अथवा लोकसभा में उसे कम से कम 4 सीट जीतनी होंगी अथवा लोकसभा में उसे कम से कम 2 प्रतिशत सीटें (मौजूदा 543 सीटों में कम से कम 11 सीटे) जीतनी होंगी जो कम से कम तीन राज्यों से हासिल की गई हों।

भारत के प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दल

भारत के प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दलों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार से यहां दिया जा रहा है-
  1. भारतीय जनता पार्टी 
  2. बहुजन समाज पार्टी 
  3. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 
  4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 
  5. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
  7. तृणमूल कांग्रेस पार्टी
  8. नेशनल पीपुल्स पार्टी
1. कांग्रेस- कांग्रेस का गठन ब्रिटिश काल में भारत को आजादी दिलाने के लिए 1885 में हुआ था। भारतीय राजनीति का सबसे पुराना राजनीतिक दल अथवा पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी है। पंडित जवाहर लाल नेहरू इसके नेता चुने गए थे और आजादी के बाद पहले प्रधानमंत्री बने थे। कांग्रेस का इतिहास बहुत पुराना है और कांग्रेस ने देश कई बड़े नेता दिए हैं। भारत की संसद में कांग्रेस को मुख्य विपक्षी वही दल का दर्जा प्राप्त है। कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न हाथ है। कांग्रेस को भारत के चुनाव आयोग के द्वारा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है।

2. भारतीय जनता पार्टी - भारतीय जनता पार्टी का मूल आधार श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में निर्मित भारतीय जनसंघ है। जनसंघ से बनी जनता पार्टी के 1980 में विघटन के बाद भारतीय जनता पार्टी का उदय हुआ। कमल का फूल इस पार्टी का चिह्न है। चुनाव आयोग के द्वारा भाजपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हैं। 

3. एनसीपी - पार्टी का गठन पी.ए संगमा, तारिक अनवर और शरद पंवार के द्वारा किया गया।25 मई 1999 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया गया था। एनसीपी का सबसे ज्यादा प्रभाव महाराष्ट्र में माना जाता हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न घड़ी है।

4. बहुजन समाज पार्टी-  बहुजन समाज पार्टी का गठन कांशीराम ने किया था। बहुजन समाज पार्टी का सबसे ज्यादा प्रभाव उत्तर-प्रदेश में माना जाता हैं। पार्टी भीमराव अंबेडकर को अपना आदर्श मानती हैं। हाथी बहुजन समाज पार्टी का चुनाव प्रतीक है।

5. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) - इस दल की स्थापना 26 दिसम्बर 1925 को कानपुर नगर में हुई थी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना एम. एन राय के नेतृत्व में की गई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) भारत का एक साम्यवादी दल है। यह भारत की सबसे पुरानी कम्युनिस्ट पार्टी है। चुनाव आयोग द्वारा इसे राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त।

6. सीपीआईएम- सीपीआई का गठन 1925 सीपीआईएम को भी चुनाव आयोग से राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा प्राप्त हैं। सीपीआईएम का दावा है कि वो समाज के शोषित वर्ग की राजनीति करते हैं। सीपीआईएम का गठन 1964 में सी.पी. आई से विभाजन के बाद हुआ था। सीपीआईएम को केरल, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा प्रभावी माना जाता हैं।

7. नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) - एनपीपी की स्थापना पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा ने कांग्रेस से अलग होकर 5 जनवरी, 2013 को की थी। 4 मार्च, 2016 को संगमा के निधन के बाद पुत्र कोनराड ने एनपीपी की कमान संभाली और उसे इस मुकाम तक पहुंचा दिया कि चुनाव आयोग ने जून, 2019 में एनपीपी को राष्ट्रीय दल की मान्यता दे दी।केंद्रीय चुनाव आयोग ने जून, 2019 में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा दे दिया था। पार्टी का चुनाव चिह्न किताब है। 

