इंटरनेट की शुरुआत कब हुई इसका क्या प्रयोग है?

इंटरनेट को हिन्दी में अंतरजाल कहा जाता है। अंतरजाल इसलिए कहा जाता है। क्योंकि वे कई कंप्यूटर (Computer) से जुड़ा एक वैश्विक विस्तृत नेटवर्क है । इससे कई लोग, संगठन, हॉस्पिटल, विश्वविद्यालय, संस्थान, रेलवे आदि सरकारी और निजी कंप्यूटर आपस में जुड़े हुए है । इंटरनेट से जुड़े हुए कंप्यूटर में नेटवर्क नियमों (Internet Protocol) के माध्यम से सूचना का आदान-प्रदान करते हैं । आज विश्व के किसी भी कोने में बैठा इंसान नेटवर्क की मदद से पैसों से लेकर खरीदी तक आसानी से कर सकता है। सूचना की प्राप्ति से लेकर मेंटौर की भूमिका भी अच्छी तरीके से करता है ।

इंटरनेट की शुरुआत

इंटरनेट की शुरुआत एवं स्थापना अमेरिका के रक्षा, विभाग ने की थी । स्थापना का मूल उद्देश्य रक्षा संबंधी सूचनाओं कोई एक कंप्यूटर से हजारों मील दूसरे कंप्यूटर तक पहुँचना था । अमेरिका का यह प्रयोग अपेक्षा से ज्यादा सफल रहा । “इंटरनेट वस्तुतः सूचनाओं के आदान-प्रदान की तीव्रतम व्यवस्था है जो सम्पूर्ण दुनिया को एक स्तर पर लाता है | रेलवे का नेटवर्क, दूरभाष का नेटवर्क इत्यादि के संदर्भ में तो पता ही होगा | उसी प्रकार जब दो या दो से अधिक कम्प्यूटरों का नेटवर्क का जाल हो तो ऐसे कंप्यूटर नेटवर्क कहलाते है।" "

सबसे पहले इंटरनेट को आर्प नेट कहा गया था । फिर भी, इसका प्रयोग विश्वविद्यालय, रेलवे, डाक आदि सरकारी संस्थान करने लगी तो इसका नाम रूपांतरित होकर इंटरनेट किया गया । इंटरनेट को आज के समय में यदि परिभाषित करना चाहे तो केवल यह कह सकते हैं कि – “यह दुनिया भर में फैले लाखों कंप्यूटर नेटवर्क हैं। इससे सभी कंप्यूटर आपस में जुड़े रहते हैं तथा आपस में किसी भी तरह की सूचनाओं का आदान-प्रदान शीघ्रता से कर लेते है । इसलिए इंटरनेट को सुपर हाइवे भी कहा जाता है । "

इंटरनेट का जन्म वर्तमान से 58 वर्ष पूर्व हुआ था । तब उसका 30 स्वां जन्मदिन के उपलक्षय पर सितम्बर के प्रथम सप्ताह में लॉस एंजलिस के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में समारोह को आयोजित किया गया। इस अवसर पर इंटरनेट के विशेषज्ञों ने 30 वर्ष की यात्रा के स्तरों को एक के बाद एक याद किए गए । तत्कालीन समारोह में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के आचार्य लियोनार्ड क्लायिराक मौजूद थे। ऐसे इंटरनेट के पिता लियोनार्ड को कहा जाता है।

आचार्य लियोनार्ड एवं उनके मित्रों ने सितम्बर 1969 में दो कंप्यूटर के मध्य संवाद कायम करने में सफल हुए थे । यह संवाद प्रशीतन के आकार के एक सटर के माध्यम से बने थे। जिसे इंटरफेस मैसेल आचार्य कहा गया है पर वास्तव में देखा जाए तो दो कंप्यूटर के मध्य में संवाद 20 अक्तूबर 1969 में किया गया । इसलिए अधिकतर लोगों की यह मान्यता है कि इंटरनेट की सालगिरह 20 अक्तूबर के दिन ही मनाया जाए ।

