भारत की प्रमुख नदियां कौन कौन सी हैं?

भारत की प्रमुख नदियां
भारत की प्रमुख नदियां

भारतीय नदियाँ न केवल सिचाई ही करती है वरन् इनके मार्गों में बनने वाले जलप्रपातों द्वारा जलविद्युत शक्ति भी पैदा की जाती है । उत्तर प्रदेश की गंगा नदी तथा कर्नाटक की कावेरी नदी इसके मुख्य उदाहरण हैं । नदियाँ आवागमन के प्रमुख साधन हैं । प्राचीन काल में इन्हीं नदियों द्वारा आन्तरिक व्यापार नावों द्वारा होता था किन्तु सड़कों और रेल मार्गों के निर्माण और जलमार्गों के प्रति उपेक्षा भाव होने से इस महत्त्वपूर्ण साधन का विकास कम हो गया । 

भारत की प्रमुख नदियां

1. नर्मदा नदी - नर्मदा अमरकण्टक से निकलकर एक तगं घाटी से होकर बहती है नर्मदा पर प्रारम्भ से अन्त तक अनेक छोटे-बड़े प्रपात है जिनमें इसकी सौंदर्य वृद्धि होती है। नर्मदा का उद्गम स्वय एक प्रपात है - 6.5 किमी. दूर कपिल धारा में 30 मीटर ऊँचा एक प्रपात है। कपिल धारा से 1.5 किमीआगे दूध धारा है जहाँ नर्मदा की गिरती हुई धारा दूध की तरह दिर्खाइ देती है। दूध धारा से 208 किमी. दूर मण्डला जनपद में सहस्र धारा नामक दूसरा प्रपात है जहाँ नर्मदा अनके धाराओ में प्रवाहित होकर काफी ऊँचाई से गिरती है। भेडा़ घाट का धुआंधार प्रपात वामनगंगा आरै नर्मदा के संगम से थोड़ी दूर जबलपुर से 20 किमी की दूरी पर है। धुआँधार के चारों ओर जल-कणाे का धुआँ सा छाया रहता है और सारा जल दूध की तरह एकदम सफेद दिखाई पड़ता है। यह नदी 1382 किमी. लम्बी है।

2. ताप्ती नदी - यह नदी मध्य प्रदेश के बैतूल जनपद से निकलती है और सतपुड़ा के दक्षिण में बहती है। ताप्ती नदी की लम्बाई 960 किमी. है। यह नदी नेपाल से निकल कर पहले दक्षिण की ओर फिर पश्चिम की ओर बहती है। फिर दक्षिण की ओर मुड़कर बहराइच, गोण्डा, बस्ती और गोरखपुर जिलों में 640 किलोमीटर बहती हुई बरहज के निकट घाघरा में मिल जाती है।

3. महानदी - अमरकण्टक श्रेणी के दक्षिण में सिंहावा से निकलकर यह नदी पूरब  की ओर बहती है। पूर्वी घाट में 50 किमी. का चक्करदार मार्ग बनाती हुई  यह कटक के पास तटीय मैदान में उतरती है जहाँ यह कई शाखाओं में विभाजित होकर डेल्टा बनाती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। महानदी का डेल्टा बहुत उपजाऊ है। महानदी की लम्बाई 980 किमी. है। 

4. दामोदर नदी -  इसे पश्चिम बंगाल की ह्वांगहो कहकर पुकारा जाता है। गढ़ी, कोनार, जमुनिया तथा बराकर इसकी सहायक नदियाँ है। दामोदर नदी की लम्बाई 530 किमी. है।

