विक्रय संवर्धन क्या है विक्रय संवर्धन का महत्व

आपने आस पास के बाजारों में अक्सर ‘विंटरसेल’, ‘समर सेल’ ‘मेले’, ‘50 प्रतिशत की छूट’ और इसी प्रकार की विभिन्न योजनाएं भी देखी होगी जो ग्राहक को कुछ विशेष उत्पाद खरीदने के लिए आकर्षित करती हैं। ये सभी योजनाएं निर्माताओं या मध्यस्थों द्वारा अपनी वस्तुओं की बिक्री में वृद्धि करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले अभिप्रेरक हैं। ये अभिप्रेरक मुफ्त नमूनों, उपहार, छूट कूपन, प्रदर्शन, प्रतियोगिताओं आदि के रूप में हो सकते हैं। ये सभी उपाय साधरणतया उपभोक्ता को अधिक क्रय के लिए प्रेरित करते हैं और इस प्रकार से वस्तु की बिक्री में वृद्धि करते हैं। वस्तुएं बेचने की इस विधि को विक्रय संवर्धन के नाम से जाना जाता है।

विक्रय संवर्धन का महत्व

निर्माताओं और उपभोक्ताओं के दृष्टिकोण से विक्रय संवर्धन के महत्व की चर्चा करें।

1. निर्माताओं के दृष्टिकोण से - निर्माताओं के लिए विक्रय संवर्धन महत्वपूर्ण है क्योंकि :-
  1. प्रतियोगिता के बाजार में यह बिक्री बढ़ाने में सहायता करता है जिससे लाभ में वृद्धि होती है।
  2. यह भावी उपभोक्ताओं का ध्यान आकृष्ट कर बाजार में नए उत्पाद की प्रस्तुति में सहायता करता है।
  3. जब बाजार में कोई नया उत्पाद प्रस्तुत किया जाए या पैफशन में परिवर्तन हो जाए या उपभोक्ताओं की रूचि में परिवर्तन हो जाए तो वर्तमान स्टॉक को शीघ्रता से बेचने में विक्रय संवर्धन सहायता करता है और 
  4. यह अपने उपभोक्ताओं को अपने साथ रखकर विक्रय की मात्रा में स्थिरता लाता है। प्रतियोगिता के इस युग में यह संभव है कि उपभोक्ता के दिमाग में परिवर्तन आ जाए और वह अन्य ब्रान्ड की वस्तुओं का भी प्रयोग करना चाहे। विक्रय संवर्धन योजनाओं के अन्तर्गत विभिन्न अभिप्रेरक, उपभोक्ताओं को बनाए रखने में सहायता करते हैं।
2. उपभोक्ताओं के दृष्टिकोण से - उपभोक्ताओं के लिए विक्रय संवर्धन महत्वपूर्ण है क्योंकि :-
  1. इससे उपभोक्ता को वस्तु कम मूल्य पर मिल जाती है।
  2. यह विभिन्न पुरस्कार देकर तथा उपभोक्ताओं को भिन्न-भिन्न स्थानों का भ्रमण कराके उन्हें वित्तीय लाभ भी पहुंचाता है।
  3. इससे उपभोक्ताओं को विभिन्न वस्तुओं की गुणवत्ता, लक्षण एवं उनके उपयोग आदि के बारे में सभी सूचनाएं मिलती हैं।
  4. मूल्य वापसी जैसी कुछ योजनाएँ उपभोक्ताओं के मस्तिष्क में वस्तु की गुणवत्ता के प्रति विश्वास जाग्रित करती हैं और 
  5. यह लोगों का जीवन-स्तर ऊंचा उठाने में सहायता करता है। लोग अपनी पुरानी वस्तुओं के बदले में बाजार में उपलब्ध आधुनिक वस्तुओं का उपयोग कर सकते हैं। इस प्रकार की वस्तुओं के उपयोग से समाज में उनकी छवि सुधरते है।

विक्रय संवर्धन की तकनीक

उत्पाद की बिक्री को बढ़ाने के लिए निर्माता या उत्पादक विभिन्न विधियों अपनाते हैं, जैसे : नमूने बांटना, उपहार देना, अतिरिक्त वस्तु देना और बहुत सी अन्य विधियां। इन्हें विक्रय संवर्धन की तकनीकों या विधियों के नाम से जाना जाता है। 

1. मुफ्त नमूने बांटना - दुकानों से समान खरीदते समय आपने शैम्पू, कपड़े धोने का साबुन, कॉफी पाउडर आदि वस्तुओं के मुफ्त नमूने अवश्य ही प्राप्त किए होंगे। कुछ व्यवसायी उत्पाद को लोकप्रिय बनाने के लिए नमूनों का मुफ्त वितरण करते हैं, उदाहरण के लिए दवाओं का मुफ्त वितरण केवल चिकित्सकों को तथा पाठ्य पुस्तकों की नमूना-प्रतिओं का वितरण केवल अध्यापकों के बीच ही किया जाता है।

2. उपहार देना - नैस्कैपेफ के साथ एक मिल्क शेकर, बोर्नवीटा के साथ एक मग, 200 ग्राम टूथपेस्ट के साथ एक टूथब्रश, एक किलो के पैकेट में 30 प्रतिशत अतिरिक्त आदि, एक उत्पाद की खरीद पर पुरस्कार स्वरूप मुफ्त मिलने वाली वस्तुओं के कुछ उदाहरण हैं। 

3. पुरानी वस्तु देकर नई वस्तु - पुरानी वस्तु देकर नई वस्तु को वास्तविक मूल्य से कम मूल्य पर प्राप्त करने की योजना से है। ग्राहकों का ध्यान वस्तु के नये स्वरूप की ओर आकर्षित करने के लिए भी यह योजना बहुत उपयोगी है। अपना पुराना मिक्सर-सह-जूसर लाइए और केवल रु 500 के भुगतान पर नया मिक्सर-सह-जूसर प्राप्त कीजिए।

4. मूल्य में कमी -उत्पाद को उसके वास्तविक मूल्य से कम मूल्य पर बेचा जाता है। एक लाइफबॉय की टिकिया खरीदने पर रु 2 की छूट, ताजमहल चाय के 250 ग्राम पैकेट पर रु 15 की छूट, कूलरों पर रु 1000 की छूट आदि कुछ सामान्य योजनाएं है। 

5. कूपन बांटना - कभी-कभी किसी वस्तु के निर्माता द्वारा उत्पाद के पैकेट में या समाचार पत्र अथवा पत्रिका में छपे विज्ञापन के माध्यम से अथवा डाक द्वारा उपभोक्ताओं में कूपन वितरित किए जाते हैं। वस्तु खरीदते समय इन कूपनों को उपभोक्ता, फुटकर विक्रेता को दे देता है। उपभोक्ता को वह वस्तु कुछ छूट पर प्राप्त होती है। 

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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