इंटरनेट एक ऐसा माध्यम बन गया है जिस पर हम सभी हर कार्य कर सकते हैं । सवेरे की शुरुआत से लेकर रात्रि तक कुछ न कुछ कार्य हम नेटवर्क की मदद से करते है । सवेरे का समाचार-पत्र, फिल्म देखना या उसके टीकेट, गाने, बस और ट्रेन का समय, खाना पकाना, क्रिकेट का स्कोर, ख़रीदारी करना, हर चीज हम घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से कर सकते हैं। कंप्यूटर के बारे में हम जानते हैं कि चाहे मित्र हो या आवाज कंप्यूटर हमेशा एक फाइल के रूप में कार्य करता है। फाइल के रूप में समझता है और अन्य को समझाता है । वही फाइल नेटवर्क की जान है | कुछ सैकंड में आप फाइल को स्थानांतरित कर सकते है । राष्ट्र की सीमा मनुष्यों के लिए होती है। इंटरनेट के लिए किसी देश की कोई सीमा नहीं है। आप जो चाहे वह मनचाही सूचना किसी भी देश के किसी भी व्यक्ति को भेज सकते हो एवं वहाँ से मंगाया जा सकता है | जिसके पास इंटरनेट कनैक्शन है, वह किसी भी रुकावट के या किसी की चिंता किए बिना कोई भी सूचना को अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से भेज सकता है एवं मंगवाया जा सकता है । 

आज मोबाइल में भी इंटरनेट के माध्यम से इन्स्टाग्राम, ट्विटर जैसी एप्लिकेशन के माध्यम से फ्री में संदेश एवं विडियो कॉल भी किया जा सकता है आज विश्व की सभी कंप्यूटर कंपनियाँ नेटवर्क के विकसित क्रम में लगी है। ऐसी जो कंपनियाँ है उन्होने मोड्यूम एवं आसानी से प्रयोग किए जाने वाले सॉफ्टवेयर का विकास किया है जिससे इंटरनेट तीव्र गति से अपना कार्य कर सके । थोड़े समय पूर्व 2जी की गति थी । उसके पश्चात 3जी एवं 4जी गति थी । आज कुछ देशों में 5जी की शुरुआत हो चुकी है और कुछ में तैयारी चल रही है। नेटवर्क में गति लाने में माइक्रोसॉफ़्ट कंपनी का नाम सर्वोपरि है | 

इंटरनेट अंतरजाल वर्तमान में लगभग 30,000 से अधिक अंतरजाल के द्वारा तकरीबन 160 से भी अधिक राष्ट्रों को आपस में जोड़ रखा है । आज करोड़ो की तादाद में लोग इंटरनेट से जुड़े हुए हैं और दैनंदिन लाखों लोग इससे जुड़े रहते है। "इंटरनेट में आवाज, चित्र, गति आदि को डालने के लिए मल्टी मीडिया का विकास हुआ जिसके साथ इंटरनेट के प्रति आकर्षण लोगो के मध्य तेजी से बढ़ा है। "

इंटरनेट केवल अंतरजाल नहीं है अपितु अंतरजालों का अंतरजाल है जो मुफ्त में सूचना व आवश्यक जानकारियों का प्रेषण सम्प्रेषण करता है । वर्ष 1833 में सबसे पहले चार्ल्स बादगी ने कैल्कुलेटर का आविष्कार किया था । इसके पश्चात एक-एक करके कई विद्युत माध्यमों का विकास हुआ है। इसे सेंटर में रखकर ही कंप्यूटर को विकसित किया गया तत्पश्चात इंटरनेट । आज पूरी दुनिया में कंप्यूटर एवं इंटरनेट की जय-जयकार है। इसके बाद में इंटरनेट की दिवानगी ऐसी बढ़ी है कि वर्ष 1997 में संयुक्त राज्य अमेरिका में इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या दुगनी रफ्तार से बढ़ी है ।

