उसने फ़्रांस की दूर-दूर देशों में कोठियाँ तथा उपनिवेश स्थापित करने
के लिये उत्साहित किया, जिससे फ़्रांस को आगे चलकर बहुत लाभ हुआ। परन्तु लुई चौदहवें ने प्रोटेस्टैन्टों या
“युगोनाॅट्स को, जो फ़्रांस के बड़े चतुर कारीगर एवं व्यापारी थे, अपनी कठोर और क्रूर नीति से देश
छोड़ने के लिये विवश कर दिया। ये इंग्लैण्ड, जर्मनी, हाॅलैण्ड और अमेरीका में जाकर बस गये जहाँ के शासकों
ने इसका खुले हृदय से स्वागत किया। उसने उस धन को अपने दरबार की शान-शौकत के साथ ही अपनी सेना को शक्तिशाली
बनाने के लिये भी खर्च किया।’ पेरिस नगर के निकट ही वर्साई में उसने एक शानदार राजमहल
बनवाया। अन्य भी अनेक शानदार इमारतें उसके शासन काल में बनीं।
उसके शासनकाल में फ़्रांस का व्यापार बहुत बढ़ा।
भारत के साथ फ़्रांस की व्यापारी कम्पनी व्यापार करके खूब धन
कमा रही थी। अमरीका के साथ फ़्रांस का व्यापार खूब होता था और वहाँ फ़्रांस का प्रभुत्व भी जम रहा था।