भारत के प्रमुख क्षेत्रीय दल

क्षेत्रीय दल वे दल हैं जिनका प्रभाव राज्य की सीमा तक ही है। राज्य दल का दर्जा प्राप्त करने के लिए संबंधित दल को लोक सभा अथवा विधानसभा चुनाव में डाले गए कुल वैध मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त करने के साथ ही राज्य विधानसभा में कम से कम दो सीटे जीतना आवश्यक है अथवा विधानसभा की कुल सदस्य संख्या की कम से कम तीन प्रतिशत सीटें अथवा तीन सीटें (इनमें से जो अधिक है) जीतना आवश्यक होगा। इनमें तेलुगूदेशम, शिवसेना, डी.एम.के. अन्ना डी.एम.के., असम गण परिषद, सिक्किम संग्राम परिषद समाजवादी पार्टी, तमिल मनीला कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस आदि। आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, सिक्किम, आदि राज्यों में ये दल प्रभावशाली हैं।

1. असम गण परिषद - असम गण परिषद का गठन 1985 में छह वर्षों तक चले असम शांति आंदोलन के बाद हुआ था। आंदोलनकारियों और सरकार के बीच अगस्त 1985 में ऐतिहासिक असम समझौते के बाद कई  आंदोलनकारी संगठनों के विलय से असम गण परिषद की स्थापना का निर्णय लिया गया था। गाले घाट क्षेत्र में असम के लोगों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में सर्वसम्मति से ‘असम गण परिषद’ नामक राजनीतिक दल के गठन के निर्णय के साथ हो। All Asom Students Union के अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार महंत को पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया। 

1985 में हुए निर्वाचन में असम गण परिषद को जबर्दस्त सफलता मिली। परिषद ने राज्य की 126 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की। परिषद के अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार महंत 1985 से 1990 तक वहां मुख्यमंत्री रहे। बाद में 1996 से 2001 तक पुनः असम गण परिषद के शासन काल में भी उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शासन की बागडोर संभाली।

2. अखिल भारतीय द्रविड़ मुनेत्र कडगम - यह पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कडगम से अलग हुए गुट द्वारा 1972 में स्थापित हुई। इस गुट के नेता तमिल फिल्मों के मशहूर नायक एम.जी. रामचंद्रन थे। इस पार्टी का जनाधार तमिलनाडु और पुड्डुचेरी मे है। द्रविड़ मुनेत्र कडगम और अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडगम- ये दोनों तमिलनाडु के प्रमुख राजनीतिक दल हैं। द्रविड़ मुनेत्र कडगम दल के तत्कालीन अध्यक्ष अन्नादुराई की प्रेरणा पाकर एम.जी.आर. ने राजनीति में प्रवेश किया था। एम.जी.आर की लोकप्रियता के बल पर द्रविड़ मुनेत्र कडगम पार्टी 1967 में तमिलनाडु के निर्वाचनों में विजयी हुई। 1969 में अन्नादुराई के निधन के पश्चात एम. करुणानिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। तभी राजनीति और प्रशासनिक तौर-तरीकों को लेकर एम.जी.आरऔर करुणानिधि में मतभेद बढ़ने लगे। इसी के परिणामस्वरूप एम.जी.आर ने अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडगम के नाम से अलग पार्टी 17 अक्तूबर 1972 में बनाई। अन्नाद्रमुक पार्टी का चुनावी निशान ‘दो पत्तियां’ है। 

1987 में एम.जी.आर. के निधन के बाद उनकी पत्नी जानकी रामचंद्रन को दल के नेता के रूप में चुनकर मुख्यमंत्री बनाया गया। वे तमिलनाडु की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। जनवरी 1988 में वहां राष्ट्रपति शासन लगाए जाने तक उनका 24 दिन का कार्यकाल रहा। इसके बाद पार्टी में दो टुकड़े हो गए। एक का नेतृत्व जानकी रामचंद्रन के पास था तो दूसरा जे. जयललिता के पास। जयललिता कई फिल्मों में एम.जी.आर. की नायिका के रूप में अभिनय कर चुकी थीं।

