सौन्दर्य प्रसाधन क्या है

सौन्दर्य प्रसाधन ऐसे पदार्थ (वस्तु) या उत्पाद को कहते है जो मानव शरीर के सौन्दर्य को बढ़ाने एवं वर्तमान सौन्दर्य को बनाये रखने के लिए या सुगंधित करने के काम में आते है । शरीर के विभिन्न अंगो का सौन्दर्य अथवा मोहकता बढ़ाने के लिए या उनको स्वच्छ रखने के लिये शरीर पर लगाई जाने वाली वस्तुओं को सौन्दर्य प्रसाधन (कॉस्मेटिक) कहते है। यह आमतौर पर रासायनिक यौगिकों के मिश्रण होते है। कुछ प्राकृतिक स्त्रोत जैसे : विभिन्न प्रकार के तेल जैसे - नारियल, आंवला, अरंडी, आदि का तेल गुलाब की पत्तियाँ, चंदन, दूध, फल, फूल नीम, मक्खन, मलाई, शहद आदि से तैयार किये जाते है, और कुछ कृत्रिम भी होते है। नख से लेकर सिर तक के सौन्दर्य को निखारने के लिए कई वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। शरीर के किसी अंग पर सौन्दर्य प्रसाधन लगाने को 'मेक-अप' कहते है।

सौन्दर्य प्रसाधन सामान्यत : त्वचा,बालों, होठों, आँखों और नाखुनों को सुन्दर और स्वस्थ बनाने के काम में लाए जाते है। सौन्दर्य प्रसाधन चेहरे एवं संपूर्ण शरीर की छवि को बदलने का प्रयत्न करती है। यह किसी प्रकार की कमी को ढकने या छिपाने के साथ-साथ सुंदरता को उभारने का काम भी करती है। सामान्य सौन्दर्य प्रसाधनों में लिपिस्टिक, मस्करा, काजल, क्रीम, पावडर, बॉडी लोशन, मॉइस्चराइजर, फेस वॉश, शेम्पू, कंडीशनर आदि । हेयर स्टाइलिंग उत्पाद जैसे : हेयर जेल, हेयर स्प्रे, हेयर कलर, हेयर ऑयल आदि। सुगंधित उत्पाद जैसे : परफ्युम डियो, इत्र आदि भी शामिल होते हैं। विभिन्न प्रकार के सौन्दर्य प्रसाधन का प्रयोग कर मनुष्य अपने को आकर्षक एवं प्रभावी बनाता है।

सौन्दर्य प्रसाधन के प्रकार

1. त्वचा संबंधी सौन्दर्य प्रसाधन :

टेलकम पाउडर, मॉइस्चराइजर, कोल्ड क्रीम बॉडी लोशन, फेस वॉश, प्राइमर, फाउंडेशन,कंसीलर, सनस्क्रीन लोशन, क्लीनजिंग मिल्क, साबुन आदि ।

1. टेलकम पाउडर : यह सुगंधित पाउडर होता है जिसे नहाने के उपरांत शरीर पर लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है। क्योंकि ये पसीने की बदबू मिटाने के साथ-साथ खुजली में भी काम आता है। साथ ही इसका इस्तेमाल चेहरे पर भी लगाने के लिए किया जाता है। इसे मेकअप बेस के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यह मेकअप से होने वाली चिपचिपाहट व चेहरे को तेलीय होने से बचाता है। टेलकम पाउडर का प्रयोग सभी वर्ग के द्वारा किया जाता है । यह सौन्दर्य प्रसाधन लगभग सभी घरों में पाया जाता है।

2. मॉइस्चराइजर : वह क्रीम, ऑयल या लोशन जो स्किन (त्वचा) के रूखेपन को कम करता है या उसे नमी प्रदान करता है, मॉइस्चराइजर कहलाता है। इसे नमी प्रदायक क्रीम भी कहते है। स्किन को हाइड्रेट एवं स्वस्थ रखने के लिए, सुंदर, कोमल, मुलायम, स्वस्थ एवं पानी की कमी को दूर करने के लिए मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके प्रयोग से त्वचा स्वस्थ रहती है और लंबे समय तक जवां दिखती है, चेहरे की झुर्रियां कम होती है। यह चेहरे के रोमछिद्रों को बंद नहीं होने देता है, जिसके कारण त्वचा शुष्क नहीं दिखाई देती है। इसके प्रयोग से बेजान त्वचा से मुक्ति मिलती है और चेहरे पर चकत्तो एवं एजिंग के धब्बों एवं निशानों को भी दूर करता है। इसे लगाने से रूखी एवं तैलीय त्वचा की परेशानी से भी छुटकारा मिलता है।