5. गोदावरी नदी - गोदावरी नदी महाराष्ट्र की नासिक की पहाड़ के त्र्यबंक गाँव से निकलती है और  दक्षिण-पर्वू दिशा में बहती हुई आन्ध्र प्रदेश राज्य में बहती है। 1,440 किमी. की दूरीपार कर यह नदी डेल्टा बनाती हुई बंगाल की खाडी़ में गिर जाती है। इसके पहाडी़ मार्गाे के दृश्य बहुत आकर्षक है। इसकी प्रमुख सहायक प्रणहिता, पेनगंगा, इन्द्रावती तथा सबरी नदियाँ है इनमें सबरी नदी 418 किलोमीटर लम्बी है इन्द्रावती 513 किलोमीटर तथा पेनगंगा 676 किलोमीटर लम्बी है। सबरी नदी छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा की सीमा पर प्रवाहित होती है। उत्तर की यह सब नदियाँ अपना जल गोदावरी में आत्मसात् करती है। दक्षिण में केवल मैजीरा नदी प्रमुख है जो हैदराबाद के पास गोदावरी द्वारा आत्मसात् है। इसका डेल्टा बहुत उपजाऊ है। इसका अपवाह क्षेत्र भारत के 10 प्रतिशत क्षेत्रफल का जल ग्रहण करता है। भारत में यह द्वितीय बडा़ नदी बेसिन है।

6. कृष्णा नदी - कृष्णा नदी पश्चिमी घाट से लगभग 64 किमी. पूरब में स्थित महाबलेश्वर के निकट से निकलती है। पूरब की ओर आन्ध्र प्रदेश में बहकर यह नदी पूर्वी घाट को पार करती है और विजयवाडा़ के समीप पूर्वी तटीय मैदान में प्रवेश करती है। इसकी दो प्रमुख सहायक नदियाँ है। उत्तर में भीमा नदी और दक्षिण में तगुंभद्रा नदी। इन सहायक नदियों से कृष्णा नदी को पर्याप्त जल प्राप्त होता है। कृष्णा नदी डेल्टा बनाती हुई बंगाल की खाडी़ में गिरती है। इसकी कुल लम्बाई 1,400 किमी है। इसे दक्षिणी गंगा के नाम से भी पुकारा जाता है।

7. कावेरी नदी - कावेरी नदी कुर्ग की ब्रह्मगिरि पहाड़ी से निकलती है। और कनार्टक व तमिलनाडु राज्यों के अन्तगर्त बहती हुई एक विस्तृत डेल्टा  बनाकर बंगाल की खाडी़ में गिरती है। धार्मिक दृष्टि से इसका अत्यधिक महत्व है। आर्थिक दृष्टि से भी इसका महत्व कम नहीं है। इस नदी पर कई जल-प्रपात है जिनसे जल विद्युत शक्ति प्राप्त करने की सुविधा है। कावेरी नदी की कुल लम्बाई 800 किमी. है। इस नदी में शिवसमुद्रम तथा रंगपट्टम दो द्वीप हैं जो अति पवित्र माने जाते हैं।

8. सतलज नदी - इस नदी का उद्गम कैलाश पर्वत से मानसरोवर झील के समीप लगभग 5,000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित राक्षस ताल है। यह नदी 515 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बहती हुई शिपकी की सीमा के पास भारत में प्रवेश करती है। यहाँ इसकी दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर होती है। खोराखाम क्षेत्र में यह अत्यन्त गहरे खड्डाे का निर्माण करती है। इसका प्रवाह हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर तक दक्षिण-पश्चिम दिशा में है। भारत में इस नदी की लम्बाई 1,050 किलोमीटर है।

9. झेलम नदी - इस नदी का उद्गम हिमालय में कश्मीर में स्थित शेषनाग हिमनद से हुआ है। यह 112 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम दिशा में बहकर बलूर झील में प्रवेश करती है। भारत में इस नदी की लम्बाई 400 किलोमीटर है।

