बालिका समृद्धि योजना क्या है बालिका समृद्धि योजना की शुरुआत कब हुई?


बालिका समृद्धि योजना के क्रियान्वयन द्वारा बालिकाओं को त्वरित आर्थिक सहायता मुहैया कराने के साथ ही अब बीमा लाभ की भी सुविधा देकर स्वावलम्बन और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गयी है।
  1. लैंगिक सामाजिक असमानता का निराकरण। 
  2. बालिकाओं को बालकों के ही समान समाज में सम्मानित स्थान दिलाना।
  3. बालिका शिशु के जन्म पर परिवार एवं समाज की पारम्परिक विकृत सोच को बदलना। 
  4. भ्रूण हत्या-बालिका शिशु हत्या को हतोत्साहित कर इसकी प्रभावी रोकथाम करना। 
  5. गरीब परिवारों की बालिकाओं को कुपोषण से बचाना। 
  6. बालिकाओं को अच्छी शिक्षा दिलाकर आत्म निर्भर बनाना। 
  7. बालिकाओं को समानता और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना। 
  8. समाज और प्रदेश के विकास हेतु बालिकाओं की सहभागिता विकसित करना। 
15 अगस्त 1997 को या इसके बाद जन्म लेने वाली शहरी निर्धन बालिका की माता (2 बालिका तक) जो कि गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे परिवार की सदस्य हों, इस योजना हेतु पात्र है शिशु बालिका का जन्म गरीबी रेखा के नीचे के परिवार में होना चाहिये। एक परिवार की केवल दो शिशु बालिकाओं को ही योजना का लाभ अनुमन्य है बालिका के माता पिता की उम्र 60 वर्ष से अधिक न हो। बालिका शिशु जन्म के एक माह के अन्दर बालिका के माता/पिता/संरक्षक को योजना के अधीन सहायता प्रदान की जाती है। बालिका समृद्धि योजना के अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों में बालिका शिशु के पैदा होने के एक माह के अन्तर्गत योजना का लाभ दिया जाता है। 

योजना के अन्तर्गत बालिका शिशु जन्म के एक माह के अन्दर बालिका के माता/पिता/संरक्षक को योजना के अधीन रू. 500 की धनराशि उपलब्ध करायी जाती है। यह धनराशि बालिका शिशु के अभिभावकों को नगद या चैक से नहीं दी जाती है बल्कि इसमें से रू. 400 के मूल्य के राष्ट्रीय बचत पत्र दिये जाते हैं और रू. 95 बीमा प्रिमियम दिया जाता है जो बालिका शिशु की 18 वर्ष की अवधि के रू. 25 हजार के बीमा हेतु दिया जाता है। यह बीमा प्रिमियम 18 वर्ष हेतु एक मुश्त (रू. 95 मात्र) ओरियन्टल इन्श्योरेंश कम्पनी को अदा किया जाता है। ऐसी बालिकाओं के माता पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक न हो। अब बीमा कृत बालिका समृद्धि योजना होने से बालिका के माता-पिता की मृत्यु हो जाने की दशा में भी बच्ची की सामाजिक सुरक्षा और परवरिश की उचित व्यवस्था सुनिश्चित है। बीमा राशि आगे बालिका की शिक्षा/विवाह आदि के लिये वरदान साबित होगी। शिक्षारत बालिका का नियमित छात्र वृत्ति प्रदान करने की भी व्यवस्था है।

बालिका समृद्धि योजना के उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य स्वतंत्रता के 50 वर्षों के बाद उत्पन्न ऐसी बालिकाओं की सहायता करना है जो कि गरीबी रेखा के नीचे निवास करने वाले परिवारों में उत्पन्न हुई है।