3. कोल्ड क्रीम : खासकर सर्दियों के मौसम में त्वचा (स्किन) की प्रोटेक्शन (रक्षा) करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इसके लगाने से त्वचा फटती नहीं है, और मॉश्चर भी रहता है जो कि त्वचा के लिए बहुत जरूरी होता है। ठंड के मौसम में अधिकतर लोग इसका प्रयोग करते है।

4. फेस वॉश : चेहरे की बाहरी धुल-कण, तेल या मेकअप को हटाने के लिए फेस वॉश का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे त्वचा साफ, स्वच्छ एवं स्वस्थ रहती है। साबुन से चेहरे धोने की तुलना में फेस वॉश से चेहरा धोना ज्यादा अच्छा माना जाता है। यह त्वचा की रंगत को बढ़ाता है ।

5. प्राइमर : प्राइमर मेकअप में सबसे पहला और बेस बनाने के लिए मुख्य सौन्दर्य प्रसाधन होता है। चेहरे पर मेकअप करने से पहले जिसका प्रयोग किया जाता है। उसे प्राइमर कहते है। प्राइमर का प्रयोग करने से मेकअप ज्यादा देर तक टिका रहता है। अर्थात मेकअप को बिगड़ने से रोकता है। इसके बाद ही अन्य सौन्दर्य प्रसाधन को चेहरे की त्वचा पर लगाया जाता है।

6. फाउंडेशन : त्वचा की खराबियों अर्थात चेहरे के दाग-धब्बों को छिपाने के लिए, आंखों के नीचे डाक्र सक्रल को छिपाने के लिए जिसका प्रयोग किया जाता है उसे फाउंडेशन कहते है। फाउंडेशन का प्रयोग चेहरे को गोरा और चमक लाने के लिए किया जाता है। फाउंडेशन कई शेड में मिलते है जिसे अपनी स्किन टोन के आधार पर उपयोग किया जाता है।

7. कंसीलर : फाउंडेशन के बाद भी यदि चेहरे पर दाग-धब्बे, एक्ने, डाक्र सक्रल आदि दिखाई दे रहे हो तो इन्हें छिपाने के लिए जिस सौन्दर्य प्रसाधन का प्रयोग किया जाता है, उसे कंसीलर कहते है। यह दैनिक प्रयोग में नहीं लाया जाता है। इसे यदाकदा ही प्रयोग किया जाता है। इसके प्रयोग से त्वचा की टोन एक जैसी हो जाती है। चेहरे पर दाग धब्बे नही दिखाई देते है।

8. सनस्क्रीन लोशन : वह क्रीम या लोशन जो त्वचा (स्किन) को धूप से बचाने के लिए लगाया जाता है, उसे सनस्क्रीन लोशन कहते है। इसमे सूर्य की यूवी अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने के गुण होते है जिससे यह धूप से त्वचा को जलने से बचाता है। और स्किन को खराब नहीं होने देता है। सामान्यत: घर से बाहर निकलने पर ही सनस्क्रीन लोशन लगाया जाता है।

9. क्लीनजिंग मिल्क : मेकअप करने से पहले चेहरे को साफ करने के लिए क्लीनजिंग मिल्क का उपयोग किया जाता है। यह दूध की तरह होता है। इसे रूई के फाहे की मदद से चेहरे पर लगाया जाता है। इसके लगाने से चेहरे का मेल फाहे में उतर जाता है एवं त्वचा (स्किन) साफ - सुथरी हो जाती है। यह तैलीय त्वचा के लिए अधिक उपयोगी रहता है। क्योंकि यह त्वचा का तेल रिमुव करता है।

10. नौरिशिंग क्रीम : ये चेहरे की त्वचा की अच्छी हेल्थ के लिए बहुत जरूरी होता है। ये त्वचा को स्वस्थ रखता है, और त्वचा मुलायम, फ्रेश और चमकदार बनती है। नौरिशिंग क्रीम से त्वचा को पोषण मिलता है। जिससे त्वचा लंबे समय तक जवां रहती है। बेजान नहीं होती है।

