डोमेन नेम क्‍या है | डोमेन नाम के प्रकार | What is Domain Name in Hindi

डोमेन नाम वेबसाइट का नाम होता है। डोमेन नाम वह पता है, जहां इंटरनेट यूजर संबंधित वेबसाइट तक पहुंच सकते हैं। इंटरनेट पर वेबसाइट खोजने और पहचानने के लिए डोमेन नाम का उपयोग किया जाता है। कम्प्यूटर आईपी एड्रेस का उपयोग करते हैं, जो संख्या की एक श्रृंखला है। डोमेन नाम अक्षरों और संख्याओं का कोई भी संयोजन हो सकता है। इसका उपयोग विभिन्न डोमेन नाम एक्सटेंशन, जैसे .com, .net आदि में किया जाता है।

उपयोग करने से पहले डोमेन नाम को पंजीकृत (रजिस्टर्ड) करवाना जरूरी होता है। प्रत्येक डोमेन नाम यूनिक होता है। हर वेबसाइट का डोमेन नाम अलग–अलग होता है। दो वेबसाइट का डोमेन नाम कभी भी एक जैसा नहीं हो सकता है। यदि कोई www. कम्प्यूटर हिन्दी नोट्स डॉट कॉम टाइप करता है, तो वह उसी वेबसाइट पर पहुंचेगा, किसी और वेबसाइट पर नहीं। डोमेन नाम दुनियाभर में उपयोग किए जाते हैं, विशेष रूप से नेटवर्क और डाटा संचार की दुनिया में इनका उपयोग होता है।

डोमेन नाम कैसे काम करते हैं और इनका उपयोग कैसे किया जाता है ? यह निम्नलिखित बिन्दुओं से स्पष्ट समझा जा सकता है

• डोमेन नाम के दो भाग होते हैं, जिन्हें एक डॉट द्वारा अलग किया जाता है, जैसे उदाहरण .com डोमेन नाम सिंगल आईपी एड्रेस या आईपी एड्रेस के समूह की पहचान करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

• एक होस्ट या संगठन वैकल्पिक नाम के रूप में डोमेन नाम का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि डोमेन नाम अल्फान्यूमेरिक (सभी संख्याओं के विपरीत) है, जिससे उन्हें याद रखना आसान हो जाता है।

• किसी वेबसाइट की पहचान करने के लिए URL के हिस्से के रूप में डोमेन नाम का उपयोग किया जाता है।

• डॉट का अनुसरण करने वाला हिस्सा टॉप लेवल डोमेन या समूह है, जिसका डोमेन नाम उदाहरण के लिए .gov अमेरिकी सरकार के डोमेन के लिए टॉप लेवल डोमेन है।

इंटरनेट पर आपका डोमेन नाम किसी व्यक्ति, व्यवसाय या संगठन की वेबसाइट की विशिष्ट पहचान होती है। किसी भी व्यक्ति, व्यवसाय या संगठन को इंटरनेट उपस्थिति की योजना बनाकर डोमेन नाम में निवेश करना चाहिए। अपना स्वयं का डोमेन नाम, वेबसाइट और ई-मेल पता होने से आपको और आपके व्यवसाय को प्रोफेशनल रूप मिलता है । व्यवसाय के लिए डोमेन नाम पंजीकृत करने का एक और कारण कॉपीराइट और ट्रेडमार्क की रक्षा करना, साख बनाना, ब्रांड जागरूकता बढ़ाना और सर्च इंजन पर अपनी स्थिति मजबूत बनाना है ।

डोमेन नाम वेबसाइट के उद्देश्य को पहचानता है। उदाहरणार्थ, यहां .com डोमेन नाम बताता है कि यह एक व्यापारिक साइट है। इसी प्रकार लाभ न कमाने वाले संगठन .org तथा स्कूल व विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थान आदि .edu डोमेन नामों का उपयोग करते हैं।

डोमेन नाम के प्रकार

1. टॉप लेवल डोमेन्स

टॉप लेवल डोमेन नेम की वैल्यू ज्यादा होती है। गूगल सर्च इंजन और दूसरे सर्च इंजन टॉप लेवल डोमेन का ज्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं। हर एक डोमेन नेम एक टॉप लेवल डोमेन के साथ खत्म होता है । जैसे

  1. .com  - कमर्शियल साइट
  2. .org - आर्गेनाइजेशन साइट
  3. .edu -एजुकेशन साइट
  4. .gov -गवर्नमेंट साइट डोमेन हैं।

.com, .org, .edu, .gov सभी टॉप लेवल डोमेन है।

2. कंट्री कोड टॉप लेवल डोमेन्स

कंट्री कोड टॉप लेवल डोमेन्स भी एक तरह का टॉप लेवल डोमेन ही है। फर्क इतना है कि यदि इस लेवल का डोमेन कोई भी व्यक्ति, व्यवसाय या संस्था करती है तो आपकी वेबसाइट देखकर पता लगाया जा सकता है कि यह व्यक्ति, व्यवसाय या संस्था इस देश या कन्ट्री की है। अर्थात् इस डोमेन नेम से पता लगाया जा सकता है कि यह किस देश का है । उदाहरणार्थ

