शबेबरात का त्यौहार मुस्लिम समुदाय में प्रतिवर्ष शाबान के महीने की पन्द्रहवीं रात को मनाया जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग शबेबरात पर्व में मकानों की सफाई करते हैं, तरह-तरह से सजाते है और 'शीतचंपक' जलाते हैं। शबेबरात के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग पूरी रात जागकर अल्लाह से प्रार्थना करते हैं तथा पवित्र कुरान की आयतों का पाठ करते हैं। इस रात मुस्लिम समुदाय के लोग अपने मृतक सम्बन्धियों के उद्धार तथा उनकी शांति के लिए 'फ़ातिहा' भी पढ़ते हैं ।
हजरत मुहम्मद साहब मक्का वालों के अत्याचार से तंग आकर अपने खुदा के हुकुम से 'मदीना' बस गये थे। सर्वप्रथम यह त्यौहार 'मदीना' में मनाया गया। पैगम्बर खुदा के आगे के चार दाँत टूटे होने की सूचना पर हज़रत अबैश ने अपने सारे दाँत तोड़ लिए तब हज़रत अबैश और पैगम्बर खुदा को कोमल और मीठे भोजन दिये जाने लगे। इसी कारण शबेबरात पर हलवा बनाकर इनके नाम पर फ़ातिहा दिया जाता है
इस त्यौहार को मुस्लिम समुदाय के लोग अलग-अलग तरीके से मनाते है।