नेपाल का सामान्य परिचय - Nepal ka parichay

भारत एवं चीन के बीच में नेपाल अवस्थित है । भौगोलिक दृष्टि से नेपाल में तराई, पहाड़ और हिमालय है । विश्व का सबसे ऊँचा 8848 मीटर सागरमाथा सहित अनेक हिम श्रृंखलायें नेपाल में स्थित है। नेपाल का कुल क्षेत्रफल 147, 181 वर्ग किलोमीटर है। पशु-पक्षियों एवं वन्य जन्तुओं की जैविक विविधता भी यहाँ देखने को मिलती है।

'एशिया के पथ-प्रदर्शक एवं विश्व शान्ति का अग्रदूत' महात्मा गौतम बुद्ध का जन्म लुम्बिनी 'कानन' नेपाल में ही हुआ था । लुम्बिनी 'कानन' नेपाल की भौगोलिक परिधि में रहने से नेपाल को गौतमबुद्ध की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है। नेपाल की राजधानी काठमाण्डू घाटी प्राचीन कला और संस्कृति की दृष्टि से समृद्ध है । नेपाल का भौगोलिक अवस्थिति, जैविक तथा प्राकृतिक विविधता, सुन्दरता और विविध जलवायु है । इसके साथ जाति, भाषा, धर्म और संस्कृति के क्षेत्र की विविधता और समृद्धि से नेपाली समाज का विशिष्टता बना हुआ है। नेपाल में तराई, पहाड़, घाटी और हिमालयी क्षेत्रों से कठिनाई एवं सम्भावनायें दोनों ही हैं।

भौगोलिक रूप से नेपाल से भारत 23वाँ गुना और चीन 69वाँ गुना अधिक होने से यह दोनों देशों के बीच 'दशगजा' समान है। नेपाल के पूर्व दक्षिण और पश्चिम में भारत का बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश एवं उत्तरांचल राज्य है । नेपाल के उत्तर में जनवादी गणतंत्र चीन का स्वशासित क्षेत्र तिब्बत है। 

राजनीतिक दृष्टि से नेपाल विश्व के दो महान राष्ट्रों भारत व चीन के मध्य अगस्त 2008 तक संवैधानिक परम्परावादी राजतंत्र रहा है। धार्मिक दृष्टि से आज भी नेपाल हिन्दू बहुल राष्ट्र है। 

जल ऊर्जा के आधार पर नेपाल दुनिया का दूसरा सम्पन्न देश है लेकिन स्वच्छ पेयजल और कृषि कार्य हेतु सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं है । यहाँ 6 हजार से अधिक नदियों से 83 हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन हो सकता है लेकिन अभी तक यह संख्या 1 हजार मेगावाट से भी कम है। यदि नेपाल की जल सम्पदा का पर्याप्त बहुपक्षीय उपयोग किया जाय तो पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में सामाजिक विकास का अपार सम्भावनाओं के द्वार खुल सकते हैं।

सन् 2011 में जनगणना के अनुसार नेपाल की कुल जनसंख्या 2,66, 20809 (26.6 मिलियन) है। जिसमें पुरुषों की आबादी 1,29,27,431 व महिलाओं की आबादी 1,36,93,378 है । 2011 के जनगणना के अनुसार पुरुषों के आबादी 48.66 प्रतिशत व महिलाओं की आबादी 51.44 प्रतिशत है जो पुरुषों की आबादी से महिलाओं की आबादी 2.78 प्रतिशत अधिक है। 2002 के जनगणना के अनुसार जनसंख्या 23 मिलियन से बढ़कर 2011 में 26.6 मिलियन हो गयी, जो 2.25 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि है। चीन और भारत नेपाल के दो पड़ोसी देश है । नेपाल का अधिकतम व्यापार और वाणिज्य, कारोबार, पड़ोसियों के साथ होता है। 

