भारत में सिंचाई के प्रमुख साधन

भारत में सिंचाई के प्रमुख साधन

भारत में सिंचाई के प्रमुख साधन हैं- नहर, कुआँ, नलकूप, तालाब तथा अन्य साधन।

भारत में सिंचाई के प्रमुख साधन

1. नहर

देश के सभी राज्यों में नहरों के द्वारा सिंचाई होती हैं। नहरों से शुद्ध सिंचित क्षेत्र का एक-तिहाई से कम (31.3 प्रतिशत) क्षेत्र ही सींचा जाता है। नहर द्वारा सिंचाई में मिजोरम (100 प्रतिशत)जम्मू-काश्मीर (91.9), आसाम (63.3), त्रिपुरा (60), हरियाणा (50), उड़ीसा (45.4),आन्ध्रप्रदेश (39), कर्नाटक (38.2), पश्चिम बंगाल (37.5), पंजाब (35.3) और गोवा (33.3) देश के औसत से आगे हैं। इनमें भी केवल आठ राज्यों में नहर सिंचाई के साधनों में प्रथम स्थान पर है। 

अन्य राज्यों में बिहार, केरल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु,राजस्थान और उत्तर प्रदेश उल्लेखनीय हैं।

2. कुएँ एवं नलकूप

देश में कुओं तथा नलकूपों द्वारासिंचित क्षेत्र का आधा उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश (11.3) तीन राज्यों में तथातीन चैथाई से अधिक (77.6%) सात राज्यों (गुजरात, पंजाब, बिहार, आन्ध्रप्रदेश) में सीमित है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु और हरियाणा प्रत्येक में 13 लाख हेक्टेयर से 16लाख हेक्टेयर कृषित भूमि इनसे सींची जाती है। इस प्रकार राजस्थान से लेकर बिहार तक फैले समतल एवं उपजाऊ मैदान में नलकूप और कुएँ सिंचाई के सबसे प्रमुख साधन है।

3. तालाब 

सिंचाई के साधनों के रूप में तालाब का महत्व घटता जा रहा है। वर्तमान मेंकेवल 5.7 प्रतिशत सिंचित भाग ही तालाबों से पानी पाता है। ये तालाब अलग-अलग आकार एवं माप के हैं। तमिलनाडु और आन्ध्र प्रदेश में अनेकों पुराने बड़े तालाब आज भी सिंचाई के लिए प्रयोग किए जाते हैं। तमिलनाडु (6.75 लाख हेक्टेयर) और आन्ध्रप्रदेश (5.63 लाख हेक्टेयर)प्रत्येक में 5 से 7 लाख हेक्टेयर पर तालाबों से सिंचाई की जाती है। अन्य महत्वपूर्ण उड़ीसा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल तथा मध्य प्रदेश प्रत्येक में तालाबों सेसिंचित भूमि 2 से 4 लाख हेक्टेयर है। कुल शुद्ध सिंचित क्षेत्र में तालाबों से सिंचित क्षेत्र का सर्वधिक हिस्सा भी तमिलनाडु में (22.9%) है। इसके अलावा आन्ध्रप्रदेश,कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, उडी़सा, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में 10 से 15 प्रतिशत शुद्धसिंचित क्षेत्र तालाबों से सींचा जाता है।

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