लुई चौदहवाँ (Louis XIV) कौन था ?

लुई चौदहवाँ (Louis XIV) कौन था ?


फ़्रांस का सम्राट लुई चौदहवाँ (Louis XIV) एक सम्राट था। उसको वस्त्र तथा आभूषणों का बड़ा शौक था। उसके दरबार में शानदार दरबारियों का जमघट रहता था। उसके शासनकाल में साहित्य और ललित कला में बड़ी उन्नति हुई। उसी के समय में फ़्रांस में तीन बड़े लेखक कार्नील, रेसिनऔर मोलियरी हुए जिन्होंने उसके दरबार के गौरव में चार चाँद लगा दिये। इसके आलवा बोयलू तथा लाफाॅन्टेन जैसे कवि व पैस्कल व डेकार्टे जैसे दार्शनिक भी उसके काल में हुये। उसके परामर्श दाताओं में सुप्रसिद्ध कौलबर्ट था। इसने अपनी कुशल नीति और बुद्धिमानी से राज्य की आय में वृद्धि की और फ़्रांस में कला-कौशल की उन्नति की। 

उसने फ़्रांस की दूर-दूर देशों में कोठियाँ तथा उपनिवेश स्थापित करने के लिये उत्साहित किया, जिससे फ़्रांस को आगे चलकर बहुत लाभ हुआ। परन्तु लुई चौदहवें ने प्रोटेस्टैन्टों या “युगोनाॅट्स को, जो फ़्रांस के बड़े चतुर कारीगर एवं व्यापारी थे, अपनी कठोर और क्रूर नीति से देश छोड़ने के लिये विवश कर दिया। ये इंग्लैण्ड, जर्मनी, हाॅलैण्ड और अमेरीका में जाकर बस गये जहाँ के शासकों ने इसका खुले हृदय से स्वागत किया। उसने उस धन को अपने दरबार की शान-शौकत के साथ ही अपनी सेना को शक्तिशाली बनाने के लिये भी खर्च किया।’ पेरिस नगर के निकट ही वर्साई में उसने एक शानदार राजमहल बनवाया। अन्य भी अनेक शानदार इमारतें उसके शासन काल में बनीं। उसके शासनकाल में फ़्रांस का व्यापार बहुत बढ़ा। 

भारत के साथ फ़्रांस की व्यापारी कम्पनी व्यापार करके खूब धन कमा रही थी। अमरीका के साथ फ़्रांस का व्यापार खूब होता था और वहाँ फ़्रांस का प्रभुत्व भी जम रहा था।

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