10, चिनाब नदी - इसका उदग्म हिमाचल प्रदेश में स्थित लाहुल क्षत्रे के ताण्डी स्थान पर चन्द्र तथा भागा दो नदियो के मिलने पर हुआ है। दोनों नदियों का उदग्म बडलाचा दर्रे के विपरीत दिशा में क्रमशः दक्षिण-पूर्व तथा उत्तर-पश्चिम में है। यह 160 किलोमीटर चम्बा जिले के उत्तर-पश्चिम दिशा में प्रवाहित होती है। किश्तवार के समीप यह पीरपंजाल श्रेणी को पार करती है। यह अखनूर तक अनेक पर्वतीय मोड़ों से बहती हुई पाकिस्तान में प्रवेश करती है। भारत में इसकी लम्बाई 1,180 किलोमीटर है।

11. रावी - इस नदी डलहारी के मध्य मोड बनाती हुई अमृतसर के पश्चिम में भारत-पाकिस्तान की सीमा बनाती हुई पाकिस्तान में प्रवेश करती है। इसकी लम्बाई 725 किलोमीटर है।

12. व्यास - यह नदी कुल्लू घाटी में 120 किलोमीटर पश्चिम की ओर प्रवाहित होती है। यह बाद में धवलाधार पर्वतीय श्रेणी को काट कर कुल्ल,ू कागंड़ा आरै मण्डी जिलो में बहती है। मण्डी में इसकी दिशा उत्तर-पश्चिम हो जाती है तथा गुरुदासपुर तक इसकी दिशा पश्चिम होती है। कपूरथला के समीप यह सतलज में मिलती है। इस नदी की लम्बाई 480 किलोमीटर है।

13. गंगा नदी - गंगा नदी संसार की सबसे पवित्र नदी है जिसकी लम्बाई लगभग 2,400 किमी. है। इसके किनारे पर हरिद्वार, कानपुर , इलाहाबाद, वाराणसी, पटना तथा कोलकाता नगर हैं। 

14. यमुना नदी - गोमुख से थोडी़ दूरी पर यमुनोत्री स्थान से यमुना नदी निकलती है और गंगा के प्रति समानान्तर बहती हुई  प्रयाग में गंगा से मिल जाती है। इसकी लम्बाई प्रयाग तक लगभग 1,375 किमी. है। दिल्ली, मथुरा व आगरा इसके किनारे स्थित नगर है। यमुना नदी की सहायक नदियाँ सिन्धु, बेतवा, केन और चम्बल है। 

15. सोन नदी - यह नदी अमरकण्टक की पहाडी़ के शोषाकुण्ड से निकलती है और दानापुर से 24 किमी. उत्तर में गंगा नदी से मिल जाती है। इसमें वर्षा ऋतु में बहुधा बाढ  आ जाती है जिससे कभी-कभी भयंकर हानि हो जाती है।

16. रामगंगा - इस नदी का उद्गम गंगा और काली नदी के मध्य विन्ध्य हिमालय के दक्षिण स्थित उत्तरांचल राज्य में नैनीताल के निकट 3,120 मीटर की ऊँचाई से माना गया है। लगभग 144 किलोमीटर बहने के बाद यह शिवालिक पर्वत श्रेणी को काटकर बिजनौर जिले के मैदान में प्रवेश करती है। खोह नदी कुछ दूरी पर रामगंगा से मिलती है। शिवालिक श्रेणी के कारण यह दक्षिण-पश्चिम की ओर बहती है और मैदानी भाग में दक्षिण-पूर्व की ओर बहती है। यह नदी 600 किलोमीटर लम्बी है।

17. काली-काली गंगा अथवा शारदा नदी - काली नदी कुमायू श्रेणी के उत्तर पश्चिम में स्थित मिलाम ग्लेशियर से निकलती है। इसे यहाँ गौरी गंगा के नाम से सम्बोधित किया जाता है। धमार्, लिसार, सरजू और पूर्वी रामगंगा इसकी सहायक नदियाँ है। सरजू और पूर्वी रामगंगा उत्तर-पश्चिम से आकर पचं ेश्वर के समीप मिलती है। इस सगं म से आगे कालू को शारदा या सरजू के नाम से जाना जाता है।