2. बालों संबंधी सौन्दर्य प्रसाधन :

शैंपू, कंडीशनर, साबुन, हेयर जेल, हेयर स्प्रे, हेयर कलर, हेयर ऑयल, हेयर टॉनिक, हिना आदि ।

1. शैंपू : शैंपू बालों एवं सिर की सफाई करने का एक सौन्दर्य प्रसाधन उत्पाद है। जिसे लगाकर बालों से तेल, मिट्टी, रूसी आदि को बालों से हटाने के लिए उपयोग किया जाता है। इससे बाल मजबुत, चिकने एवं घने होते है। बालों को झड़ने से रोकते है। बालों को स्वस्थ, लंबे व घने बनाने के लिए इसमे जरूरी पोषक तत्व होते है।

2. कंडीशनर : कंडीशनर बालों की देखभाल संबंधी उत्पाद है। बालों में शैंपू का प्रयोग करने के बाद बालों में चमक लाने के लिए कंडीशनर का प्रयोग किया जाता है। इसके लगाने से बाल मुलायम एवं चमकदार होते है एवं कंडीशनर लगाने से बालों को संवारना सरल हो जाता है। खूबसूरत बाल व्यक्तित्व में चार-चांद लगा देते है। हेयर 

3. स्प्रे : हेयर स्टाइल बनाने के बाद हेयर स्प्रे छिड़कने से बाल जम जाते है। और हवा में भी खराब नहीं होते है। एक बार बाल को जैसे सेट कर लिया जाता है वह वैसे ही सेट रहते है ।

4. हेयर कलर : बालों की खूबसूरती के लिए हेयर कलर का उपयोग आज के समय की एक आम फैशन है। सामान्यत : बालों के सफेद होने से बचाने या छिपाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। परन्तु आजकल बालों को नए-नए कलर देने के लिए भी इसका प्रयोग करने लगे है। इसके प्रयोग से बालों को कम समय में रंगा जा सकता है।

5. हेयर ऑयल : यह बालों में लगाये जाने वाला तेल है। इसके प्रयोग से बालों से संबंधित समस्याएं जैसे-डैंड्रफ, ड्रायनेस और बाल झड़ना आदि कम या समाप्त की जा सकती है। हेयर ऑयल के प्रयोग से बाल काले, घने, लंबे और मजबूत होते है। हेयर ऑयल कई प्रकार के होते है जैसे - नारियल, ऑलिव, बादाम, आंवला, अरंडी आदि। यह सिर्फ बालों को ही स्वस्थ नहीं रखता बल्कि तनाव भी दूर करता है। सिर को ठंडक भी प्रदान करता है।

6. हिना : बालों को रंगने या चमक लाने के लिए हिना ( मेहंदी ) को लगाया जाता है। यह बालों को कंडीशनिंग एवं मजबूती देता है। यह बालों की जड़ो को नमी एवं ठण्डक देती है। बालों में हिना करने से डैंड्रफ, बालों की गंदगी अर्थात बालों की जड़ से सफाई होती है। मेहंदी में अंडा, दही, कत्था, मेथीदाना, कॉफी आदि को मिलाकर मिश्रण तैयार किया जाता है, या तो फिर बाजार से तैयार मिश्रण भी लाया जाता है। जिसका लेप बालों में कुछ समय तक लगा कर रखा जाता है। बालों को धोने के बाद यह अपना रंग छोड़ देती है।

3. नाखुन संबंधी सौन्दर्य प्रसाधन :

नेल पॉलिश, नेल रिमुवर, नेल आर्ट आदि।

1. नेल पॉलिश : इसे इनेमल भी कहा जाता है। इस तरल प्रसाधन का प्रयोग नाखूनों को रंग एवं चमक प्रदान करने हेतु किया जाता है। यह विभिन्न रंगों में उपलब्ध होती है

जैसे-लाल, नीला, पीला, हरा, गुलाबी, काला आदि। इसे सामान्यत : दो कोट के रूप में लगाया जाता है। एक कोट के सूखने पर दूसरा कोट लगाया जाता है।

2. नेल रिमूवर : नाखूनों से पुरानी नेल पॉलिश हटाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। नेल पॉलिश को पतला करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसका प्रयोग कर बदल-बदल कर नेल पॉलिश लगाई जा सकती है। 

