जननी शिशु सुरक्षा योजना क्या है? || जननी सुरक्षा योजना के उद्देश्य

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2003 को केन्द्र सरकार द्वारा सम्पूर्ण देश में जननी सुरक्षा योजना एक साथ लागू की गयी है।

जननी सुरक्षा योजना के उद्देश्य

इस योजना का प्रमुख उद्देश्य निर्धनता रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली गर्भवती महिलाओं को मातृत्व के समय सहायता करना है। इस योजना के अन्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं को 6 माह तक निःशुल्क उपचार सुविधायें मुहैया कराये जाने की व्यवस्था है । इस योजना के अन्तर्गत लाभार्थी महिलाओं को आने-जाने के किराये के साथ-साथ पुत्र के जन्म पर 500 रुपये तथा पुत्री के जन्म पर 1,000 रुपये का आर्थिक अनुदान भी सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। योजनान्तर्गत गर्भवती महिलाओं को तीसरे माह से ही निर्धारित स्वास्थ्य केन्द्रों में अपना कराना होगा। यहाँ उन्हें उचित खान-पान, व्यायाम आदि के बारे में मार्गदर्शन दिये जाने तथा आवश्यक विटामिनों की गोलियाँ दिये जाने की व्यवस्था रखा गयी है। साथ ही साथ गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केन्द्र लाने वाली महिला को भी 150 रुपये का पुरस्कार दिये जाने की व्यवस्था रखी गयी है।

वर्ष 2007-08 से प्रदेश में योजनान्तर्गत पात्र परिवारों की महिलाओं को प्रसव के समय ग्रामीण क्षेत्रों में 1400 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। जिसका लाभ ज्यादातर अनुसूचित जाति एवं जनजाति के गरीब महिलाओं को ही पहुँचता है। इस योजना के अन्तर्गत परिवार कल्याण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पार्ट टाइम दाइयों की तैनाती की गयी है। जिसमें अधिकांशतः अनुसूचित जाति, जनजाति की महिलाओं को सम्मिलित किये जाने पर बल दिया गया है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2007-08 में प्रारम्भ की गयी “सौभाग्यवती योजना" के अन्तर्गत जननी सुरक्षा योजना कार्यक्र का लाभ निजी नर्सिंग होम के माध्यम से प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गयी है।

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