कई बार विशिष्ट पुस्तकालय और शैक्षिक पुस्तकालय में भेद करना मुश्किल हो जाता है। इसका कारण यह है कि कोई शैक्षिक संस्थान एक विशिष्ट संस्थान भी हो सकता है जैसे इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान की शिक्षा देने वाले संस्थान को विशिष्ट संस्थान भी माना सकता है। ऐसे पुस्तकालय के पाठक विशेष होता है तथा संग्रह भी विशिष्ट प्रकार का होता है। वह विशिष्ट पुस्तकालय की श्रेणी में आता है। पुस्तक संग्रह तथा पाठक ये दो तत्व है जो पुस्तकालयों की प्रकृति और परिभाषा का निर्धारण करते है। विशिष्ट पुस्तकालय की परिभाषा भी इन्हीं दो तत्वों में से एक पर आधारित हो सकती है।
विशिष्ट पुस्तकालय की परिभाषा
कई पुस्तकालय विशेषज्ञ पुस्तक संग्रह के आधार पर विशिष्ट पुस्तकालय की परिभाषा देते है।आई0ई0राइट ने विशिष्ट पुस्तकालय की ऐसी ही परिभाषा देते हुए लिखा है कि
विशिष्ट पुस्तकालय एक ऐसा पुस्तकालय है जिसमें किसी विशेष विषय पर या विषयों पर
साहित्य संकलित किया जाता है। इसीलिए राइट ने शैक्षिक पुस्तकालयों को भी विशिष्ट
पुस्तकालय माना है क्योंकि इनकी रूचि भी किसी विशेष प्रकार या विषयों में होती है इस
परिभाषा में संग्रह की विशष्े ाता पर बल दिया गया है। वास्तव में संग्रह नही बल्कि पाठक
पर आधारित परिभाषा विशिष्ट पुस्तकालय की प्रकृति को प्रकाश में लाती है।
शैक्षिक
पुस्तकालय के पाठक अपनी शिक्षा संबन्धी व्यक्तिगत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए
पुस्तकालय का उपयोग करते है परन्तु विशिष्ट पुस्तकालय के पाठक उसका उपयोग अपने
संस्थागत उत्तरदायित्व की पूर्ति के लिए करते है सरकारी कार्यालयों के पुस्तकालय
विशिष्ट पुस्तकालय के उदाहरण है इसके पाठक सरकारी कर्मचारी होते है तथा पुस्तकालय
की स्थापना का उद्देश्य कर्मचारी को सरकारी काम पूरा करने से संबंधित साहित्य उपलब्ध
कराना हैं।
डा0 रगं नाथन ने विशिष्ट पुस्तकालय के लिए विशेषज्ञों का पुस्तकालय पद का
उपयोग किया हैं। अतः विशिष्ट पुस्तकालय में संग्रह के साथ पाठक भी विशिष्ट प्रकार का
होता है
विशिष्ट पुस्तकालयों के लक्षण
विशिष्ट पुस्तकालय के लक्षण या गुण होते है-क. विशिष्ट संग्रह-विशिष्ट पुस्तकालय का संग्रह विशेष प्रकार का होता है जहां पाठक
विशेष होंगे तो वहां का संग्रह भी उन्ही अनुरूप विशेष ही होगा। यहाँ के प्रलेख सूचनाओं से ओत-प्रोत होते है। विशिष्ट पुस्तकालयों के पाठकों के पास समय कम होता है इसी को घ्यान में रखकर ही यहां का संग्रह और सेवाओं का व्यवस्थापन किया जाता है।
ख. विशिष्ट उपभोक्ता तथा सेवाएं- विशिष्ट पुस्तकालय के पाठक पुस्तकालय का उपयोग अपनी व्यक्तिगत आवश्यकता के लिए नहीं करते बल्कि अपनी संस्था के काम को पूरा करने में सहायता लेने के लिए करते है य े विशिष्ट पाठक जैसे- वैज्ञानिक डाॅक्टर इन्जीनियर्स आदि हो सकते है।
ग. कर्मचारी तथा उपस्कर- विशिष्ट पुस्तकालयों में अपेक्षाकृत अधिक योग्य प्रशिक्षित तथा विषय के जानकर कर्मचारियों और विकसित यांत्रिक उपस्कर की जरूरत होती है। जिससे कि सूचना की व्यवस्था और पुनप्र्रािप्त कराई जा सके इन विशिष्ट कर्मचारियों को समय- समय पर नई-नई तकनीकों का ज्ञान प्रदान कराया जाये ताकि व पाठकों को विशेष सेवाएं प्रदान कर सकें।
ख. विशिष्ट उपभोक्ता तथा सेवाएं- विशिष्ट पुस्तकालय के पाठक पुस्तकालय का उपयोग अपनी व्यक्तिगत आवश्यकता के लिए नहीं करते बल्कि अपनी संस्था के काम को पूरा करने में सहायता लेने के लिए करते है य े विशिष्ट पाठक जैसे- वैज्ञानिक डाॅक्टर इन्जीनियर्स आदि हो सकते है।
ग. कर्मचारी तथा उपस्कर- विशिष्ट पुस्तकालयों में अपेक्षाकृत अधिक योग्य प्रशिक्षित तथा विषय के जानकर कर्मचारियों और विकसित यांत्रिक उपस्कर की जरूरत होती है। जिससे कि सूचना की व्यवस्था और पुनप्र्रािप्त कराई जा सके इन विशिष्ट कर्मचारियों को समय- समय पर नई-नई तकनीकों का ज्ञान प्रदान कराया जाये ताकि व पाठकों को विशेष सेवाएं प्रदान कर सकें।
विशिष्ट पुस्तकालयों के कार्य
सूचना एंव प्रलेखन संबंधी सेवाएं प्रदान करना विशिष्ट पुस्तकालय का प्रमुख कार्य है। प्रलेखन एंव सूचना सेवा के दो पक्ष हा े सकते है- 1. प्रलेखन कार्य तथा 2. प्रलेखन सेवा। इसके अन्तर्गत विशिष्ट पुस्तकालयों के कार्य आते है-- विशिष्ट सूचना का संकलन संगठन, सारणीकरण, अनुक्रमणीकरण तथा वर्गीकरण।
- प्रलेखन सूचियाॅ बनाना तथा
- सूचना संचयन एवं पुनर्प्राप्ति के द्वारा पाठकों की सेवा करना।
- विशिष्ट पुस्तकालयों में पुस्तकों के आदान-प्रदान के साथ-साथ पत्र पत्रिकाओं की भी सेवाएं दी जाती है।