तुर्की भाषा का शब्द हरम अरबी के हारूमा से निष्पन्न हुआ । जिसका अर्थ होता है प्रतिबन्धित, अनुमत या अवैध, पर साथ-ही-साथ, पूरी तरह सुरक्षित और अलंघ्य । इस शब्द का इसके अर्थ की उपेक्षा करते हुए जितना प्रयोग हुआ है उतना किसी और शब्द का न हुआ होगा । साधारणतः इसका अर्थ घर के एक भाग के रूप में किया गया है या इस महल के अर्थ में, जहाँ कि महिलाएँ रहती हों। समीक्षाधीन अवधि में कुछ सुल्तान और हिन्दू राजा और साथ ही कुलीन लोग भी अत्यन्त वासना पूर्ण और रंगीन जीवन बिताते थे । जैसा कि ऐतिहासिक साक्ष्यों से पता चलता है, उन लोगों के अवकाश का अधिकांश समय महिलाओं और रखेलिनों के साथ रंग-रेलियों में ही बितता था । उन लोगों में से कुछ अपने नियमित विभाग रखते थे जहाँ से उन्हें अत्यन्त रूपवती स्त्रियों की आपूर्ति हुआ करती थी । वे ऐसा अपनी अतिरिक्त कामुकता की तृप्ति के लिए किया करते थे । उस समय हरम का अर्थ महिलाओं के उस समूह को, उन महिलाओं से जो पर्दे में रखी जाती थीं, पृथक् के रूप में वर्णित करने के लिए किया जाता था । हरम में शासक की पत्नियों और रखेलिनों के अतिरिक्त अन्य महिलाएँ रहती थीं । उनमें उन लोगों की माताएँ, बहनें और अन्य सम्बन्धी महिलाएँ रहती थीं । उस अवधि में शाही हरम में कौन-कौन सी महिलाएँ रहती थीं इस सम्बन्ध में कोई निश्चित धारणा अभी तक नहीं बनायी जा सकी । भीतरी तौर में शाही हरम का पर्यवेक्षण 'हकीमा' के प्रबन्धिका (गवर्नेस) करती थी, जो किसी सरदार के परिवार की होती थीं और बाहर से उसका पर्यवेक्षण हिजड़ा करता था ।
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हरम प्रथा