पर्यावरण शिक्षा क्या है ?

पृथ्वी पर रहने वाले मानव को यह ज्ञान कराना कि इसके कृत्यों से ही पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, विशाल प्राकृतिक संसाधनों के भंडार वाली पृथ्वी रिक्त हो चली है, भविष्य की बात तो दूर, वर्तमान पीढ़ी का जीवन भी कठिन हो गया है। इस स्थिति पर नियंत्रण करके भावी विनाश को रोका जा सकता है। लोगों को समझना होगा, कि पर्यावरण को संतुलित रखना आज की आवश्यकता है, और उसे उन्हें ही पूरा करना है। पर्यावरण के संदर्भ में यहां सूचनायें प्राप्त करना अथवा उपलब्ध कराना ही पर्यावरणीय शिक्षा है।

“पर्यावरणीय शिक्षा वस्तुतः विश्व समुदाय को पर्यावरण के संबंध में दी जाने वाली वह शिक्षा है, जिससे वे समस्याओं से अवगत होकर उनका हल खोज सके और साथ ही भविष्य में आने वाली समस्याओं को रोक सके ।"

पर्यावरण शिक्षा वह शिक्षा है जो पर्यावरण के माध्यम से पर्यावरण के विषय में तथा पर्यावरण के लिये होती है। पर्यावरणीय शिक्षा व्यक्ति को पर्यावरण से अनुकूल करना ही नहीं सिखाती वरन् उसे पर्यावरण को अपने अनुकूल बदलने के लिये भी प्रशिक्षित करती है।

यह व्यक्ति को पर्यावरण पर नियंत्रण रखने की क्षमता प्रदान करती है। पर्यावरणीय शिक्षा व्यक्ति को पर्यावरण संबंधी समस्याओं का ज्ञान तथा मूल्यों के विकास द्वारा जीवन के लिये तैयार करती है फिनिशि नेशनल कमीशन के अनुसार, “पर्यावरणीय शिक्षा पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्यों को लागू करने का एक ढंग है, यह विज्ञान की एक पृथक शाखा या पृथक अध्ययन विषय नहीं है। इसको जीवन पर्यनत एकीकृत शिक्षा के सिद्धान्त के रूप में लागू किया जाना चाहिये ।

एन.सी.ई.आर.टी. के ड्राफ्ट के अनुसार, "पर्यावरणीय शिक्षा मानव का एक सामाजिक प्राणी के रूप में अध्ययन करती है। यह मानव से एवं उसके वातावरण से संबंधित है

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