इंटरनेट के प्रयोग

अमेरिकी रक्षा विभाग ने यूसीएलए तथा स्टैनफोर्ड अनुसंधान संस्थान के कम्प्यूटर्स की आपस में नेटवर्किंग करके सन् 1969 इंटरनेट की संरचना की थी । उसके बाद 1979 में ब्रिटिश डाकघर ने पहला अंतरराष्ट्रीय कम्प्यूटर नेटवर्क बनाया, जिसका उपयोग कर नई प्रौद्योगिकी का आरंभ कर दिया गया। फिर इसके बाद कम्प्यूटर तकनीकी में अत्यधिक तेजी से विकास शुरू हो गया। सन् 1980 में बिल गेट्स की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने अपना ऑपरेटिंग सिस्टम आईबीएम के कम्प्यूटर्स पर लगाने का सौदा तय किया ।

सन् 1984 में एप्पल कंपनी ने कम्प्यूटर को ग्राफिक्स, फाइलों और फोल्डर्स, ड्रॉप डाउन मेनू, माउस आदि सुविधा से युक्त कर उस युग के बेहतरीन सफल कम्प्यूटर का निर्माण किया । आज के समय में हम लोग जो अपने बिजनेस के लिए इंटरनेट वेबसाइट्स, वेब पेजेस का उपयोग करते है, उसका आविष्कार टिम बर्नर्स ली ने किया। यह इंटरनेट की दुनिया का एक महान आविष्कार था । टिम बर्नर्स ली ने इंटरनेट का संचालन सुविधाजनक करने के लिए ब्राउजरों, पन्नों और लिंक का उपयोग कर वर्ल्ड वाइड वेब बनाया। गूगल ने सन् 1996 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक अनुसंधान परियोजना शुरू की, जो दो साल बाद औपचारिक रूप से काम करने लग गया। उसके बाद 2009 डॉ. स्टीफन वोल्फरैम ने वोल्फरैम अल्फा लांच किया ।

इंटरनेट आज के समय में हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। पूरी दुनिया आज इंटरनेट के माध्यम से आपस में जुड़ी हुई है। कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां इंटरनेट का प्रयोग नहीं किया जा रहा हो। इंटरनेट के माध्यम से कई सारी सुविधाओं का प्रयोग अपने कम्प्यूटर या फोन पर किया गया जा सकता है।

  1. आप किसी को भी मैसेज भेज सकते हैं।
  2. आपस में बातचीत कर सकते हैं ।
  3. नये दोस्त बना सकते हैं ।
  4. घर बैठे ही ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं
  5. टैक्स का भुगतान कर सकते हैं।
  6. ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं, जिसे ई-लर्निंग भी कहते हैं।
  7. ऑनलाइन गेम्स खेल सकते हैं।
  8. एफएम रेडियो पर गाने सुन सकते हैं।
  9. पसंदीदा मूवी सीरियल देख सकते हैं।
  10. समाचार–पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तकें पढ़ सकते हैं।
  11. मोबाइल, फोन, बिजली, डिजिटल टीवी आदि के बिलों का भुगतान कर सकते हैं या ऑनलाइन रीचार्ज कर सकते हैं।
  12. किसी दूसरे शहर / प्रान्त / देश में बैठे व्यक्ति से वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर सकते हैं।
  13. इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग कर देश या विदेश कहीं भी सेकंड में रुपए भेज सकते हैं या अपने खाते के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  14. अपने कम्प्यूटर के फोटो और वीडियो या अन्य जरूरी फाइलों को भी ऑनलाइन स्टोर कर सकते हैं ।
  15. किसी भी जगह या स्थान की जानकारी या नक्शा प्राप्त कर सकते हैं ।
  16. खाना बनाने या नए व्यंजन बनाने सम्बन्धी जानकारी प्राप्त करते हैं ।
  17. आप ऑनलाइन टीवी भी देख सकते हैं या लाइव क्रिकेट का आनन्द उठा सकते हैं।
  18. सोशल नेटवर्किंग साइट का हिस्सा बन अपने विचारों को दोस्तों और समूहों में बांट सकते हैं।

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