समष्टि अर्थशास्त्र के सिद्धांत के अंतर्गत आई एस एल एम विश्लेषण के बारे में चर्चा

आज के इस आर्टिकल में हम समष्टि अर्थशास्त्र के सिद्धांत के अंतर्गत आई एस एल एम विश्लेषण के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं। अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए यह एक आधारभूत विश्लेषण है तथा इसको समझ कर कि वे आगे के विश्लेषणों को बारीकी से समझते हैं। 

आई एस एल ऍम विश्लेषण 

वर्तमान अध्याय आई एस एल एम वकों की पारस्परिक क्रियाओं द्वारा संतुलित GDP तथा संतुलित ब्याज की दर के एक साथ amstiनिर्धारण पर ध्यान केंद्रित करता है। संतुलित व्याज की दर से अलग संतुलित GDP का समय व्यय तथा कुल पूर्ति की पारस्परिक क्रियाओं द्वारा निर्धारण समष्टि आर्थिक संतुलन का केवल एक आंशिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। 

ब्याज की दर निवेश के स्तर को प्रभावित करती है और इसलिए वास्तविक GDP के स्तर को भी इसी भाँति GDP का स्तर अर्थव्यवस्था में मुद्रा की माँग के माध्यम से ब्याज की दर को प्रभावित करता है। जब ब्याज की दर में वृद्धि हो रही हो तब निवेश में विशेष वृद्धि के फलस्वरूप, एक अर्थव्यवस्था * GDP के स्तर को विविध सीमा तक बढ़ा नहीं सकती। इसी भाँति मुद्रा पूर्ति में वृद्धि के विस्तार (Extent of Increase in Money Supply) की सीमा तक ब्याज की दर को कम नहीं किया जा सकता क्योंकि मुद्रा पूर्ति में वृद्धि (निम्न ब्याज दर तथा उच्च निवेश के  माध्यम से) तथा उच्च GDP मुद्रा की माँग में वृद्धि करती है, जिसका अर्थ है ब्याज की दर में वृद्धि। 

अतएव परंपरावादी क्लासिकी विचारधारा कि ब्याज की दर एक वास्तविक घटना (Real Phenomenon) है और यह केवल बचत तथा निवेश द्वारा निर्धारित होती है, तथा जे० एम० केन्ज की विचारधारा कि यह एक मौद्रिक घटना (Monetary Phenomenon) है और इसका निर्धारण मुद्रा की मांग और पूर्ति द्वारा होता है, इन दोनों विचारधाराओं को चुनौती दी गई है।

हिक्स तथा हैन्सन (Hicks and Hansen) ने आई एस एल एम (IS-LM) विश्लेषण द्वारा नए विचार का प्रतिपादन किया है जो वास्तविक क्षेत्र तथा मौद्रिक क्षेत्र दोनों को एकीकृत करता है। ब्याज की दर तथा वास्तविक GDP का एक साथ निर्धारण और AD वक्र की वैकल्पिक व्युत्पत्ति (Alternative Derivation of AD Curve) आई एस एल एम विश्लेषण का मूलाधार (Cornerstone) है। वास्तविक GDP तथा व्याज की दर के निर्धारण में हिक्स तथा हैन्सन चूँकि वास्तविक तथा मौद्रिक क्षेत्र दोनों को संश्लेषित (Synthesise) करते हैं।

इसलिए उनके दृष्टिकोण को 'हिक्स- हैन्सन संश्लेषण' (Hicks-Hansen Synthesis) कहा जाता है IS तथा LM वक्र के संतुलन का अर्थ है मुद्रा की माँग तथा पूर्ति के बीच समानता एवं बचत तथा निवेश के बीच समानता द्वारा संतुलित ब्याज की दर तथा वास्तविक GDP के संतुलन स्तर का निर्धारण आई एम शब्द से अभिप्राय बचत (S) तथा निवेश (1) के बीच समानता तथा तदनुसार, वस्तु बाजार में संतुलन से है। एल एम शब्द से अभिप्राय मुद्रा के लिए मांग (L.) तथा मुद्रा की पूर्ति (M) के बीच समानता तथा तदनुसार, मुद्रा बाजार में संतुलन से है। 

वर्तमान अध्याय यह व्याख्या करता है कि आई एस तथा एल एम (IS-LM) वक्र कैसे व्युत्पन्न (Derive) किए जाते है और संतुलित वास्तविक GDP तथा ब्याज की दर का निर्धारण कैसे होता है। इसके अतिरिक्त आई एस एल एम विश्लेषण से कुल माँग वक्र (Aggregate Demand (Curve) भी व्युत्पन्न करते हैं और इस बात पर ध्यान देंगे कि आई एस अथवा एल एम में खिसकाव (Shift) कुल माँग वक्र में खिसकाव कैसे लाता है।

1. आई एस वक्र एवं उत्पाद बाजार संतुलन (IS Curve and Product Market Equilibrium) IS वक्र ब्याज की दर और वास्तविक GDP के उस संयोग को प्रकट करता है जो बचत (S) तथा निवेश (I) के बीच समानता स्थापित करता है। लिप्सी तथा क्रिस्टल के अनुसार, “IS वक्र व्याज की दर एवं वास्तविक GDP का संयोजन बिंदु है जो इच्छित व्यय एवं उत्पाद अथवा क्षरण एवं समावेश समानता की एकरूपता है। यह सरकारी व्यय, निर्यात एवं स्वचालित उपभोग तथा दी हुई कर दरें और दिए हुए कीमत स्तर के मूल्यों के लिए खींचा जाता है।" (The IS curve is the locus of interest rate and levels of GDP that are consistent with equality between desired spending and output, or what is the same thing, injection and leakages. It is drawn for given values of government spending, exports.

अतर IS व अथवा IS फलन वस्तु बाजार संतुलन का संकेत देता है। IS बक़ की व्युत्पत्ति (Derivation) तीन संबंधों के अध्ययन को आवश्यक बना देती है। (i) निवेश माँग पर (investment Demand Function) द्वारा निवेश तथा ब्याज की दर के बीच संबंध को. (ii) निवेश व्यय में परिवर्तन किस प्रकार समय व्यय तथा GDP के स्तर को प्रभावित करता है जब में परिवर्तन होता है तथा (iii) एक ओर तथा GDP के विभिन्न स्तरों तथा दूसरी ओर S तथा 1 में समानता के बीच संबंध को। 

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