भू-आकृति विज्ञान के अंतर्गत
पृथ्वी के धरातल पर पाये जाने वाले स्थलीय रूपों यानि स्थलाकृतियों की उत्पत्ति, उनके विकास का वैज्ञानिक
अध्ययन किया जाता है । भू-आकृति विज्ञान, जिसे ग्रीक भाषा में जियोमॉर्फोलॉजी (Geomorphology) कहते हैं, का अर्थ है पृथ्वी के रूप का विवरण । भू-आकृति विज्ञान, पृथ्वी के
रूप का सुव्यवस्थित और क्रमबद्ध विवरण है । इसमें हम मुख्य रूप से स्थलरूपों का अध्ययन करते हैं ।
भू-पटल के स्थलरूप तथा सागरीय तल के विभिन्न रूपों, उनकी उत्पत्ति आदि की व्याख्या का अध्ययन करते
हैं । यहाँ पृथ्वी या भूपटल के प्रमुख उच्चावच यानि महाद्वीप, महासागर, पर्वत, पठार, मैदान इत्यादि भी इसमें
सम्मिलित हैं ।
उपरोक्त सभी की उत्पत्ति तथा व्याख्या तभी संभव है, जब हमें पृथ्वी की संरचना, चट्टनों की
बनावट, ट्टतुक्षरण तथा अपरदन की प्रक्रियायें, पटल-विरूपण ज्वालामुखी क्रिया,
प्लेट विवर्तनिकी, महाद्वीपीय विस्थापन इत्यादि का ज्ञान हो, क्योंकि पृथ्वी का घरातलीय रूप
इन्हीं तत्वों से प्रभावित और परिवर्तित होता रहता हैं ।
अतः उपरोक्त सभी विषयों का अध्ययन भू-आकृति विज्ञान
के अंतर्गत किया जाता है ।
I'm a student of M.A in Markham college of commerce h.bag
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