भारत में गरीबी हटाने के उपाय या सुझाव

भारत में गरीबी हटाने के उपाय

भारत में गरीबी को हटाने के उपाय हैं 

1. आर्थिक वृद्धि को बढ़ाना - गरीबी को हटाने के लिए पहला और सबसे महत्त्वपूर्ण तत्व है अर्थव्यवस्था की आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाना। राष्ट्रीय आय को जनसंख्या वृद्धि से तेज दर से बढ़ना चाहिए। 

2. जनसंख्या पर नियंत्रण - गरीबी को बड़े स्तर पर परिवार नियोजन को बढ़ावा देकर दूर किया जा सकता है। जनसंख्या प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने में मदद करेगा। जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक संसाधनों के बीच के अंतर को कम करने में सहायक होगा। 

3. अधिक रोजगार के अवसर - ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करके भारत में गरीबी को दूर किया जा सकता है। यह काम बड़ो पैमाने पर शुरू किया जाना चाहिए। कुटीर और लघु उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। 

4. भूमि सुधार - गरीबी दूर करने के लिए, भूमि हदबंदी द्वारा प्राप्त अतिरिक्त भूमि को छोटे अथवा भूमिहीन व्यक्तियों में वितरित कर देना चाहिए। भूमि के छोटे-छोटे भाग होने पर पाबंदी लगानी चाहिए एवं भूमि की चकबंदी पर जोर देना चाहिए। 

5. गरीबों के लिए न्यूनतम आवश्यकता की योजना - सरकार को व्यक्तियों की न्यूनतम एवं आधारभूत आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इस योजना के अंतर्गत आधारभूत वस्तुयें व्यक्तियों को न्यूनतम कीमत पर प्रदान करने एवं विभिन्न सामाजिक सेवायें निशुल्क प्रदान करने पर विचार किया जाये। 

6. आर्थिक असमानता को कम करना - गरीबी दूर करने के लिए आर्थिक असमानता दूर करना आवश्यक है। इसके लिए हमें अपने निवेश ढाँचों को बदलना चाहिए इसलिए अधिकतम साधनों को विलासीन वस्तुओं के उत्पादन के स्थान पर उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त आर्थिक शक्ति के समान वितरण के लिए भी उपाय किए गए। भूमि की हदबंदी करके अतिरिक्त भूमि को भूमिहिन व्यक्तियों में वितरित किया गया। 

7. ग्रामीण औद्योगिकीकरण - ग्रामीण क्षेत्रों से गरीबी हटाने के लिए हमें ग्रामीण औद्योगिकीकरण पर अधिक जोर देना चाहिए। इसकी सहायता से ग्रामीण क्षेत्रों की श्रम शक्ति को रोजगार के नये अवसर प्रदान हो सकेंगे। 

8. स्फीति पर नियंत्रण - स्फीति की स्थिति में वस्तुओं की कीमत में वृद्धि हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप स्थायी आय एवं निर्धनों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। कीमतों में निरंतर एवं तीव्र वृद्धि के कारण मुद्रा की क्रय शक्ति कम हो जाती है, जिससे निर्धन व्यक्ति प्रभावित होते हैं। इसलिए निर्धन व्यक्तियों के जीवन स्तर में वृद्धि के लिए बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण आवश्यक है। 

9. सामाजिक सुरक्षा - गरीब औद्योगिक कर्मचारियों के लिए प्रोविडेट फंड, वृद्धावस्था पेंशन, प्रसूति , छुट्टी भत्ते आदि की व्यवस्था करके औद्योगिक कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा की जा सकती है। इसके अतिरिक्त सरकार को निशुल्क शिक्षा, निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा, निवास एवं आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था पर अधिक व्यय करना चाहिए गरीबों के हित के लिए राष्ट्रीय आय के पुनर्वितरण पर अधिक जोर देना चाहिए। धन को जब्त कर लेना चाहिए। पिछड़े क्षेत्रों में अधिक उद्योगों की स्थापना करनी चाहिए।

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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