टेलीफोन का आविष्कार किसने और कब किया

ग्राहम बेल को ध्वनि विज्ञान का अच्छा ज्ञान होने के कारण वे एक ऐसे यंत्र का आविष्कार करना चाहते थे कि अगर कोई एक व्यक्ति अपने से बहुत दूर बैठे और दूसरे व्यक्ति से बात करना चाहे तो उस यंत्र के माध्यम से बात कर सके। जब बेल बोस्टन के विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे थे तो पढ़ाने के साथ-साथ हानौनिक टेलीग्राफ पर रिसर्च भी कर रहे थे। कड़ी मेहनत के कारण वे इस रिसर्च में कामयाब भी हो गये। इस टेलीग्राफ के माध्यम से एक तार पर एक ही समय में एक साथ कई टेलीग्राफ संदेशों को भेज सकते थे। इस रिसर्च को करते हुए ग्राहम बेल के मन में एक विचार आया कि तार के माध्यम से अगर व्यक्ति की आवाज को भी भेजा जा सके तो कितना अच्छा होगा। इस विचार के साथ ही ग्राहम बेल अपने सहयोगी वाटसन के साथ इस पर कार्य करने लगे। वे इस यंत्र को बनाने के लिए लगातार प्रयत्न करते गये। तारों को अलग-अलग तरह से जोड़कर देखते गये कि वह दिन कब आयेगा जब उनका यह सपना पूरा होगा। एक दिन ग्राहम बेल व वाट्सन दो अलग- अलग कमरे में इस पर रिसर्च कर रहे थे, तभी बेल को अचानक वाट्सन की सहायता की जरूरत पड़ी तो बेल ने कहा-‘‘मिस्टर वाट्सन यहां आओ, मुझे आपकी सहायता चाहिए।’’ ग्राहम बेल द्वारा कहे गये इन शब्दों को वाटसन ने उस तार के माध्यम से सुन लिया। यह सुनकर वे बहुत खुश हुए और बेल से कहा मुझे आपकी आवाज उस कमरे में तार के माध्यम से सुनाई दे रही है। इतना सुनकर ही दोनों लोग खुशी से उछल पड़े क्योंकि आज उनकी मेहनत सफल हो गई थी और उन्होंने जो सोचा था, वह पूरा हो गया। इस प्रकार 10 मार्च 1876 को ग्राहम ढोल ने दुनिया के पहले टेलीफोन का आविष्कार किया था।

Bandey

मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता (MSW Passout 2014 MGCGVV University) चित्रकूट, भारत से ब्लॉगर हूं।

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