गुट निरपेक्ष आंदोलन का द्वितीय शिखर सम्मेलन 5 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक 1964 ई. में काहिरा में किया गया। जिसमें 48 देशों के प्रतिनिधि शामिल थे तथा 11 पर्यवेक्षक देश थे। इस सम्मेलन का उद्देश्य गुट निरपेक्षता के क्षेत्र को विस्तृत करना था। तथा उसके माध्यम से तनाव को कम करना था। काहिरा सम्मेलन में प्रतिनिधि राष्ट्रों के बीच मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो गई और ऐसा लगने लगा कि सम्मेलन विफल हो जायेगा। इस सम्मेलन में आर्थिक सहयोग की बात कही गई।
गुट निरपेक्ष आंदोलन का द्वितीय शिखर सम्मेलन में इन बिन्दुओं पर चर्चा की गई।- शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से अन्र्तराष्ट्रीय विवादों का निपटारा किया जाए।
- परमाणु परीक्षण पर रोक लगाई जाए साथ ही नि:शस्त्रीकरण की नीति अपनाई जाए।
- दक्षिण रोडेशिया की अल्पमत गोरी सरकार को मान्यता नही दी जानी चाहिए।
- उपनिवेशवाद का अंत किया जाय। कम्बोडिया तथा वियतनाम में विदेशी हस्तक्षेप का अंत हो
- चीन को संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बनाया जाए।
- सभी राष्ट्रों से आºवान किया गया कि दक्षिण अफ्रीका से कूटनीतिक सम्बन्ध विच्छेद कर ले। साथ ही दक्षिण अफ्रीका की रंग भेद की नीति की कड़ी आलोचना की गई। काहिरा सम्मेलन को शान्तिपूर्ण वार्ता द्वारा विवादों का निपटारा, उपनिवेशवाद का अंत, रंगभेद की नीति के विरोध आदि के लिए महत्वूपर्ण है।