सॉफ्टवेयर क्या है सॉफ्टवेयर के 3 प्रकार क्या हैं?

सॉफ्टवेयर (Software) कंप्यूटर (Computer) का वास्तविक कार्य करने वाला महत्वपूर्ण भाग है । “सभी सूचनाओं के समूह द्वारा कम्प्यूटर जो कार्य करता है वह सॉफ्टवेयर कहलाता है । दूसरे शब्दों में सॉफ्टवेयर उन प्रोगामों को है जिन्हे हार्डवेयर पर चलाया जाता है ।"" 

सॉफ्टवेयर के प्रकार

तकनीकी दृष्टि से सॉफ्टवेयर तीन प्रकार के होते हैं-

  1. सिस्टम सॉफ्टवेयर
  2. प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर
  3. अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर

1. सिस्टम सॉफ्टवेयर

सिस्टम सॉफ्टवेयर यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है, जिनका काम सिस्टम अर्थात कंप्यूटर को चलाना तथा उसे काम करने लायक बनाए रखना है। सिस्टम सॉफ्टवेयर ही हार्डवेयर में जान डालता है। ऑपरेटिंग सिस्टम, कंपाइलर आदि सिस्टम सॉफ्टवेयर के मुख्य भाग हैं। 

2. एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर

एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर ऐसे प्रोग्रामों को कहा जाता है, जो हमारे कंप्यूटर पर आधारित मुख्य कामों को करने के लिए लिखे जाते हैं। आवश्यकतानुसार भिन्न-भिन्न उपयोगों के लिए भिन्न-भिन्न सॉफ्टवेयर होते हैं। वेतन की गणना, लेन-देन का हिसाब, वस्तुओं का स्टॉक रखना, ,बिक्री का हिसाब लगाना आदि कामों के लिए प्रोग्राम ही एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर कहे जाते हैं ।

सॉफ्टवेयर कैसे सुरक्षित है

सॉफ्टवेयर कानून में बौद्धिक सम्पदा अधिकार के अंदर सुरक्षित होता है । ट्रिप्स में सात प्रकार के बौद्धिक सम्पदा अधिकार के बारे में चर्चा की गयी है इसमें तीन प्रकार के अधिकार, यानी की कॉपीराइट, ट्रेड सीक्रेट तथा पेटेंट या एकस्व, कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर को प्रभावित करते हैं । सॉफ्टवेयर को पेटेंट कराने के 'मुद्दा विवादास्पद है तथा कुछ कठिन भी । इसकी चर्चा अलग से पेटेंट एवं कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के अंदर की गई है।

कॉपीराइट के प्रकार: ‘सोर्स कोड और ऑब्जेक्ट कोड' शीर्षक के अंदर पर चर्चा की थी कि आजकल सोर्सकोड उच्चस्तरीय कंप्यूटर भाषाओं में अँग्रेजी भाषा के शब्दों एवं वर्णमाला का प्रयोग करते हुए लिखा जाता है । यह उस सॉफ्टवेयर के कार्य करने के ढंग को बताता है तथा यह एक प्रकार का वर्णन है । यदि इस प्रकाशित किया जाता है तो उस सॉफ्टवेयर के मालिक या जिसने उसे लिखा है उसका कॉपीराइट है।

ऑब्जेक्ट कोड कंप्यूटर को चलाता है और यह सदा प्रकाशित होता है परंतु क्या यह किसी चीज का वर्णन है अथवा नहीं इस बारे में शंका थी । ट्रिप्स के समझौते के अंदर यह कहा गया है कि कंप्यूटर प्रोगाम को कॉपीराइट के समान सुरक्षित माना जाए । इसलिए ऑब्जेक्ट कोड हमारे देश में तथा संसार के अन्य देशों में इसी प्रकार से सुरक्षित किया गया है ।

कंप्यूटर प्रोग्राम के ऑब्जेक्ट कोड तो प्रकाशित होते हैं पर सबके सोर्स कोड प्रकाशित नहीं किए जाते हैं। जिन कम्प्यूटर प्रोग्राम के सोर्स कोड प्रकाशित किए जाते हैं उनमें तो वे कॉपीराइट से सुरक्षित होते हैं। पर जिन कम्प्यूटर प्रोग्राम के सोर्स कोड प्रकाशित नहीं किए जाते हैं वे ट्रेड सीक्रेट की तरह सुरक्षित होते हैं। ट्रेड सीक्रेट की तरह मालिकाना कंप्यूटर प्रोग्राम में सामान्यतः सोर्स कोड प्रकाशित नहीं किया जाता है तथा वे सोर्स कोड को ट्रेड सीक्रेट की तरह ही सुरक्षित करते हैं। यह भी सोचने की बात है कि वे सोर्स कोड क्यों नहीं प्रकाशित करते हैं? सोर्स कोड से ऑब्जेक्ट कोड कंपाइल करना आसान है, यह हमेशा किया जाता है और इसी तरह प्रोग्राम लिखा जाता है । पर इसका उल्टा यानी कि ऑब्जेक्ट कोड से सोर्स कोड मालूम करना असंभव तो नहीं पर बहुत मुश्किल तथा महंगा है । इस पर रिवर्स इंजीनियरिंग का कानून भी लागू होता है। इसीलिए सोर्स कोड प्रकाशित नहीं किया जाता है । इसे गोपनीय रख कर, इसे ज्यादा आसानी से सुरक्षित किया जा सकता है ।

पेटेंट की तरह : ‘बौद्धिक संपदा अधिकार' शीर्षक में चर्चा हुई थी कि सॉफ्टवेयर को पेटेंट के द्वारा भी सुरक्षित करने का तरीका भी हैं। कई मालिकाना सॉफ्टवेयर इस तरह से भी सुरक्षित हैं पर यह न केवल विवादस्पद है पर कुछ कठिन भी है।

संविदा कानून के द्वारा: संविदा कानून भी सॉफ्टवेयर की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । आप इस धोखे में न रहें कि आप कोई सॉफ्टवेयर खरीदते हैं। आप तो केवल उसको प्रयोग करने के लिए लाइसेन्स लेते हैं । आप उसे किस तरह से प्रयोग कर सकते है यह उसकी शर्तों पर निर्भर करता है। लाइसेंस की शर्ते महत्वपूर्ण है। यह संविदा कानून के अंदर आता है ।

ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर में सोर्स कोड हमेशा प्रकाशित होता है । इसके लिखने वाले इस पर किस तरह का अधिकार रखते हैं यह लाइसेंसों की शर्तों पर निर्भर करता है, जिनके अंतर्गत वे प्रकाशित किए जाते हैं। ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर में कुछ लाइसेन्स की शर्ते उसे कॉपीराइट करती हैं। इसे फ्री सॉफ्टवेयर या जीपीएल्ड सॉफ्टवेयर भी कहा जाता है । इस सॉफ्टवेयर को कोई भी व्यक्ति मुक्त में डाउनलोड कर सकता है, इस्तेमाल कर सकता है, वितरित कर सकता है एवं इसमें अपनी जरूरत के मुताबिक बदलाव भी कर सकता है । ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर केवल मशीनी सामग्री भर न होकर तकनीक, विज्ञान और कला का अद्भुत संगम है । इसने कंप्यूटर जगत में एक क्रांति की शुरुआत कर दी है । केवल ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर ही सम्पूर्ण विश्व में अधिकाधिक लोगों तक कंप्यूटर तकनीक को पहुंचाने के सपने को पूरा करता है ।

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