प्रेमचंद का जन्म दि. 31 जुलाई, 1880 ई. को काशी के लमही ग्राम में हुआ था । प्रेमचंद का पहला विवाह 15 वर्ष की अवस्था में हुआ था । उनकी पत्नी कुरुप और असभ्य थी। उसने प्रेमचंद का जीवनभर साथ नहीं दिया । कुछ दिनों के बाद प्रेमचंद के पिता का निधन हुआ । प्रेमचंद पर विमाता और सौतेले भाई की जिम्मेदारी आ पड़ी ।
अपनी पहली पत्नी से असंतुष्ट रहने पर प्रेमचंद ने शिवरानी नामक बालविधवा से दूसरा विवाह किया ।
प्रेमचंद परिश्रमी एवं मनस्वी होने के कारण उन्होंने अपने जीवन में संघर्षों से कभी हार नहीं मानी । ट्यूशन लेकर प्रथमतः मैट्रिक और आगे बी. ए. तक की शिक्षा ग्रहण की। प्रेमचंद कभी संघर्ष से हारकर नहीं भागे, बल्कि उन्होंने अपने जीवन में आए संघर्षों का डटकर सामना किया ।
प्रेमचंद अपनी योग्यता एवं परिश्रम के बल पर ही सहकारी अध्यापक के पद से उन्नति करके सन 1901 ई. में डिप्टी इन्सपेक्टर बन गए ।
प्रेमचंद को अपनी मां की अभूतपूर्व ममता प्राप्त हुई । जब वे सात वर्ष के थे, तब उनकी मां का निधन । उनके पिता ने दूसरा विवाह किया, जिससे उनके जीवन में एक नया मोड आ गया । विमाता ने हुआ । उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया । इसी कारण मातृप्रेम से वंचित और विमाता के व्यवहार से त्रस्त बालकों से प्रेमचंद को विशेष सहानुभूति रही है ।
प्रेमचंद आरंभ में उर्दू में लिखते थे । उन्हें अंग्रेजी एवं उर्दू उपन्यास पढ़ने का शौक था । उन्होंने अपनी अभिरुचि के अनुरुप सन 1901 में अपने लेखन का प्रारंभ किया । राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत 'सोजे वतन' नामक पांच कहानियों का संग्रह लिखा । अंग्रेज सरकार ने उसकी 500 प्रतियाँ जनता के सामने जलाई ।
प्रेमचंद का निधन सन 1936 में हो गया।
प्रेमचंद की रचनाएँ
उन्हे 'हिंदी उपन्यास सम्राट' कहा जाता है । प्रेमचंद ने उपन्यास साहित्य को एक नई दिशा दी । उन्होंने एक साहित्य युग का निर्माण किया । इसलिए उनके द्वारा लिखित साहित्य निम्मलिखित प्रकार से है ।
1) उपन्यास : ‘रुठी रानी', 'वरदान', 'सेवासदन', 'प्रेमाश्रम', 'प्रतिज्ञा', 'निर्मला', 'रंगभूमि', 'कायाकल्प', 'गबन', 'कर्मभूमि', 'गोदान', 'मंगलसूत्र' (अधूरा )
2) कहानी : 'प्रेम पूर्णिमा', 'प्रेम पचीसी', 'प्रेम प्रसून', 'प्रेम तीर्थ', 'प्रेम द्वादशी', 'प्रेरणा', 'सप्तसरोज', 'पांचफुल', 'नवनिधी', ग्राम जीवन की कहानियाँ, मानसरोवर ( आठ भागों में)
3) निबंध : कुछ विचार, मोहम्मद शेखसादी, तथा तलवार और त्याग ।
4) नाटक : कविता, संग्राम, प्रेम की वेदी
5) अनुवाद : न्याय, हडताल, अहंकार, चांदी की डिबियाँ, सुखदास, फिसाने आजाद तथा सृष्टि का आरंभ।
6) बालसाहित्य : कुत्ते की कहानियाँ, तालस्ताय की कहानियाँ, जंगल की कहानियाँ आदि ।
7) पत्र-पत्रिकाएँ: 'जागरण' और 'हंस' |