वहाबी आंदोलन का नेतृत्व किसने किया ?

शाह वलीउल्लाह
शाह वलीउल्लाह

वहाबी आंदोलन धर्म सुधार आंदोलन समर्थन तथा पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव के विरोध में मुसलमानों में पहली प्रतिक्रिया वहाबी आंदोलन के रूप में हुई इस आंदोलन का नेतृत्व शाह वलीउल्लाह (1702-62) ने किया। यह आंदोलन वास्तविक रूप से मुसलमानों के धार्मिक रीति रिवाजों तथा मान्यताओं में आई कुरीतियों को दूर करने का प्रयास था। इस आंदोलन का प्रमुख जोर दो बातों पर था प्रथम मुसलमानों में एकता स्थापित करने हेतु, इस्लाम धर्म के चार प्रमुख न्याय शास्त्रों में सामंजस्य स्थापित करना। द्वितीय इस्लाम धर्म में हदीस और कुरान में शब्दों की विरोधात्मक व्याख्या से बचने के लिए व्यक्ति को आंतरिक चेतना के अनुसार निर्णय लेने पर बल दिया। वली उल्लाह शाह के इन विचारों को अब्दुल अजीज तथा सैयद अहमद बरेलवी ने बाद में विस्तार देकर लोकप्रिय बनाया प्रारंभ में यह आंदोलन पंजाब में सिक्ख सरकार के विरोध में था परंतु 1849 में इसका रुख अंगे्रजी सरकार के विरोध में हो गया। 1870 तक यह आंदोलन चलता रहा बाद में सैनिकों द्वारा इसे समाप्त कर दिया गया।


मुसलमानों की पाश्चात्य प्रभावों के विरूद्ध सर्वप्रथम जो प्रतिक्रिया हुई उसे बहावी आन्दोलन अथवा वली उल्लाह आन्दोलन के नाम से जाना जाता है। शाह वलीउल्लाह (1702-1762) भारतीय मुस्लिम समुदाय के ऐसे प्रथम नेता थे जिन्होंने भारतीय मुसलमानों में समाविष्ट कतिपय बुराईयों पर चिन्ता प्रकट की थी । बहावी आन्दोलन से प्रभावित " सैयद अहमद बरेलवी (1786 - 1831ई0 ) ने भारत में इसका प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने इसे राजनीतिक रंग भी दिया तथा भारत में पुनः मुस्लिम शासन की स्थापना के लिए लोगों को प्रेरित किया । इस आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम समाज का विस्तार करना तथा इस्लाम में व्याप्त बुराईयों को दूर करना था ।

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