तमिलनाडु में 1991 में अन्नाद्रमुक ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की। जे. जयललिता राज्य की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनी। 1996 में विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार हुई। बार्गुर से जयललिता भी अपनी सीट हार गईं और 234 विधानसभा सीटों में से केवल चार सीटों पर अन्नाद्रमुक के उम्मीदवार हासिल कर पाए।

2001 में कांग्रेस के सहयोग से इसे पुनः विधानसभा में बहुमत मिला। गठजोड़ के द्वारा जीती गई 197 सीटों में से अन्ना द्रमुक ने 132 स्थानों पर विजय प्राप्त की। जयललिता पुनः मुख्यमंत्री बन पाई।

2016 के विधानसभा चुनावों में अन्ना द्रमुक को 61 विधानसभा सीटों पर और एम. करुणानिधि की द्रमुक को 96 सीटों पर विजय मिली और इसे सत्ता से बाहर रहना पड़ा।

2011 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को शानदार जीत मिली। अन्नाद्रमुक 150 सीटों पर 150 विजयी रही। इस तरह पार्टी की नेता जे. जयललिता तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं।

3. शिरोमणि अकाली दल - अकाली दल का चुनाव चिह्न तराज़ू है। दल के अनुसार समाज में सबको बराबर न्याय दिलाने के उनके लक्ष्य का यह प्रतीक है।

नाम गठन राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश
आम आदमी पार्टी 2012 दिल्ली, पंजाब
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम 1972 पुदुचेरी, तमिलनाडु
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक 1939 पश्चिम बंगाल
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन 1927 तेलंगाना
ऑल इंडिया एन. आर. कांग्रेस 2011 पुदुचेरी
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट 2004 असम
ऑल झारखण्ड स्टूडेंट यूनियन 1986 झारखण्ड
असम गण परिषद 1985 असम
बीजू जनता दल 1997 ओडिशा
बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट 1985 असम
देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम 2005 तमिलनाडु
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम 1949 पुदुचेरी, तमिलनाडु
हरियाणा जनहित कांग्रेस 2007 हरियाणा
हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी 1968 मेघालय
इन्डियन नेशनल लोक दल 1999 हरियाणा
इन्डियन नेशनल मुस्लिम लीग 1948 केरल
जम्मू-कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस 1932 जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर नेशनल पेंथर्स पार्टी 1982 जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी 1998 जम्मू-कश्मीर
जनता दल 1999 कर्नाटक, केरल
जनता दल (यूनाइटेड) (JD(U)) 1999 बिहार
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM) 1972 झारखण्ड
झारखण्ड विकास मोर्चा 2006 झारखण्ड
केरल कांग्रेस (एम) 1979 केरल
लोक जनशक्ति पार्टी 2000 बिहार
महाराष्ट नवनिर्माण सेना 2006 महाराष्ट्र
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी 1963 गोवा
मणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टी 1997 मणिपुर
मिजो नेशनल फ्रंट 1959 मिजोरम
मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस 1972 मिजोरम
नागा पीपुल्स फ्रंट 2002 मणिपुर, नागालैंड
नेशनल पीपुल्स पार्टी 2013 मेघालय
पट्टाली मक्कल काची 1989 पुदुचेरी, तमिलनाडु
अरुणाचल पीपुल्स पार्टी 1987 अरुणाचल प्रदेश
राष्ट्रीय जनता दल 1997 बिहार, झारखण्ड
राष्ट्रीय लोक दल 1996 उत्तर प्रदेश
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी 2013 बिहार
रिवोल्यूशनरी सोशिलिस्ट पार्टी 1940 केरल, पश्चिम बंगाल
समाजवादी पार्टी 1992 उत्तर प्रदेश
शिरोमणि अकाली दल 1920 पंजाब
शिव सेना 1966 महाराष्ट्र
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट 1993 सिक्किम
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 2013 सिक्किम
तेलंगाना राष्ट्र समिति 2001 तेलंगाना
तेलगू देशम पार्टी 1982 आंध्र प्रदेश, तेलंगाना
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी 1972 मेघालय
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 2011 आंध्र प्रदेश, तेलंगाना
समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) 1990 उत्तर प्रदेश

Post a Comment

Previous Post Next Post