नेपाल एक तिरछे समानान्तर चतुर्भज के आकार का है । नेपाल की लम्बाई 800 किमी. और चौड़ाई 200 किमी है । नेपाल, भौगोलिक रूप से तीन भागों में विभाजित है । भू-गर्भ विज्ञान के क्षेत्र में नेपाल की स्थिति बेहद कमजोर रही है । नेपाल में पहली बार अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग से 1952 में भू- गार्भिक सर्वेक्षण किया गया है। इस सर्वेक्षण के परिणाम चौंकाने वाले थे। देश के अन्दर लोहा, चूना पत्थर, ताँबा, अभ्रक, सीसा, जस्ता के बड़े भण्डार के अनुमान का पता चला है । सर्वेक्षण के अनुसार तेरह स्थानों पर कच्चे लोहे के बड़े भण्डारों का पता चला है परन्तु कोयले का अभाव, लोहा, उत्पादन में एक बड़ी समस्या है। नेपाल के तराई क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस एवं खनिज तेल की संभावना जतायी गयी है । 

अपने भौगोलिक कारणों की वजह से नेपाल वन सम्पदा की दृष्टि से एक समृद्ध राष्ट्र है। यहाँ वनों की प्रचुरता है, लगभग 44000 किमी भू-क्षेत्र पर वन उपलब्ध है, जो कुल क्षेत्रफल का 33 प्रतिशत है। 17 एक हजार मीटर से दो हजार मीटर तक ऊँचाई तक पर्वतीय वन मिलता है। जिसमें ओक, पाइन तथा सागौन अति महत्वपूर्ण है। दो हजार से ढाई हजार मीटर की ऊँचाई तक देवदार के एवं ढाई हजार से तीन हजार मीटर तक सनोवर, फर एवं चीड़ के वृक्ष पाये जाते हैं तथा तीन से चार हजार मीटर तक झाड़ियाँ पायी जाती है। दो हजार से पाँच हजार मीटर तक भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक प्राप्त होने वाली वनस्पतियाँ नेपाल में पायी जाती है। नेपाल में जड़ी-बूटियों का समृद्ध संसार है । वन - सम्पदा नेपाल के अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है । नेपाली वन आम जरुरतों के साथ-साथ रोजगार भी प्रदान करती है वन सम्पदा के बदौलत ही लघु, कुटीर उद्योग जैसे माचिस, कागज चमड़े, चीनी, एल्कोहल के उद्योग स्थापित हुए हैं जो लाखों लोगों के जीविका का आधार है ।

नेपाल की जलवायु

भौगोलिक दृष्टि से नेपाल की पहचान एक उष्ण कटिबन्धीय राष्ट्र की है । इसी स्थलाकृति के अनुरुप इसकी जलवायु बदलती रहती है । पर्वतीय क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड तथा बर्फ से क्षेत्र आबाद रहता है । इस क्षेत्र में ग्रीष्म ऋतु छोटा तथा शीत काल लम्बा होता है। दिन का तापमान वर्ष भर 25 °F रहता है तथा तेज पश्चिमी हवायें चलती रहती हैं तथा सूर्य से तपन होता है। ऐसी जलवायु 13000 फीट के ऊपर वाले क्षेत्रों में पायी जाती है। 13000 फीट के नीचे तथा 3000 फीट तक मध्य उच्च हिमालयी क्षेत्रों में समशीतोष्ण जलवायु मिलती है । इस भाग में भी ग्रीष्म काल का प्रभाव अल्प होता है और रात बेहद ठण्डी, गर्मियों में भारी वर्षा एवं शीत काल में भारी हिमपात देखने को मिलता है। तराई क्षेत्रों में गरम तथा उष्ण भरी जलवायु पायी जाती है। गर्मी के मौसम में अधिक गर्मी तथा शीत काल में कड़ाके की ठण्डी पड़ती है। इस क्षेत्र में वर्षा का वितरण समान नहीं है । पूर्वी तराई क्षेत्रों में अधिक तो पश्चिमी क्षेत्रों में कम वर्षा होती है।

