सुचेता कृपलानी का जन्म जून 1908 में एक बंगाली परिवार में अम्बाला
में हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद में कांग्रेस के सबसे छोटे स्तर के कार्यकर्ता की
हैसियत से कार्य करना आरंभ किया। इसके बाद कांग्रेस के केन्द्रीय कार्यालय में
भी वे कार्यरत रही और विदेश विभाग की भी जिम्मेदारी उन्होंने निभाई। दिसम्बर
1940 में फैजावाद जिले में उन्होंने सत्याग्रह किया अतः उन्हें गिरफ्तार किया गया।
उन्हें 1 वर्ष की सजा और 200 रू. जुर्माना देना था। वे हिन्दी में धारा प्रवाह भाषण
देती थी। सुचेता ने अपने सहयोगियों के साथ धीरे धीरे एक भूमिगत रेडियो स्टेशन
स्थापित किया। मार्च 1944 तक वे भूमिगत आन्दोलन का संचालन करती रही।
उन्हें पटना में गिरफ्तार किया गया और 1 माह बाद उन्हें लखनऊ भेज दिया
गया। जुलाई 1945 तक वे लखनऊ जेल में रही ।
1946 में देश के सांप्रदायिक
दंगों को उन्होंने शांत कराने की कोशिश की। 1947 में जब देश का विभाजन हुआ
तो दंगा पीडित महिलाओं की रक्षा के लिये उन्होंने सराहनीय कार्य किये। 1947
में वे उत्तरप्रदेश विधानसभा की सदस्य चुनी गई। 1947 में वे कांग्रेस कार्यसमिति
की सदस्य बनी। इस पद पर उन्होंने कई वर्षो तक कार्य किया। 1959 में वे
कांग्रेस की महासचिव बनी। 1962 में उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल में मंत्री नियुक्त हुई
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और उन्हें श्रम विभाग मिला। अक्टूबर 1963 में सुचेता उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री
बनी। कांग्रेस की दलबंदी के कारण सितम्बर 1966 में उन्होंने त्याग पत्र दे दिया।
हालांकि वे जीवनपर्यन्त सार्वजनिक क्षेत्र में सक्रिय रहीं। 30 नवम्बर 1974 को सुचेता कृपलानी की मृत्यु हो गई।
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