3. नेल आर्ट : नाखूनों पर तरह-तरह की डिजाइन या आकार बनाने के लिए नेल आर्ट का प्रयोग किया जाता है। अपने मनपसंद रंग से मनपसंद डिजाइन बनाकर नाखूनों को नया लुक दिया जाता है। यह आजकल बहुत प्रचलन में है। इससे नाखून बहुत खूबसुरत दिखाई देते है।

4. मुख संबंधी सौन्दर्य प्रसाधन :

माउथवॉश, टूथ पेस्ट आदि ।

1. माउथवॉश : माउथवॉश एक मुख संबंधी प्रसाधन है, जिसका इस्तेमाल दांतों की सफाई करने एवं मुंह की दुर्गंध (बदबू) को खत्म करने के लिए किया जाता है। यह मुंह में पनपने वाले बैक्टीरिया (जीवाणु) को बढ़ने से रोकता है। यह दांतो को ओरल केविटी से बचाता है। एवं मुंह में पीएच लेवल को मेंटेन रखने में मदद करता है। यह मुख को दुर्गंध रहित एवं स्वस्थ बनाता है।

2. टूथ पेस्ट : टूथ पेस्ट दांतों को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे दांत के ब्रश पर लगाकर या ऊंगली पर लगाकर दांतों पर रगड़ा जाता है। जिससे दांत सफेद, चमकीले एवं मजबूत बनते है। टूथ पेस्ट दांतों से बैक्टीरिया (जीवाणु) को हटाने, मसूड़ों की बीमारी, मुंह से दुर्गंध, दांत क्षय आदि को रोकने में मदद करता है। अर्थात दांत संबंधी समस्याओं को दुर कर दांतों को स्वस्थ बनाता है।

5. आंख संबंधी सौन्दर्य प्रसाधन :

आई लाइनर, काजल, आई शैडो, आई ब्रो पेंसिल, मस्करा आदि।

1. आई लाइनर : आई लिड के सिरों पर लगाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। जिससे आंखे आकर्षक एवं बड़ी दिखती है। यह तरल एवं सूखे दोनों रूपों में मिलता है। जिसे बहुत सावधानीपूवक्र लगाना पड़ता है । लगाने के लिए अभ्यास की आवश्यकता होती है। हर कोई इसे आसानी से नहीं लगा सकता है। आई लाइनर कई रंगों में उपलब्ध होते है जैसे- ब्लु, ब्राउन, ब्लेक एवं ग्रे रंग आदि ।

2. काजल : काजल एक ऐसा सौन्दर्य प्रसाधन है जिसका प्रयोग काफी लंबे समय से होता आ रहा है। यह आंखों में लगाने का काले रंग का भारतीय प्रसाधन है। यह आंखों को स्वस्थ एवं आकर्षित बनाता है। इसे लगाने से आंखे बड़ी-बड़ी दिखाई देती है। आंखों को उभारने के लिए इसका प्रयोग मेकअप में किया जाता है। 

3. आई शैडो : यह सौन्दर्य प्रसाधन आंखों के श्रंगार में चार चांद लगा देता है। इसे आई लैशिज के पास से पलकों के बीच तक लगाया जाता है। जिससे भौहें ऊंची दिखाई देती है। यह विभिन्न रंगों में मिलते है। जिसे कपड़ों के रंगों के आधार पर चयन कर लगाया जाता है। यह तरल एवं सूखा दोनों रूपों में मिलता है। जिसे ब्रश की सहायता से लगाया जाता है। 

4. आई ब्रो पेंसिल : आई ब्रो (भोंहों) को सही आकार प्रदान करने के लिए तथा हल्की आई ब्रो (भोंहों) को गहरा रंग देने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। मस्करा :

आंखों को आकर्षक एवं ड्रामेटिक लुक देने के लिए मस्करा का इस्तेमाल किया जाता है। यह तरल एवं सूखा दोनों प्रकार के मिलते है। तरल मस्करा लोकेटर की मदद से एवं सूखा मस्करा ब्रश से लगाया जाता है। वाटरप्रुफ मस्करा

भी बाजार में उपलब्ध होता है। यह कई रंगों में मिलता है जैसे- काला, भूरा एवं नीला आदि ।

6. होंठ संबंधी सौन्दर्य प्रसाधन :

