पुस्तकों का इतिहास

पुस्तकों का इतिहास 5,500 साल पुराना है, उस समय न तो कागज था न ही कोई छपाई का साधन था । उस समय जो पुस्तकें लिखी जाती थी वो पेड़ों की पतली छालों या ताड़ के पेड़ों के पत्तों पर पतले ब्रुश की सहायता से लिखे जाते थे । 2,500 साल पहले मिस्त्र के लोगों ने च्ंचलतने से कागज बनाने का तरीका आविष्कार किया था । इस खोज से ब्रुश और स्याही से लिखना आसान हो गया था । इसके बाद कागजों को जोड़कर पुस्तकें बनने लगी । 4थीं शताब्दी के मध्य में एक नया बड़ा आविष्कार हुआ जिसमें 1450 ई में. गुटनबर्ग ने छपाई की मशीन का आविष्कार किया । 100 वर्ष पहले चीन ने विभिन्न लकड़ी के छापों का आविष्कार किया परन्तु वह अधिक विकसित नहीं हो पाए ।

गुटनबर्ग ने अपनी पहली पुस्तक मशीनीकरण छपाई की प्रक्रिया के द्वारा छापी । यह 42 पन्नों की एक बाईबल थी । जिसे 1456 ई. में छापा गया था और इसके साथ ही पुस्तकों की जनसंचार के माध्यमों में शुरूआत हुई ।

जल्द ही यूरोप के दूसरे भागों में भी पुस्तकें छपनी शुरू हो गई । 1476 ई. में विलियम कैक्सटॉन ने ईग्लैंण्ड में प्रथम छपाई मशीन स्थापित की और Dictes or sayengis of the philosophes के नाम से पुस्तकें छापी । सन् 1500 में 30,000 से अधिक पुस्तकें यूरोप के सभी भागों में छापी जा चुकी थी । इनमें बहुत सी पुस्तकें धार्मिक एवं दार्शनिक प्रकृति की थी ।

अमेरिका में प्रथम छपाई मशीन 1638 में आई और शीघ्र ही नई कालोनियों में पुस्तकें छपने लगी । लेटर प्रेस व गुटकों आदि का आविष्कार गुटनबर्ग ने किया । सन् 1450 से 1800 के बीच न तो कोई तकनीक में परिवर्तन हुआ और न ही पुस्तक छपने की किसी तकनीक में परिवर्तन आया । उस समय लोग पढे-लिखे भी अधिक नहीं थे । सन् 1800 में अमेरिका में केवल 10 प्रतिशत लोग ही पढ़-लिख सकते थे । पुस्तकों की छपाई में 19वीं शताब्दी तक कोई उन्नति नहीं हुई थी ।

19वीं सदी के मध्य में एक नया आविष्कार पुस्तकों के प्रकाशन के साथ हुआ । अमेरिका, ओहियो के Willian Holmes Mcguffey को स्कूली पुस्तकों का जन्मदाता कहा गया है । इन्होंने पहली शिक्षात्मक पुस्तक The Mcguffey Eclectic Reader का 1836 में प्रकाशन किया । इन्होंने कई शिक्षात्मक पुस्तकें लिखी । 20वीं शताब्दी के मध्य तक पुस्तकों को छापने के विकास में स्थिरता आ गई । इसका कारण दोनों विश्व युद्धों का होना था । द्वितीय विश्व युद्ध के बाद प्रकाशन स्थानों पर आपात्तकालीन की स्थिति उत्पन्न हो गई और छोटी पुस्तकें छपी । इनमें Penguin Books (ब्रिटेन), Pocket Books, Avon Books, Dell Books, Bantam Books शामिल हैं ।

Types of Books:- उस समय बहुत सी पुस्तकें छापी गई थी और ये पुस्तकें तीन भागों में बंटी थी । (1) उपभोक्ता के अनुरूप पुस्तकें (2) व्यावसायिक व शोधकर्ताओं की पुस्तकें (3) पाठ्य पुस्तकें जो पुस्तकें उपभोक्ताओं के लिए थी और दुकानों पर बेची जा रही थी, वह व्यापार पुस्तकें कहलाई । पेपर बैंक पुस्तकें, पुस्तकों की दुकानों पर व समाचार स्थानों पर बेची गई । तीसरी पुस्तकें पाठ्य पुस्तकें थी जो स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए थी और इनके अतिरिक्त व्यावसायिक व शोधकर्ताओं की पुस्तकें थी जो कि विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों और महत्वपूर्ण उच्च स्तर के लोगों के लिए थी ।

पुस्तकों ने काफी विषयों का ज्ञान अपने में संजोए हुए था । प्रत्येक पुस्तक किसी विशेष विषय पर थी । इनमें प्रमुख पुस्तकें थी - fiction, nonfiction chrography, literary books, art books, and sports, drama, music, poetry books आदि । व्यापार पुस्तकें अधिक खर्चे पर तैयार हुई थी । कुछ पुस्तकें अधिक पैसा नहीं कमा पाई ।

पाठ्य पुस्तकें सभी पुस्तकों से अधिक लाभ कमा रही थी । इसका कारण इनका प्रतिवर्ष बिकना था और प्रकाशक पुरानी पुस्तकों के नए एडीशन छाप रहे थे। व्यावसायिक पुस्तकों की बिक्री नहीं थी । ये पुस्तकें केवल उस विषय के ज्ञानी व्यक्ति ही लिख सकते थे । जिस विषय पर पुस्तकें लिखी जा रही थी । कुछ पुस्तकें महत्वपूर्ण व्यावसायिक विषय पर लिखी जा रही थी । वे विषय थे - कानून, दवाइयों आदि पर ।

जबकि बहुत सी पुस्तकें प्रकाशित हो रही थी परन्तु उन्हें छापने का तरीका एक समान था । प्रत्येक उन्हें छापने का तरीका एक समान था । प्रत्येक पुस्तक के आरम्भ में एक सम्पादकीय लेख होता था और फिर किताब को छापने वाला प्रकाशक उसे छाप रहा था और अन्त में वह पुस्तक विपणन के लिए तैयार थी । Books Publishing Today and Tomorrow:- अन्य माध्यमों की तरह पुस्तकों को भी कुछ भी लिखने का अधिकार प्राप्त है । पुस्तकें सभी विषयों पर लिखी जा चुकी है और लिखी जा रही हैं । प्रकाशक पुस्तकें छापने के विभिन्न तरीकों को खोजता रहता है । और अन्त में, इस समय पुस्तक बहुत सी जानकारियों को प्रदान कर रही हैं।

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