इस योजना के अन्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे निवास करने वाले परिवारों की वे बालिकायें जो 15 अगस्त, 1997 या उसके बाद हुई हों, के जन्म के समय 500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। इस धनराशि में से रू0 95 का अग्रिम एक मुश्त प्रीमियम बीमा कम्पनी को भुगतान करके 18 वर्ष के लिए प्रत्येक परिवार की एक बालिका का बीमा कराया जाता है। बीमा योजना के अन्तर्गत यदि अगले 18 वर्षो तक बच्ची के माता/पिता/ अभिभावक में से किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसके नाम रू0 25 हजार की धनराशि जी० आई० सी० ऐसेट मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड में जमा की जायेगी । बीमित धनराशि बालिका को 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के पश्चात यादि वह अविवाहित है तो मय ब्याज भुगतान कर दिया जायेगा । बीमा के अतिरिक्त रू0 400 या राष्ट्रीय बचत पत्र बालिका के नाम से खरीदा जाता है। तथा शेष रू0 5 का नकद भुगतान कर दिया जाता है। इस योजना के अन्तर्गत शिशु बालिका को कक्षा एक से दस तक की पढ़ाई के लिए प्रति वर्ष छात्रवृत्ति भी दिये जाने का प्रावधान है। यह राशि किसी भी प्रकार से नकद नहीं दी जायेगी। बालिका स्कूल जाने पर कक्षा 1-3 तक उसे रू0 300 प्रति वर्ष तथा कक्षा 4 में रू0 500 प्रति वर्ष छात्रवृति प्रदान किया जायेगा । इसी प्रकार कक्षा-5 में रू0 300 प्रति वर्ष तथा कक्षा 4 में रू0 500 प्रति वर्ष छात्रवृति प्रदान किया जायेगा । इसी प्रकार कक्षा-5 में रू0 600 प्रतिवर्ष, कक्षा 6 से 7 तक रूपया 700 प्रतिवर्ष, कक्षा-8 में रूपया 800 प्रतिवर्ष, तथा कक्षा-8 में रू0 800 प्रतिवर्ष, तथा कक्षा 9 से 10 तक रूपया 1,000 प्रतिवर्ष लाभार्थी बालिका एवं एक नामित अधिकारी के संयुक्त खाते में जमा की जायेगी, लोक भविष्य निधि खाता या राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र को अधिक ब्याज दर देने के कारण वरीयता दी जायेगी ।

यह धनराशि 18 वर्ष के पूर्व निकालने पर प्रतिबन्ध है । इस आयु के बाद ग्राम पंचायत के इस आशय के प्रमाण पत्र कि वह बालिका अविवाहित है, निर्गत करने के बाद उत्त धनराशि बालिका द्वारा निकाली जा सकती है। यदि बालिका का विवाह 18 वर्ष के पूर्व हो जाता है तो वह छात्रवृत्ति के लाभ से वंचित को लाभान्वित करने के लिये ले लिया जायेगा ।

बालिका समृद्धि योजना के अन्तर्गत बीमा की शर्तें 

  1. बालिका समृद्धि योजना के अन्तर्गत ऐसी बालिकाओं के माता पिता पात्र नहीं होते हैं जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक न हो। 
  2. माता-पिता दोनों में से किसी एक की दुर्घटना वश मृत्यु हो जाती है तो बीमा कंपनी बालिका के नाम रू. 25000 जमा करेगी। 
  3. बीमा कंपनी उस बालिका के माता-पिता में से किसी एक अथवा उनके अभिभावक या स्वयं बालिका को उस जमा राशि में से उसकी शिक्षा हेतु आवश्यक धनराशि का भुगतान करेगा।
  4. यदि बालिका की शिक्षा 18 वर्ष की आयु तक जारी नहीं रह पाती है तो 18 वर्ष पूरा हाने पर उनके खाते में जमा अवशेष राशि उसको देय होगी। 
  5. यदि बालिका की मृत्यु 18 वर्ष पूर्ण हाने के पहले ही हो जाती है तो बालिका के खाते में जमा अवशेष राशि उसके जीवित माता-पिता अथवा अभिभावक को देय होगी। 
  6. अवशेष धनराशि रू. 400 राष्ट्रीय बचत पत्र के माध्यम से भुगतान किये जाने की व्यवस्था है। 
बालिका समृद्धि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अपने नगरीय निकाय (नगर पंचायत/नगर पालिका परिषद/नगर निगम) कार्यालय से सम्पर्क करें या जिला नगरीय विकास अभिकरण कार्यालय (जो जिला मुख्यालय के नगर निकाय कार्यालय के अन्तर्गत स्थापित है) से पत्र के माध्यम से या स्वयं जाकर योजना की पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। इसके उपरांत आवश्यक दस्तावेजों एवं औपचारिकताओं के साथ के अपना आवेदन पत्र अपनी नगरीय निकाय कार्यालय में जमा करा कर योजना का लाभ प्राप्त करें।

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