कन्यादान योजना क्या है योजना का मुख्य उद्देश्य

सामाजिक महत्व की महत्वाकांक्षी "कन्यादान योजना" प्रदेश में राज्य नगरीय विकास अभिकरण द्वारा वर्ष 2003 में प्रारम्भ की गई ।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से विपन्न परिवारों की वयस्क कन्याओं के विवाह हेतु सूडा द्वारा प्रतीकात्मक रूप से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है 

इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश की शहरी मलिन बस्तियों के गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले पात्र निर्धनतम परिवारों की कन्याओं का सूडा द्वारा प्रतिवर्ष प्रदेश स्तर पर सीमित संख्या के अन्तर्गत सामूहिक विवाह के निमित्त आंशिक प्रत्यक्ष सहायता के रूप में लाभान्वित किया जायेगा। इस योजना के मूल में सूडा द्वारा निर्धन परिवारों के सामाजिक कार्यक्रमों में विभागीय सहभागिता की भावना प्रत्यक्ष निर्वाहन सम्पादित है। यह विवाह आयोजन मितव्ययिता और सादगी की दृष्टि से दिन में ही सम्पन्न कराया जाना श्रयेस्कर होगा ।

इस योजना का क्रियान्वयन प्रदेश के समस्त जनपदों में किया जायेगा। योजना के अन्तर्गत प्रतिवर्ष प्रत्येक जनपद में आवश्यकतानुसार पात्र निर्धनतम परिवारों की कन्याओं के विवाह हेतु कानूनी रूप वयस्क आयु प्राप्त चयनित अधिकतम 10 के विवाह हेतु कन्यादान के सामाजिक व्यवस्था के निमित्त प्रति विवाह रु. 2,500 (दो हजार पाँच सौ) की दर से सकल आर्थिक सहायता रु.25,000 का परिव्यय सुनिश्चित कर सकेगा ।

विवाह हेतु उपरोक्तानुसार पात्र कन्याओं का चयन सम्बन्धित डूडा द्वारा आवश्यक जांचोपरान्त सी.डी.एस. द्वारा संस्तुत नामों में से ही किया जायेगा एवं ऐसी पात्र कन्या को वरीयता दी जायेगी जिसके पिता की मृत्यु हो चुकी हो अथवा वह स्वयं विकलांग हो ।

विवाह के अवसर पर चयनित ऐसी निर्धनतम कन्याओं जिनकी मेधावी शैक्षणिक पृष्ठभूमि हो, तकनीकी सेवा परीक्षा के प्रति विशिष्ट अभिरूचि अथवा स्वाभाविक रुझान परिलक्षित हो उन्हें सूचीबद्ध कर शासन के अन्तर्गत संचालित निःशुल्क कोचिंग / प्रशिक्षण संस्थानों यथा उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति / जनजाति प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान को संदर्भित कर इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था हेतु किया जा सकता है। दुर्बल वर्ग से सम्बन्धित आवासीय प्रशिक्षण संस्थाओं / छात्रावासों से भी सम्पर्क कर इनके नाम उन्हें संदर्भित किये जा सकते हैं ।

विवाह के अवसर पर सम्बन्धित जिलाधिकारी / अध्यक्ष डूडा अथवा उनके द्वारा नामित सक्षम अधिकारी के स्तर से आर्थिक सहायता का वितरण किया जायेगा ।

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