18. करनाली, कौरियाला या घाघरा नदी - यह नदी पहाड़ी क्षेत्र में काैि रयाली और  करनाली और मैदान में घाघरा कहलाती है। यह तकलाकोट से 37 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम की ओर मापचाचुगो हिमनद से निकलती है। दक्षिण पूर्वी दिशा में बहकर यह दक्षिण-पश्चिम की ओर से हिमालय श्रेणी को पार करती है। शिवालिक को पार करते समय यह नदी शीश पानी नामी 185 मीटर चौड़ा  और 600 मीटर चौड़ा खड्ड बनाती है। मैदानी भाग में पहुँच कर इसकी दो शाखाएँ बन जाती हैं। पश्चिम की ओर करनाली और पूर्व की ओर गिरवा परन्तु आगे चलकर दोनों नदियाँ एक हो जाती है और यह अवध में छपरा के निकट गंगा में मिल जाती हैं। यह नदी 1,180 किलोमीटर लम्बी है।

19. गडंक - इस नदी को नेपाल में शालिग्रामी और मैदान में नारायणी कहते है क्योंकि इसमें गोलमटोल शालिग्राम बहुत मिलते है। यह पटना के निकट गंगा में मिलती है। यह 425 किलोमीटर लम्बी है।

20. कोसी नदी - यह गंगा की सबसे बडी़ सहायक नदी है। यह नदी 730 किलोमीटर लम्बी है। इस नदी में बाढे़ बहुत अधिक आती हैं।

21. चम्बल नदी- यह नदी मध्य प्रदेश में मऊ के निकट जनापाज पहाड़ी से निकलती है। यह पहले उत्तर-पूर्व की आरे बहकर मध्य प्रदेश के भिण्ड आरै मुरैनाजिलो एवं राजस्थान के झालावाड़, कोटा बूंदी और धौलपुर जिलाे में बहती हुई इटावा से 38 किलोमीटर दूर यमुना में मिलती है। काली सिंधु, सिवान, पार्बती और बनास इसकी सहायक नदियाँ हैं। चम्बल नदी 970 किलोमीटर लम्बी है।

22. बेतवा नदी - यह मध्य प्रदेश के भोपाल से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा में बहती हुई  भोपाल, ग्वालियर, झाँसी, जालौन जिलो में बहती हुई हमीरपुर के निकट यमुना में मिलती है। 

23. बह्म्र पुत्र नदी - बह्म्र पुत्र नदी मानसरोवर झील के निकट कैलाश पर्वत से निकलती है और दक्षिणी तिब्बत में बहती र्हइु हिमालय के पूर्वी सिरे पर पहुँचती है जहाँ से यह दक्षिण की ओर मुड़ जाती है। नेपाल में यह साँपू नाम से पुकारी जाती है। असम हिमालय में यह दिहाँग नाम से कही जाती है।

भारत की नदियों की सूची

  1. गंगा नदी
  2. यमुना नदी
  3. सरस्वती नदी
  4. कावेरी नदी
  5. रामगंगा नदी
  6. कोसी नदी
  7. कृष्णा नदी
  8. गोदावरी नदी
  9. गंडक नदी
  10. घाघरा नदी
  11. चम्बल नदी
  12. चेनाब नदी
  13. झेलम नदी
  14. दामोदर नदी
  15. नर्मदा नदी
  16. ताप्ती नदी
  17. बेतवा नदी
  18. ब्रह्मपुत्र नदी
  19. भागीरथी नदी
  20. महानदी नदी
  21. महानंदा नदी
  22. रावी नदी
  23. व्यास नदी
  24. सतलुज नदी
  25. सरयू नदी
  26. सिन्धु नदी नदी
  27. हुगली नदी
  28. गोमती नदी
  29. माही नदी
  30. शिप्रा नदी

बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ

  1. ब्रह्मपुत्र नदी
  2. गंगा नदी
  3. गोदावरी नदी
  4. कृष्णा नदी
  5. कावेरी नदी

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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