  1. .in - इंडिया, भारत
  2. .us - यूनाइटेड स्टेट्स
  3. .br - ब्राजील
  4. .nz - न्यूजीलैण्ड
  5. .my - मलेशिया
  6. .sg - सिंगापुर

3. सेकण्ड लेवल डोमेन्स

सेकण्ड लेवल डोमेन टॉप लेवल डोमेन से पहले लिया जाता है । ये एक तरह का नाम होता है। जैसे हिन्दी डॉट कॉम में हिन्दी सेकण्ड लेवल डोमेन है और डॉट कॉम टॉप लेवल का डोमेन है।

4. थर्ड लेवल डोमेन्स

थर्ड लेवल डोमेन सेकण्ड लेवल डोमेन से पहले आता है । इसे हम सब डोमेन भी कहते हैं। यह मुफ्त में बनाया जा सकता है। इसको खरीदने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि किसी व्यक्ति, व्यवसाय या संस्था के पास कोई डोमेन है तो वह उसका सब डोमेन आसानी से बना सकती है। उदाहरणार्थ ग्रामर डॉट हिन्दी डॉट कॉम में ग्रामर सब डोमेन, हिन्दी सेकण्ड लेवल डोमेन और डॉट कॉम टॉप लेवल डोमेन है।

डोमेन नाम पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) विधि

डोमेन नाम के रूप में किसी शब्द या वाक्यांश का उपयोग किया जाता है। यदि डोमेन नाम किसी कंपनी के लिए है, तो इसकी सहायता से उस कंपनी को आसानी से ढूंढा जा सकता है । यद्यपि, एक लंबा डोमेन नाम याद रखना कठिन होता है। इसमें कई की-वर्ड शामिल होते हैं, जो महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि कुछ सर्च इंजन किसी डोमेन नाम में की-वर्ड का उपयोग करते है ।

वेबसाइट तैयार करने के बाद इंटरनेट पर इसकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए साइट को अपने डोमेन नेम की आवश्यकता होती है। यूजर इस डोमेन के नाम का प्रयोग, इंटरनेट पर उपलब्ध उत्पादों तथा सेवाओं को ढूंढ़ने के लिए करते हैं। उदाहरणार्थ www. कम्प्यूटर हिन्दी नोट्स डॉट कॉम पर आप बनाए गए हिन्दी नोट्स को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

डोमेन नाम का रजिस्ट्रेशन हम कई विभिन्न कंपनियों द्वारा करवा सकते हैं । ऐसी कंपनियां जो डोमेन के नाम का रजिस्ट्रेशन करती हैं, उन्हें डोमेन रजिस्ट्रार कहा जाता है। डोमेन के नाम का रजिस्ट्रेशन मुख्य रूप से वही कंपनियां अपने माध्यम से करवाती हैं, जिनके होस्ट सर्वर पर आप अपनी वेबसाइट अपलोड करते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय में इस व्यवस्था में बदलाव हुआ है। अब डोमेन रजिस्टर और वेब स्पेस खरीदने के लिए अलग-अलग कंपनी को चुन सकते हैं। कुछ लोकप्रिय डोमेन रजिस्ट्रार के नाम निम्नलिखित हैं-

  1. google domain
  2. Godaddy
  3. Namecheap
  4. ResellerClub

इसके अलावा कई ऐसी कंपनियां हैं, जिनसे हम अपना डोमेन रजिस्टर करवा सकते हैं। जब हम किसी डोमेन रजिस्ट्रार की सहायता से अपना डोमेन रजिस्टर कराते हैं तो वह हमें एक निश्चित राशि के बदले में डोमेन कन्ट्रोल पेनल और उसका यूजर नेम, पासवर्ड उपलब्ध कराता है। इस यूजर नेम और पासवर्ड की सहायता से हम डोमेन कंट्रोल पेनल में लॉगिन करके स्पेस प्रोवाइडर द्वारा दिए गए नेम सर्वर को डोमेन के साथ लिंक कर सकते हैं। वेबसाइट को चालू करने के लिए यह अति महत्वपूर्ण होता है।

डोमेन नाम बनाने संबंधित सुझाव

1. छोटा डोमेन - हमेशा छोटा नाम ताकि याद रखने में चुनना चाहिए,

2. डोमेन नाम ऐसा रखें, जो टाइप करने और बोलने में सरल हो आसान हो।

3. किसी दूसरे से मिलता-जुलता डोमेन नाम नहीं होना चाहिए।

4. इस नाम में स्पेशल - की नहीं होना चाहिए ।

5. हमेशा टॉप लेवल डोमेन नाम लेने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे पूरी दुनिया में सभी लोग इसे पहचान सकें।

6. हमेशा डोमेन नाम संबंधित व्यापार या व्यापार से मिलता-जुलता ही होना चाहिए।

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