रघुनाथ दास गोस्वामी का जीवन परिचय

रघुनाथ दास गोस्वामी का जन्म 1494 ई. को बंगाल के हुगली जिले के धार्मिक कायस्थ परिवार में यहाँ हुआ था। श्री चैतन्य के चरित्र से प्रभावित होकर इन्होंने गृह त्याग कर दिया था । अनेक कष्ट झेलते हुये भी ये नीलाचल श्री चैतन्य से मिले। श्री चैतन्य ने प्रसन्न होकर अपने अन्तरंग शिष्य दामोदर की देखरेख में इन्हें सौंप दिया। वैराग्य व विनय की अत्यधिक भावना से प्रभावित होकर श्री चैतन्य ने इन्हें अपनी गुंजामाला एवं गोवर्धन शिला दे दी थी जिसे ये उनके तिरोधान के बाद राधाकुण्ड ले आये। श्री कृष्ण दास कविराज इनके प्रिय शिष्य थे। जिन्होंने इनसे प्रोत्साहित होकर जरावस्था कठिन परिश्रम कर श्री चैतन्यामृत चरितामृत नामक ग्रंथ लिखा । 16 वर्ष नीलाचल बिताने के बाद ये वृन्दावन आ गये। वर्ष ब्रज में रहे, वि. संवत् 1640 में इनका देह 16 त्याग माना गया है।

श्री रघुनाथ दास गोस्वामी की रचना

  1. स्तवाली (29 स्तव)
  2. मुक्ता चरित
  3. दानकेलि चिन्तामणि
  4. विलाप कुसुमांजलि

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