लिपिस्टिक, लिपबाम, लिपलाइनर, लिप ग्लॉस आदि ।

1. लिपिस्टिक : लिपिस्टिक एक ऐसा सौन्दर्य प्रसाधन है जिसका प्रयोग महिलाओं द्वारा होठों को रंगने और उसकी बनावट को सुधारने के लिए किया जाता है। यह होठों को एक खूबसूरत लुक प्रदान करती है इसे लगाने से किसी भी नारी की सुंदरता बहुत बढ़ जाती है। इसके बिना मेकअप को अधुरा माना जाता है। यह स्टिक एवं लिक्विड दोनों में मिलती है। लिपिस्टिक कई प्रकार की होती है जैसे—क्रेयान, मैट, शीयर, क्रेप, ग्लॉसी आदि। यह कई रंगों में मिलती है। जिसे अपनी पसंद से चुना जा सकता है।

2. लिपबाम : यह होठों पर लगाये जाने वाला सौन्दर्य प्रसाधन है । होठों को नर्म और मुलायम बनाए रखने के लिए लिपबाम लगाया जाता है। यह होठों को फटने से एवं रूखे होने से बचाता है। साथ ही यह होठों को सूर्य की अल्ट्रावायलेट हानिकारक किरणों से भी बचाता है। लिपबाम अलग-अलग रंग में मिलते है, जैसे- लाल, गुलाबी आदि। यह खुशबू लिये होते है।

3. लिपलाइनर : लिपलाइनर की मदद से होठों को मनचाहा आकार देने के लिए प्रयोग किया जाता है। जिससे लिपिस्टिक लगाने में आसानी होती है। लिपिस्टिक होठों से बाहर अर्थात दिए गए आकार से बाहर नहीं लगती एवं होठों को एक सुंदर आकार मिल जाता है। लिपलाइनर अलग-अलग रंग में मिलते है, जिसे लिपिस्टिक के रंग के साथ चुना जा सकता है।

4. लिप ग्लॉस : लिप ग्लॉस लिपिस्टिक लगाने के बाद लगाया जाता है। इससे लिपिस्टिक का रंग नहीं बदलता है, सिर्फ होठ रसभरे बनते है । एवं चमकीले दिखते है। यह अलग-अलग रंग एवं अलग-अलग खुशबू लिये होते है । लिप ग्लॉस में लिपिस्टिक एवं लिपबाम दोनों के गुण होते है । यह होठों को लिपिस्टिक की तरह रंग भी देता है साथ ही लिप बाम की तरह होठों को नमी भी देता है। लिप ग्लॉस को सर्दियों के मौसम में लगाने की जरूरत अधिक पड़ती है।

7. सुगंधित संबंधी सौन्दर्य प्रसाधन :

डिओडरेंट , परफ्युम, इत्र आदि ।

1. डिओडरेंट : यह एक दुर्गन्ध दूर करने वाला सुगंधित तरल पदार्थ है । यह शरीर में गंध (बदबू) को रोकने के लिए लगाया जाता है। सामान्यत : बगलों में पसीना न आने के लिए इसे लगाया जाता है। इसमे फ्रेग्रेंस या खुशबू होती है। यह सिर्फ पसीने को निकलने से रोकता ही नहीं है बल्कि पसीने की चिपचिप से होने वाली उलझन से भी राहत देता है। यह बॉडी पर लगाया जाता है। 

2. परफ्युम : यह एक महंगा सुगंधित उत्पाद माना जाता है। जिसमे अल्कोहल की मात्रा अधिक होती है। परफ्युम को कपड़ो पर लगाया जाता है। देर तक खुशबू रखने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह शराब, फूल, पशु पदार्थ, सिंथेटिक रसायन आदि से तैयार किया जाता है।

3. इत्र : यह सबसे पुराना प्राकृतिक सुगंधित उत्पाद है। इसे सीधे शरीर पर छिड़का जा सकता है। कलाई के पीछे, कान के पीछे, बाजुओं में, गर्दन के पीछे एवं शरीर के कई हिस्सों में सीधे लगाया जा सकता है। इसकी खुशबू लंबे समय तक रहती है। इत्र को फूल, जड़ी-बूटी, मसाले एवं प्राकृतिक सामग्री से तैयार किया जाता है। इसे सीधे शरीर पर छिड़का जा सकता है क्योंकि इसमे किसी भी प्रकार की शराब (अल्कोहल) नहीं मिलायी जाती है।

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