आंतरिक अंकेक्षण क्या है इसके गुण

आंतरिक अंकेक्षण का आशय ऐसे अंकेक्षण से है जिसके अंतर्गत लेखा पुस्तकों की जाँच संस्था के ही कर्मचारियों द्वारा कराई जाती है। यह अंकेक्षण बाहरी अंकेक्षण के पूर्व प्रबंधन द्वारा किया जाता है। आंतरिक अंकेक्षण प्रणाली बड़ी संस्थाओं में किया जाता है।

आंतरिक अंकेक्षण की परिभाषा

1. इन्स्टीट्यूट आफ इंटरनल आडिटर्स, न्यूयार्क - “आंतरिक अंकेक्षण प्रबंधन की सहायता के लिए संस्था के आंतरिक लेखा पुस्तकों की समीक्षा तथा वित्तीय विवरण एवं परिचालन संबंधी क्रियाओं की व्यवस्थित जाँच एवं मूल्यांकन आंतरिक अंकेक्षण कहलाता है।”

2. प्रो. मिग्स - “संस्था के कुशल प्रशासन के लिए उच्च स्तरीय प्रबंधकों की सहायता के उद्देश्य से संस्था के कर्मचारियों द्वारा लेखा पुस्तकों एवं वित्तीय विवरण परिचालन संबंधी क्रियाओं की व्यवस्थित जाँच एवं मूल्यांकन आंतरिक अंकेक्षण कहलाता है।”

उपरोक्त परिभाषाओं से यह स्पष्ट होता है कि आंतरिक निरीक्षण प्रणाली संस्था के प्रबंधकों द्वारा दैनंदिन क्रिया में सहयोग प्रदान करने के लिए लागू की जाती है। आंतरिक अंकेक्षण से कर्मचारियों की कार्यकुशलता बढ़ जाती है तथा अशुद्धियाँ, त्रुटियाँ एवं छल-कपट की संभावनाएँ कम होती हैं। आंतरिक अंकेक्षण बाहî अंकेक्षण के पूर्व, प्रबंधक द्वारा अपने लेखा पुस्तकों की जाँच है।

आंतरिक अंकेक्षण की विशेषताएँ

आंतरिक अंकेक्षण की विशेषताएँ हैं- 
  1. आंतरिक अंकेक्षण प्रबंधकों द्वारा, प्रबंधन नियंत्रण की एक प्रणाली है।
  2. आंतरिक अंकेक्षण नियंत्रण, यह संस्था के कर्मचारियों द्वारा किया जाने वाला मूल्यांकन एवं समीक्षा का कार्य है।
  3. आंतरिक अंकेक्षण में लेखा पुस्तकों की, वित्तीय विवरणों की तथा परिचालन संबंधी क्रियाओं की व्यवस्थित जाँच की जाती है।
  4. आंतरिक अंकेक्षण प्रभावशीलता का माप एवं मूल्यांकन है।

आंतरिक अंकेक्षण के उद्देश्य

आंतरिक अंकेक्षण के उद्देश्य हैं- 
  1. आंतरिक अंकेक्षण, प्रंबंधन की नीतियाँ, नियोजन तथा प्रणाली का पुर्ननिरीक्षण करना है।
  2. आंतरिक अंकेक्षण, निरीक्षण कानून एवं अधिनियमों की पूर्ति के संबंध में प्रबंधन द्वारा पुनरावलोकन कार्य करना है।
  3. आंतरिक अंकेक्षण, प्रबंधन सूचना प्रणाली की प्रभावशीलता का पुनर्मूल्यांकन करना है।
  4. आंतरिक अंकेक्षण संस्था के लेखों की लेन-देनों की जाँच करना है।
  5. आंतरिक अंकेक्षण संस्था के वित्तीय व्यवहारों का मूल्यांकन करना है।
  6. आंतरिक अंकेक्षण कार्य प्रमापित कार्यक्षमता में वृद्धि करना है।

आंतरिक अंकेक्षण के लाभ

आंतरिक अंकेक्षण के लाभ हैं-
  1. लेखा पुस्तकों की नियमित आंतरिक अंकेक्षण होने के कारण छल-कपट पर रोक लगती है।
  2. प्रबंधक को भविष्य नीति-निर्धारण में सहायता प्राप्त होती है। 
  3. आंतरिक अंकेक्षण से संपत्तियों की सुरक्षा होती है, क्योंकि संपत्तियों का उचित प्रयोग हो रहा है या नहीं, इसकी जानकारी प्राप्त होती हैं।
  4. आंतरिक अंकेक्षण के कारण कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए प्रमापों का निर्धारण किया जाता है जिससे कर्मचारी अपने प्रमापित कार्यों को तय समय में पूरा करने की कोशिश करते हैं जिससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ती है।

आंतरिक अंकेक्षण के दोष

आंतरिक अंकेक्षण के दोष निम्न हैं-
  1. आंतरिक अंकेक्षण खर्चीला है।
  2. आंतरिक अंकेक्षण में प्रबंधक तथा आंतरिक अंकेक्षण कर्मचारियों में साँठगाँठ बनी रहती है जिससे संस्था के ऊपर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
  3. आंतरिक अंकेक्षण के कार्य अनुत्पादक हैं, जब तक अंकेक्षक कुशल एवं प्रभावशाली न हो।

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