नेपाल में बारहमासी नदियों तथा झीलों की अधिकता है । नेपाल की सबसे बड़ी नदी सप्तकोशी है जो सात नदियों - तामाकोसी, लिखू, दूधाकोशी, सनकोशी, ताभौर और अरुण का संगम है । यह देश के पूर्वी क्षेत्र में प्रवाहित होती है, दूसरी बड़ी नदी गंडक की सात नदियों से मिलकर बनी है। इस नदी का प्रवाह क्षेत्र मध्य नेपाल है। तीसरी बड़ी नदी करनाली है । यह नेपाल के पश्चिमांचल में बहती है। नेपाल की पास विश्व का सबसे अधिक जल भण्डार है परन्तु इस प्राकृतिक सम्पदा का दोहन नेपाल ने बहुत ही कम किया है।

नेपाल की सामाजिक संरचना

नेपाल एक बहुजातीय एवं बहुभाषी राष्ट्र है। नेपाली जनसंख्या के दो प्रमुख उद्गम स्रोत है - प्रथम दक्षिणी पड़ोसी राष्ट्र भारत तथा द्वितीय चीन नियंत्रित तिब्बत | नेपाल के तराई क्षेत्र में भारतीय नेपाली तथा हिमालय के बर्फाचल क्षेत्र में तिब्बती नेपाली मूल के लोग रहते आ रहे है । सम्पूर्ण देश में जनसंख्या का औसत घनत्व 211.2 व्यक्ति वर्ग मील है । लेकिन दुर्गम भौगोलिक स्थिति के कारण जनसंख्या का वितरण असमान हो गया है । 13 हिमालय तथा परा हिमालयी क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अत्यन्त विरल है । यहाँ यह जनसंख्या अति महत्वपूर्ण है कि जनसंख्या घनत्व को कृषि की उत्पादकता एक बड़ी सीमा तक प्रभावित करती है । देश के पूर्वी भाग जहाँ औसत वर्षा ज्यादा है, तीन चौथाई जनसंख्या के प्रवास व जीविका का साधन है । देश की सबसे सघन जनसंख्या काठमाण्डू घाटी में मिलती है । देश के पश्चिम में गुरुंग तथा मगर, मध्य नेपाल में तामंग और नेवार उत्तर में भोटिया, पूर्व में राई, लिम्बू तथा शेरपा तथा दक्षिण में चारु जाति के लोग रहते है। तराई क्षेत्र में धुल, जाइसिस, क्षत्रिय, ब्राह्मण, यादव, मुसलमान आदि भारतीय मूल के लोग निवास करते रहे हैं। जिससे क्षत्रिय एवं ब्राह्मण जातियो की बहुलता है । भोटिया, शेरपा तथा तामंग मंगोलियाई तिब्बती मूल के हैं। शारीरिक बनावट, रीति-रिवाज तथा धर्म के अनुसार भोटिया तिब्बतियों के समान हैं। शेरपा मंगोल कुल के बौद्ध धर्मावलम्बी हैं जो वर्षों पूर्व तिब्बत से आये थे । नेवार काठमाण्डू घाटी के मूल निवासी माने जाते है । नेवार प्रारम्भ में बौद्ध धर्म के अनुयायी थे परन्तु अब बौद्ध धर्म के साथ - साथ हिन्दू धर्म के प्रति भी रुझान बढ़ा है। कला एवं संस्कृति की दृष्टि से नेवारी समुदाय की अपनी विशिष्ट पहचान है । 

नेपाल में चारु जनजाति बेहद महत्वपूर्ण है। इसकी मान्यता ऐतिहासिक साक्ष्य के अनुसार इस जाति का पलायन राजस्थान ( भारत ) से माना जाता है। इन्होंने अपनी मेहनत व कौशल से नेपाल के तराई क्षेत्रों में बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाया। इस जाति के जीविका का मुख्य आधार कृषि है। हिन्दी भाषी यह समुदाय नेपाल में सबसे ज्यादा शोषित व पिछड़ी हुई है। 

