मानव जीवन की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान तक मनुष्य एवं जीव जंतु सभी केवल भोजन पर निर्भर करते है । इसका कोई अन्य विकल्प आज तक नहीं हो पाया है। शाकाहारी मनुष्यों के भोजन का एकमात्र साधन कृषि कार्य ही है। आदिकाल से लेकर वर्तमान तक कृषि कार्य करने के तरीके में बहुत से परिवर्तन आये है और मशीनों के उपयोग से, कृषि कार्य करना सरल हुआ है।
सरकार की कृषि के संबंध में नीति यह है कि उन्नतशील बीजों का उपयोग किया जाये, रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ाया जाये, आधुनिक मशीनों तथा कृषि यंत्रों को अधिकाधिक प्रयोग में लाया जाये, सिंचाई की सुविधाएं बढ़ाई जाये, बहुफसली कार्यक्रम अपनाया जाये और कीट व खपतवार नाशकों के उपयोग में वृद्धि की जाये। इसी क्रम में नवीन कृषि, कीटनाशकों, मशीनरी से संबंधित उद्योगो का तीव्र विकास हुआ है।
ग्रामीण भारत में कृषि व उससे जुड़ी सहायक गतिविधियाँ आजीविका का एक प्रमुख साधन है। हम जैसे ही ई-क्रांति के युग में प्रवेश करते है तो यह देखते हैं कि सभी क्षेत्रों में दिन-प्रतिदिन नई खोज और आविष्कार हो रहे । कृषि क्षेत्र में आ रहे बदलाव से किसानों को नियमित रूप से अवगत कराया जाना जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों मे कृषि समुदाय को उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी संबंधी सूचनाओं का प्रचार प्रसार करना, कृषि से संबंधित नवीन उपकरण की जानकारी देना, सही बीज एवं खाद, उर्वरक के उपयोग की जानकारी देना, राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा उनके हित में चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देना, और इनसे कृषि में होने वाला विकास ही कृषि विकास कहलाता है ।