मूल्यांकनात्मक अनुसंधान क्या है इसके उद्देश्य

 

मूल्यांकनात्मक अनुसंधान 

आज सभी देश नियोजित परिवर्तन की दिशा में विकास कार्यक्रमों को प्रोत्साहन दे रहे हैं। लाखों, करोड़ों रूपये, अनेक विकास कार्यक्रमों, जैसे स्वास्थ्य सुधार, गरीबी उन्मूलन, आवास-विकास सम्बन्धी योजनाओं, परिवार नियोजन, मद्य निषेध, रोजगार योजनाओं एवं समन्वित ग्रामीण विकास आदि पर व्यय किये जा रहे हैं। तथापि, इन कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ वास्तव में लोगों को मिल भी रहा है या नहीं, यह जानना ही मूल्यांकनात्मक अनुसंधान का उद्देश्य है। मूल्यांकनात्मक अनुसंधान द्वारा इन कार्यक्रमों के लक्ष्यों एवं उपलब्धियों का मूल्यांकन किया जाता है कि लक्ष्य एवं उपलब्धियों में कितना अन्तर रहाय और अन्तर के कारण क्या रहे। जिससे कि भविष्य में बनाये जाने वाले कार्यक्रमों और योजनाओं में इस अन्तर को कम किया जा सके अर्थात् योजनाओं को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके। अनेक सरकारी, अर्द्ध-सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा समय-समय पर ऐसे मूल्यांकन करवाये जाते है कि उनके द्वारा चलाये गये कार्यक्रमों की सफलता कितनी रही? असफलता के कारण क्या रहे आदि। 

उदाहरणस्वरूप, सामुदायिक विकास कार्यक्रम के मूल्यांकन के लिये भारत सरकार ने ‘कार्यक्रम मूल्यांकन संगठन’ की स्थापना की है।

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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