शिक्षा, भाषा, धर्म एवं संस्कृति 

1981 की जनगणना के अनुसार केवल 25 प्रतिशत व्यक्ति साक्षर है । नेपाल में एक हजार दो सौ पचास प्राथमिक विद्यालय, एक हजार माध्यमिक विद्यालय तथा 65 महाविद्यालय है। यहाँ सात विश्वविद्यालय है।" यहाँ साक्षरता दर आज भी बेहद कम है। 2005 के आंकड़ों के अनुसार कुल जनसंख्या का 53.74 प्रतिशत साक्षर है। जिसमें 68.51 प्रतिशत तथा 42.43 प्रतिशत महिला शामिल है। 14वीं सदी में नेपाल की बोलचाल की भाषा नेवारी थी । यह नेवारी भाषा मूलतः तिब्बती - वर्मा उप भाषा से सम्बन्धित थी। इसके पूर्व सभी प्रलेख संस्कृत भाषा में उपलब्ध मिलते हैं। 1768 में नेपाली भाषा को राजकीय भाषा का स्थान दिया गया। जिसका मूल संस्कृत है । नेपाल में यह राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्य तथा राज्य की बहुसंख्यक जनता द्वारा व्यवहार में लायी जाती है। तराई क्षेत्र में भोजपुरी, मैथिली तथा कुमायूँनी बोली जाती है। यदि नेपाल में बोली जाने वाली भाषाओं के आंकड़ों के देखे तो कुल जनसंख्या का 48 प्रतिशत नेपाली, 12 प्रतिशत मैथली, 7 प्रतिशत भोजपुरी, 6 प्रतिशत थारु, 5 प्रतिशत तमंग, 4 प्रतिशत नेपाली भाषा, 3 प्रतिशत मागर, प्रतिशत अवधि और 13 प्रतिशत अन्य भाषाओं का प्रयोग चलन में है। इसके अलावा हिन्दी भी बड़े पैमाने पर बोली जाती है । जहाँ तक नेपाल में समझने का प्रश्न है, अधिकांश लोगों द्वारा हिन्दी बोलचाल समझा जाता है । हिन्दी और नेपाली भाषा का सम्बन्ध इसलिए भी अटूट है कि नेपाली भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है और नेपाली साहित्य पर हिन्दी साहित्य का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 

विश्व में 2008 तक नेपाल की छवि एक हिन्दू राष्ट्र की रही है। यहाँ 80.6 प्रतिशत जनता हिन्दू, 10.7 प्रतिशत बौद्ध तथा 4.2 प्रतिशत इस्लाम धर्म, 3.6 मुनधुम, 0.5 प्रतिशत ईसाई धर्म को मानती है। नेपाल सदियों से समय - समय पर होने वाले सामाजिक तथा सांस्कृतिक मिलन की धरती रही है। नेपाल के मूल निवासियों के साथ तिब्बत तथा भारत से आने वाले लोग सदियों से साथ-साथ रहते आये है । नेपाली संस्कृति मूलतः बौद्ध एवं हिन्दू संस्कृतियों से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है । नेपाली संस्कृति की विशेषता यह है कि यहाँ सामाजिक व सांस्कृतिक विभेद उस स्तर पर नहीं देखा जाता, जिस स्तर पर अन्य देशों में देखने को मिलता है।

प्रशासनिक विभाजन

प्रशासन की सुविधा की दृष्टि से नेपाल को चार विकास क्षेत्रों में विभक्त किया गया है। जिसमें पूर्वी क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, पश्चिमी क्षेत्र तथा सुदूर पश्चिमी क्षेत्र शामिल है। इसके साथ ही साथ चौदह उत्तरी- दक्षिणी प्रशासकीय अंचलों का निर्माण किया गया है। जिसमें कुल 75 जिले शामिल है। ये प्रशासकीय क्षेत्र जनसंख्या, प्राकृतिक साधन तथा आकार में एक समान नहीं है । नेपाल में जिला का संगठन कई सौ गांवों को मिलाकर किया गया है। नये संविधान के लागू होने पूर्व इन ग्राम तथा जिला इकाइयों को पंचायत नाम से पुकारा जाता था। 1990 का संविधान लागू होने के पूर्व लगभग 4000 ग्राम पंचायतें कार्यरत थी। पंचायत शब्द की समाप्ति के बाद इन्हें अब मात्र ग्राम तथा जिला इकाईयों के नाम से जाना जाता है।

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