परमाणु के सिद्धांत की खोज किसने की

सदियों से लोग इस बात से सहमत थे कि कोई पदार्थ अणुओं से बना होता है, लेकिन किसी ने भी इसका कोई प्रयोगात्मक प्रमाण नहीं दिया था। इस काम के लिए सबसे पहले ब्रिटिश वैज्ञानिक जाॅन डाल्टन ने सफलता हासिल की थी। डाल्टन के सिद्धान्त के दूरगामी परिणाम हुए और हमें इस बात का पता चला कि रासायनिक क्रियाएं परमाणुओं के स्तर पर होती हैं। इस बात का पता चलने के बाद की किसी तत्व में सभी परमाणु एक जैसे होते हैं, तत्वों के परमाणु भार का महत्व बढ़ गया। इस अवधारणा ने परमाणु भार के मापन में तेजी ला दी। बाद की आधुनिक खोजों के बाद हमें यह पता चला कि, किसी तत्व के समस्थानिकों के सभी परमाणु एक समान नहीं होते हैं। परन्तु आज भी डाल्टन की खोज विज्ञान में मील का पत्थर है। 

डाल्टन के समय से कई रासायनिक क्रियाओं का अध्ययन किया जा रहा था। इन अध्ययनों में इस बात की जानकारी हो चुकी थी कि किसी रासायनिक क्रिया में अभिकारकों कुल वजन संरक्षित रहता है और रासायनिक पदार्थ सरल अनुपात में एक दूसरे से जुड़ते हैं। जानने के बाद डाल्टन ने बताया कि किसी एक तत्व के सभी परमाणु बिल्कुल एक जैसे ही होते हैं, लेकिन अन्य तत्वों के परमाणुओं से भिन्न होते हैं और किसी रासायनिक क्रिया में एक तत्व के परमाणु दूसरे तत्व के परमाणु के साथ गठबंधन बनाते हैं।

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