बाइसिकल एक फ्रांसिसी शब्द है। वर्ष 1860 में पहली बार फ्रांस में ही दो पहियों वाली सवारी को बाइसिकल या साइकिल कहा गया।
-अबाउट डाॅट काॅम के अनुसार, फ्रांसीसी पिता-पुत्र की जोड़ी पियरे एंड अर्नेस्ट को आधुनिक साइकिल का आविष्कारक माना जाता है। यह दो नहीं तीन पहियों वाली साइकिल थी। उसे उन्होंने 1867 में बनाया था।
-वर्ष 1870 में काठ की साइकिल की जगह धातु की साइकिलें बनने लगी। इनका अगला पहिया पिछले पहिए से बड़ा होता था। धारणा था कि अगला पहिया जितना बड़ा होगा, साइकिल की स्पीड उतनी ज्यादा होगी।
-बड़े पहिये वाली इस साइकिल की सवारी सेफ नहीं थी। यह अक्सर दुर्घटनाग्रस्त हो जाया करती थी। यही वजह थी कि इसे ‘डेंजर टाॅय’ यानी खतरनाक खिलौना कहा जाता था।
-कुछ इतिहासकार पैडल के आविष्कार का श्रेय स्काटलैंड के लुहार किर्क पैट्रिक मैक मिलन को देते हैं। इसका आविष्कार 1812 से 1878 के बीच किया गया था।
-वर्ष 1880 के आसपास जब चेन का आविष्कार किया गया, तो साइकिल के
पहिये एक जैसे बनाये जाने लगे। मैनचेस्टर, इंग्लैण्ड के निवासी हैंस रोनाल्ड ने चैन
का आविष्कार किया था।
-1890 के मध्य में बीसवीं सदी तक की अवधि को ‘गोल्डन एज आफ बाइसिकल’ कहा जाता है। इसी समय साइकिल को नई शक्ल मिली। बराबर आकार के पहिए, आगे स्टीयरिंग और पहियों में चेन इसी दौरान लगाया गया। अब साइकिल चलाना सुरक्षित था।
-ओहियो, अमेरिका के सेंट हेलेन स्कूल से ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को यूनिसाइक्लिंग यानी एक पहिए वाली साइकिल चलाना सीखना होता है। यहां से ग्रेजुएट छात्र इस कला में निपुण होते हैं।
-साइकिल की पहली रेस 31 मई, 1868 को हुई थी। इसका आयोजन पेरिस के पार्क दे सेंट क्लाउड में किया गया। यह रेस 1200 मीटर की थी। इसके विजेता रहे थे इंग्लैण्ड के जेम्स मूरे।
-न्यूयार्क स्थित ‘पैडलिंग बाइसिकल म्यूजियम’ में पुरानी साइकिलों का संग्रह देखा जा सकता है। यहां न केवल दुनिया की अनोखी साइकिलों का प्रदर्शन किया गया है, बल्कि यहां पर साइकिल से जुड़े तमाम तरह के आयोजन भी किए जाते हैं।
-1890 के मध्य में बीसवीं सदी तक की अवधि को ‘गोल्डन एज आफ बाइसिकल’ कहा जाता है। इसी समय साइकिल को नई शक्ल मिली। बराबर आकार के पहिए, आगे स्टीयरिंग और पहियों में चेन इसी दौरान लगाया गया। अब साइकिल चलाना सुरक्षित था।
-ओहियो, अमेरिका के सेंट हेलेन स्कूल से ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को यूनिसाइक्लिंग यानी एक पहिए वाली साइकिल चलाना सीखना होता है। यहां से ग्रेजुएट छात्र इस कला में निपुण होते हैं।
-साइकिल की पहली रेस 31 मई, 1868 को हुई थी। इसका आयोजन पेरिस के पार्क दे सेंट क्लाउड में किया गया। यह रेस 1200 मीटर की थी। इसके विजेता रहे थे इंग्लैण्ड के जेम्स मूरे।
-न्यूयार्क स्थित ‘पैडलिंग बाइसिकल म्यूजियम’ में पुरानी साइकिलों का संग्रह देखा जा सकता है। यहां न केवल दुनिया की अनोखी साइकिलों का प्रदर्शन किया गया है, बल्कि यहां पर साइकिल से जुड़े तमाम तरह के आयोजन भी किए जाते हैं।
साइकिल चलाना बेस्ट एक्सरसाइज माना जाता है।