योग

नाड़ी शोधन प्राणायाम की विधि और लाभ

इस प्राणायाम को नाड़ी शोधन प्राणायाम के नाम से इसलिये जाना जाता है, क्योंकि इसके निरंतर अभ्यास से हमारे शरीर की सभी नाड़ियों का शुद्धिकरण भलि प्रकार से हो जाता है। यानि हमारे शरीर के अंदर जो 72.864 नाड़ियाँ है वे सभी नाड़ी शोधन के अभ्यास से शुद्ध हो ज…

धौति क्रिया के प्रकार

धौति का अर्थ है धोना या साफ करना । हठयोग में षट् क्रियाओं में धौति का महत्वपूर्ण स्थान है। धौति क्रिया से शरीर की आंतरिक सफाई होती है ।  धौति क्रिया के प्रकार मुख गुहा, आमाशय, छाटी आंत, बड़ी आंत की सफाई हेतु स्वामी घेरण्डनाथ जी ने विभिन्न धौतियां बताई…

योग का संक्षिप्त इतिहास

‘योग दर्शन' भारत की एक प्राचीन दार्शनिक पद्धति है । इसका प्रादुर्भाव कब हुआ इसका निश्चित काल किसी भी प्राचीन ग्रंथ में उपलब्ध नहीं है। अलग–अलग विद्वानों के अनुसार अलग-अलग दर्शन काल. बताया जाता है । प्राचीन ऐतिहासिक पुरातत्व के अवशेष एवं साहित्य इस…

घेरंड संहिता क्या है ?

इस ग्रंथ का एक महत्त्वपूर्ण संस्करण कैवल्यधाम, लोनावला द्वारा प्रकाशित हुआ है। यह लगभग सौ तकनीको का वर्णन करता हैं। यह एक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है। हठप्रदीपिका से भिन्न, जहाँ हठयोग का समर्थन किया गया है, यह ग्रंथ हठयोग शब्द के स्थान पर ‘घटस्थ योग’ का सम…

ताड़ासन योग करने की विधि और लाभ

यह योग के आधारभूत आसनों में से एक है। ताड़ासन योग का नाम दो संस्कृत शब्दांे से मिलकर बना है। ‘ताड़’ जिसका मतलब है ‘पर्वत’ और ‘आसन ’का अर्थ है ‘मुद्रा’, यानि की इस आसन का अर्थ है पर्वत की मुद्रा में होना। ताड़ासन शरीर की लंबाई बढ़ाने और पैरों से लेकर …

भुजंगासन करने की विधि तथा इसके लाभों का वर्णन

इसे सर्पासन या सर्प मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह स्त्री-पुरुष दोनों के लिए लाभकारी है। इससे आध्यात्मिक व भौतिक दोनों प्रकार के लाभ मिलते है। हठयोग और घेरंड संहिता में इस आसन को कुंडलिनी जागरण करने का साध्य माना जाता है। इस आसन को बच्चे, बूढ़े,…

उज्जायी प्राणायाम के लाभ, विधि एवं सावधानियां

इस प्राणायाम का उल्लेख योग के प्राचीन ग्रंथों में नहीं मिलता यह परम्परागत से प्रचलित प्राणायाम है। इस प्राणायाम को करने के लिये किसी भी सुखासन मे बैठ जाते है जैसे बज्रासन, पद्मासन, सिद्धासन या फिर कोई भी आराम दायक स्थिति में बैठकर इस प्राणायाम को करते…

वज्रासन योग करने की विधि, लाभ और सावधानियां

वक्र शब्द का अर्थ टेढ़ा अर्थात मोड़ना है। इस आसन को करते समय गर्दन और पीठ को पीछे की तरफ मोड़ा जाता है जिसके कारण इसे वक्रासन कहा जाता है। इसको करने पर पीठ और पेट पर सबसे ज्यादा खिंचाव होता है। इसलिए यह रीढ़ की हड्डी को लचीला तथा पाचन क्रिया को मजबूत बन…

पवनमुक्तासन करने की विधि, लाभ और सावधानी

पवनमुक्तासन नाम संस्कृत के शब्दों से मिल कर बना है: पवन का अर्थ वायु, मुक्त का अर्थ आज़ाद और आसन का अर्थ योग मुद्रा से है।  जैसा कि इसके नाम से ही इसका परिचय हो जाता है इसके करने से पवन यानि वायु विकार दूर होता है। इसलिये इसे पवनमुक्तासन नाम से जानते …

योग का महत्व क्या है

योग का महत्व आधुनिक समय में योग का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसके बढ़ने का एकमात्र कारण व्यस्तता और मन की व्यग्रता है। आधुनिक मनुष्य को आज योग की नितांत आवश्यकता है। बाबा रामदेव ने कहा है कि- ”जो रोज करेगा योग उसे न होगा कोई रोग’। अर्थात योग…

प्राणायाम का मुख्य उद्देश्य, लाभ, प्रकार

प्राणायाम दो शब्दों से मिलकर बना है - प्राण + आयाम। प्राण = जीवनी शक्ति। आयाम - विस्तार या धारण करना, नियंत्रण करना या रोकना, अर्थात श्वास तथा प्रश्वास की गति को अवरूद्व करना ही प्राणायाम है। जिस प्रकार स्वास्थ्य की वृद्धि के लिए व्यायाम का विशेष महत्…

अष्टांग योग के आठ अंग कौन-कौन से हैं ?

भारतवर्ष में योग साधना की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शंकर योग के आदि आचार्य माने जाते हैं, तो भगवान श्रीकृष्ण योगीराज। वेदों में तो योग का गंभीर विवेचन किया है। योगदर्शन के प्रणेता महर्षि पतंजलि पहले ही सूत्…

योग दर्शन का परिचय | Yog Darshan Ka Parichay

‘दर्शन' शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के 'दृश' धातु से हुई है, जिसका अर्थ है देखना। दर्शन शब्द का अर्थ है “दृश्यते अनेन इति दर्शनम् " जिसके द्वारा देखा - जाय तो वह दर्शन है, अर्थात वस्तु का वास्तविक स्वरूप जाना जाय वह दर्शन है । वेदों…

कपालभाति प्राणायाम कैसे करें और इसके क्या फायदे हैं?

कपाल का अर्थ है मस्तिष्कए व भॉंति का अर्थ होता है चमकाना,अर्थात प्रकासित करना। कपालभाति की क्रिया में मतिष्क का का शोधन होता है। वस्तुतः कपालभाति शोधन की ही क्रिया है परन्तु कई जगह इसे प्राणायाम की क्रिया भी कहा गया है।कपालभाति की एक प्रक्रिया में श्व…

योग क्या है वर्तमान में इसकी योग उपयोगिता ?

योग एक आध्यात्मिक विद्या है किन्तु आधुनिक समय में योग का उन्नयन एवं विकास स्वास्थ्य योग विज्ञान के रूप में हो रहा है। आज योग को स्वास्थ्य के क्षेत्र में असीम सफलता प्राप्त हो रही है और लोग इससे पूर्णरूप से प्रभावित एवं लाभान्वित हो रहें हैं। योग और आय…

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